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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली को हरी झंडी - उत्तर प्रदेश में नौकरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

प्रदेश सरकार ने जारी किया आदेश
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Published : Nov 21, 2020, 4:49 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूपीएसएससी की प्रिलिमनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (पेट) की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए राह आसान होगी. अब वे परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. पेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा फॉर्म भी नहीं भरने होंगे.

मार्च-अप्रैल में भेजा था प्रस्ताव
उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यह प्रस्ताव इस वर्ष मार्च-अप्रैल में ही शासन को भेजा था, लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) का ऐलान किया. इसके तहत प्री परीक्षा पूरे देश में एनआरए से कराने का प्रावधान किया गया. वहीं मुख्य परीक्षा राज्यों को आयोजित करने की व्यवस्था दी गई थी. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इसमें शामिल होने का ऐलान कर दिया. इससे यूपीएसएसएससी का भेजा गया प्रस्ताव रुक गया. प्रदेश में भर्तियों पर भी विराम लग गया, इसलिए सरकार ने इस पर पुनः मंथन किया और आयोग के द्विस्तरीय स्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली को कुछ संशोधन के साथ हरी झंडी दे दी. सरकार के इस फैसले से एनआरए के क्रियाशील होने तक आयोग अपनी प्रणाली से भर्ती का आयोजन कर सकेगा.

साल में एक बड़ी परीक्षा
अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. जारी आदेश ने कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीन आवेदन प्रक्रिया एवं द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है. प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन वार्षिक रूप से किया जाएगा. यानी कि साल में एक बड़ी परीक्षा कराई जाएगी. इस परीक्षा में प्राप्त अंक अगले एक वर्ष अथवा केंद्र सरकार द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में प्राप्त अंक जो भी पहले हो, तक के लिए प्रभावी होंगे. राष्ट्रीय भर्ती परीक्षा (एनआरए) के गठन के उपरांत आयोग द्वारा मुख्य परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्टिंग हेतु एनआरए द्वारा आयोजित सामान्य अर्हता परीक्षा (सीईटी) के स्कोर का ही उपयोग किया जाएगा.

बार बार नहीं करना होगा आवेदन
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रीलिम्स के स्कोर के आधार पर ही हम मुख्य परीक्षा का आयोजन करेंगे. जो हमारी मुख्य परीक्षाएं होंगी, वह छोटी-छोटी होंगी. उदाहरण के तौर पर अभी 100 पद हों या 200 उनके लिए लाखों में आवेदन आते हैं. प्रदेश में साल में एक बड़ा एग्जाम कराएंगे. इसके बाद रिक्त पदों के लिए उनमें से ही अभ्यर्थियों को बुलाएंगे. उन्होंने बताया कि अब अलग-अलग पदों के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार आवेदन नहीं करना होगा. वह एक बार आवेदन करेंगे. उसी के आधार पर भर्ती में शामिल हो सकेंगे.

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की द्विस्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली (प्री व मेंस) के जरिए भर्ती संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूपीएसएससी की प्रिलिमनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट (पेट) की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए राह आसान होगी. अब वे परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं. पेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. अभ्यर्थियों को बार-बार परीक्षा फॉर्म भी नहीं भरने होंगे.

मार्च-अप्रैल में भेजा था प्रस्ताव
उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यह प्रस्ताव इस वर्ष मार्च-अप्रैल में ही शासन को भेजा था, लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) का ऐलान किया. इसके तहत प्री परीक्षा पूरे देश में एनआरए से कराने का प्रावधान किया गया. वहीं मुख्य परीक्षा राज्यों को आयोजित करने की व्यवस्था दी गई थी. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इसमें शामिल होने का ऐलान कर दिया. इससे यूपीएसएसएससी का भेजा गया प्रस्ताव रुक गया. प्रदेश में भर्तियों पर भी विराम लग गया, इसलिए सरकार ने इस पर पुनः मंथन किया और आयोग के द्विस्तरीय स्तरीय भर्ती परीक्षा प्रणाली को कुछ संशोधन के साथ हरी झंडी दे दी. सरकार के इस फैसले से एनआरए के क्रियाशील होने तक आयोग अपनी प्रणाली से भर्ती का आयोजन कर सकेगा.

साल में एक बड़ी परीक्षा
अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. जारी आदेश ने कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीन आवेदन प्रक्रिया एवं द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है. प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन वार्षिक रूप से किया जाएगा. यानी कि साल में एक बड़ी परीक्षा कराई जाएगी. इस परीक्षा में प्राप्त अंक अगले एक वर्ष अथवा केंद्र सरकार द्वारा भविष्य में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में प्राप्त अंक जो भी पहले हो, तक के लिए प्रभावी होंगे. राष्ट्रीय भर्ती परीक्षा (एनआरए) के गठन के उपरांत आयोग द्वारा मुख्य परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्टिंग हेतु एनआरए द्वारा आयोजित सामान्य अर्हता परीक्षा (सीईटी) के स्कोर का ही उपयोग किया जाएगा.

बार बार नहीं करना होगा आवेदन
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रीलिम्स के स्कोर के आधार पर ही हम मुख्य परीक्षा का आयोजन करेंगे. जो हमारी मुख्य परीक्षाएं होंगी, वह छोटी-छोटी होंगी. उदाहरण के तौर पर अभी 100 पद हों या 200 उनके लिए लाखों में आवेदन आते हैं. प्रदेश में साल में एक बड़ा एग्जाम कराएंगे. इसके बाद रिक्त पदों के लिए उनमें से ही अभ्यर्थियों को बुलाएंगे. उन्होंने बताया कि अब अलग-अलग पदों के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार आवेदन नहीं करना होगा. वह एक बार आवेदन करेंगे. उसी के आधार पर भर्ती में शामिल हो सकेंगे.

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