लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सक्रिय हैं. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेता कांग्रेस को झटके पर झटका दे रहे हैं. इधर लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी आगामी विधानसभा चुनाव में आधी आबादी को भरपूर नेतृत्व देने का एलान कर रही थीं, उधर प्रियंका के खास दो बड़े नेता पार्टी से दूर होने का एलान कर रहे थे. इधर प्रियंका गांधी के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने के कदम की सराहना हो रही थी, उधर कभी प्रियंका के ही करीबी रहे दो नेता उपेक्षा का आरोप लगाकर हाथ का साथ छोड़कर नेतृत्व को सोचने पर मजबूर कर रहे थे. जी हां, बात हो रही है पश्चिम उत्तर प्रदेश के पार्टी के दो कद्दावर नेता हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक की. इन दोनों नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से अलविदा कह दिया.
पार्टी से जारी है नेताओं की विदाई
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी जब भी उत्तर प्रदेश में मौजूद होती हैं और कोई भी बड़ा काम करती हैं तो उन्हें उनके ही अपने कोई न कोई झटका जरूर दे देते हैं. कभी ललितेश पति त्रिपाठी झटका देते हैं तो कभी राजाराम पाल. कभी विनोद चतुर्वेदी झटका देते हैं तो कभी पंकज मलिक और हरेंद्र मलिक. यह भी सोचने वाली बात है कि आखिर उसी समय ऐसा क्यों होता है और सभी यही आरोप लगाकर पार्टी से रुखसत क्यों होते हैं ? फिलहाल, मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के सलाहकार समिति के सदस्य हरेंद्र मलिक और प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक की पार्टी से विदाई हो गई है. अब वह अन्य नेताओं की तरह समाजवादी पार्टी की साइकिल की सवारी करने वाले हैं. एक से दो माह के अंदर ही पार्टी के बड़े-बड़े नेता हाथ झटक कर जा रहे हैं और कांग्रेस यूपी में बड़ी लड़ाई का एलान कर जीत का दावा कर रही है.
अभी पार्टी ने सौंपा था नेतृत्व
हाल ही में 15 अक्टूबर को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से उत्तर प्रदेश के लिए इलेक्शन स्ट्रेटजी एंड प्लानिंग कमेटी का एलान किया गया. इस कमेटी में पंकज मलिक को भी जगह दी गई. वरिष्ठ नेता राजेश मिश्रा को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया और पंकज मलिक को इस कमेटी का सदस्य. हरेंद्र मलिक की बात करें तो पार्टी ने उन्हें इलेक्शन कैंपेन कमेटी में पीएल पुनिया के नेतृत्व में सदस्य के रूप में जगह दी थी. बावजूद इसके दोनों ने ही स्ट्रेटजी बनाकर पूरी प्लानिंग कर कांग्रेस पार्टी से ही दूरी बना ली.
भले ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की जमीन उतनी मजबूत ना हो, लेकिन मजबूत करने के लिए पार्टी के नेता प्रियंका गांधी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही हैं. बावजूद इसके नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते पार्टी को बड़ा नुकसान हो रहा है. आखिर क्यों ऐसा हो रहा है कि पार्टी के लिए अब तक प्रिय रहने वाले लोग ही नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाकर अपनी ही पार्टी से दूर जा रहे हैं. जानकार मानते हैं कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो फिर प्रियंका गांधी चाहे जितने ही अच्छे काम क्यों न कर लें, कितनी ही मेहनत क्यों न कर लें, लेकिन नतीजे पार्टी के पक्ष में आना काफी मुश्किल होगा.