लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर नीति जारी होते ही विरोध तेज गया है. सप्ताह भर से चली खींचतान के बीच स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों ने दो घंटे कार्य बहिष्कार का एलान किया है. उनका कहना है- कर्मियों के अनुरोध पर ही स्थानांतरण किया जाए, मनमाना स्थानांतरण पर तत्काल रोक लगाई जाए.
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के पदाधिकारियों ने डीजी हेल्थ डॉ. डीएस नेगी से मुलाकात की. इस दौरान पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल संवर्ग व अन्य संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के नीतिगत स्थानांतरण को लेकर विरोध किया. पदाधिकारियों का कहना है कि कोविड काल में सिर्फ अनुरोध करने वाले कर्मियों का ही ट्रांसफर किया जाए. नीति के आधार पर ट्रांसफर न किया जाए.
ऐसे में नीति के विरोध में पीएमएस संवर्ग, नर्सिंग संवर्ग डिप्लोमा, फॉर्मासिस्ट एसोसिएशन, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश प्रयोगशाला प्राविधिक संघ, एक्सरे टेक्निशियन संघ, ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन, डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन, डार्करूम सहायक संघ, ईसीजी टेक्निशियन संघ, इलेक्ट्रीशियन संघ, टीबी मेल हेल्थ विजिटर संघ, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, यूपी प्रयोगशाला सहायक संघ, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ, प्रोविंशियल फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन, टीबी कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारी एकजुट हुए.
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ऐसे में नौ जुलाई से सुबह 8 बजे से 10 बजे तक 2 घंटे कार्य बहिष्कार का एलान किया. वहीं 12 जुलाई को प्रदेश भर के चिकित्सक-कर्मचारी महानिदेशालय का घेराव करेंगे. इस दौरान ओपीडी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी समेत आदि सेवाएं प्रभावित रहेंगी.
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