लखनऊः भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने परिवहन विभाग के दो अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर निलंबित कर दिया है. उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने दो सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को सस्पेंड किया है. इसमें इटावा के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सौरभ कुमार और गोरखपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्यामलाल राम शामिल हैं.
दो सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सस्पेंड
इटावा के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सौरभ कुमार को उप संभागीय परिवहन कार्यालय इटावा में कंगपोकपी (मणिपुर) के फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र, कूट रचित प्रमाण पत्र और कूट रचित चेसिस संख्या के आधार पर 45 वाहनों के रजिस्ट्रेशन करने और शासकीय उत्तरदायित्व के निर्माण के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में प्रथम दृष्टया उत्तरदाई पाते हुए सस्पेंड किया गया.
परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर 12 फरवरी को बस और ट्रक की दुर्घटना में 13 यात्रियों की मौत के कारणों की जांच में पाया कि बस में सीटें लंबाई-चौड़ाई, ओवर हैंग मानक के खिलाफ होने और आपातकालीन निकास द्वारा स्लीपर के कारण बाधित होने के बावजूद कार्यालय में पंजीकृत की गई. इसके लिए गोरखपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्यामलाल राम को दोषी माना गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
बता दें कि पिछले माह ही शासन की तरफ से परिवहन विभाग के चार अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी और अब दो अधिकारी और निलंबित कर दिए गए हैं.
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