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लखनऊः कांग्रेस मुख्यालय पर श्रद्धांजलि देकर शीला दीक्षित को किया गया याद - tribute to sheela dixit at up congress headquater

यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर आज कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया गया. कांग्रेस के पदाधिकारियों ने स्वर्गीय शीला दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

शीला दीक्षित को दी गई श्रद्धांजलि.
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Published : Jul 27, 2019, 7:30 PM IST

लखनऊः शीला दीक्षित के संस्मरण सभी कांग्रेसियों से जुड़े हैं. उन्होंने कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए. इस मौके पर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने शीला दीक्षित के साथ अपनी स्वर्णिम यादों को साझा किया. श्रद्धांजलि सभा में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव बाजीराव खाडे और सचिन नाईक भी मौजूद रहे. दोनों पदाधिकारियों ने स्वर्गीय शीला दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

शीला दीक्षित को दी गई श्रद्धांजलि.

वरिष्ठ पदाधिकारी हनुमान प्रसाद त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर उन्होंने उपस्थित कांग्रेसीजनों को बताया कि शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. उनकी राजनीति की शुरुआत तो यूपी से हुई थी. वे यूपी की बहू भी थीं. उन्नाव में उनकी शादी हुई थी और कन्नौज से वे पहली बार सांसद बनी. पुराने नेताओं ने शीला दीक्षित से राजनीति के गुर सीखे और तमाम नेताओं की गुरू रही हैं.

इस मौके पर एआईसीसी सचिव सचिन नाईक और बाजीराव खाड़े ने भी शीला दीक्षित से जुड़े तमाम किस्सों को साझा किया और सभी से शीला दीक्षित के दिखाए और बताए रास्तों पर चलने का अनुरोध किया. इस मौके पर तमाम कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी शीला दीक्षित से जुड़े अपने स्मरण सभी के समक्ष प्रस्तुत किए.

लखनऊः शीला दीक्षित के संस्मरण सभी कांग्रेसियों से जुड़े हैं. उन्होंने कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए. इस मौके पर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने शीला दीक्षित के साथ अपनी स्वर्णिम यादों को साझा किया. श्रद्धांजलि सभा में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव बाजीराव खाडे और सचिन नाईक भी मौजूद रहे. दोनों पदाधिकारियों ने स्वर्गीय शीला दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए.

शीला दीक्षित को दी गई श्रद्धांजलि.

वरिष्ठ पदाधिकारी हनुमान प्रसाद त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर उन्होंने उपस्थित कांग्रेसीजनों को बताया कि शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. उनकी राजनीति की शुरुआत तो यूपी से हुई थी. वे यूपी की बहू भी थीं. उन्नाव में उनकी शादी हुई थी और कन्नौज से वे पहली बार सांसद बनी. पुराने नेताओं ने शीला दीक्षित से राजनीति के गुर सीखे और तमाम नेताओं की गुरू रही हैं.

इस मौके पर एआईसीसी सचिव सचिन नाईक और बाजीराव खाड़े ने भी शीला दीक्षित से जुड़े तमाम किस्सों को साझा किया और सभी से शीला दीक्षित के दिखाए और बताए रास्तों पर चलने का अनुरोध किया. इस मौके पर तमाम कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी शीला दीक्षित से जुड़े अपने स्मरण सभी के समक्ष प्रस्तुत किए.

Intro:लखनऊ। कांग्रेस मुख्यालय पर श्रद्धांजलि देकर शीला दीक्षित को किया गया याद

लखनऊ। यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर आज कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर तमाम कांग्रेसी नेताओं ने शीला दीक्षित के साथ अपनी स्वर्णिम यादों को साझा किया। श्रद्धांजलि सभा में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव बाजीराव खाडे और सचिन नाईक भी मौजूद रहे। दोनों पदाधिकारियों ने स्वर्गीय शीला दीक्षित के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


Body:वरिष्ठ पदाधिकारी हनुमान प्रसाद त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित कांग्रेसजनों को बताया कि शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। उनकी राजनीति की शुरुआत तो यूपी से हुई ही थी वे यूपी की बहू भी थीं। उन्नाव में उनकी शादी हुई थी और कन्नौज से वे पहली बार सांसद बनीं। पुराने नेताओं ने शीला दीक्षित से राजनीति के गुर सीखे। तमाम नेताओं की गुरु रही हैं। इस मौके पर एआईसीसी सचिव सचिन नाईक और बाजीराव खाड़े ने भी शीला दीक्षित से जुड़े तमाम किस्सों को साझा किया और सभी से शीला दीक्षित के दिखाए और बताएं रास्तों पर चलने का अनुरोध किया। इस मौके पर तमाम कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी शीला दीक्षित से जुड़े अपने स्मरण सभी के समक्ष प्रस्तुत किए।


Conclusion:बाइट: सचिन नाईक, सचिव, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी
शीला दीक्षित के संस्मरण सभी कांग्रेसियों से जुड़े हैं। उन्होंने कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए। तीन बार वे दिल्ली से मुख्यमंत्री रहीं। वर्तमान में वे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं। केरल की राज्यपाल भी रहीं। जब भी कांग्रेस खराब स्थिति में थी तब कांग्रेस को आगे बढ़ाने के लिए शीला दीक्षित हमेशा आगे रहीं। जब कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी बनी थीं। उस समय कांग्रेस की स्थिति खराब थी तो शीला दीक्षित ने सोनिया गांधी के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाने में मदद की थी। आज वह हमारे बीच नहीं है यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी क्षति है।

अखिल पांडेय, लखनऊ 9336864096
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