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Treatment of Filariasis : फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 फरवरी से चलेगा दवा खिलाने का अभियान, जानिए एनएचएम का प्लान - एनएचएम का प्लान

फाइलेरिया से बचाव (Treatment of Filariasis) के लिए नेशनल हेल्थ मिशन 10 फरवरी से लोगों को दवा खिलाने का अभियान शुरू करेगा. एनएचएम के राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. लक्ष्मण सिंह के अनुसार अभियान की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं.

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Published : Feb 6, 2023, 10:07 PM IST

लखनऊ : फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाओं का सेवन करें. इससे काफी हद तक हाथीपांव से बचाव मुमकिन है. प्रदेश में फाइलेरिया प्रभावित जिलों में 10 फरवरी से दवा खिलाने का अभियान शुरू होगा. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अभियान को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. वह सोमवार को हजरतगंज के होटल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित जिलों में 10 फरवरी से अभियान चलेगा. एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी. स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा विभिन्न स्थानों पर दवा सेवन के लिए बूथ भी लगेंगे. इस बार शहरी क्षेत्र में अपार्टमेंट्स और मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को खासकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है. जनपद की 51 लाख 14 हजार 982 लक्षित आबादी को शत प्रतिशत दवा सेवन कराने के लिए 8184 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 683 सुपरवाइजर और 4092 टीम कार्य करेगी. उन्होंने कहा कि इसे वर्ष 2027 तक प्राथमिकता से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है.

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है. एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को केवल एलबेंडाजोल खिलाई जाएगी. दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे. दवा खाली पेट नहीं खानी है. इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विमल वैशवार, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सोमनाथ, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी और उपस्थित रहे.

जी-20 व इनवेस्टर समिट की तैयारियां पूरी : स्वास्थ्य विभाग ने जी-20 व इनवेस्टर समिट के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. अस्थायी व अस्थाई अस्पताल बनाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं. मेहमानों की सेहत का खयाल रखने के लिए करीब 200 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. शहर में दो अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं. जो कार्यक्रम स्थल पर रहेंगे. तीन स्थायी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार पहले मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है. पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी से संबंधित जांच की सुविधा भी होगी. दूसरे जिलों से डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम लगाई गई हैं. इन डॉक्टरों के ठहरने का इंतजाम वहां रखा गया है जहां मेहमान ठहरेंगे. इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ को इंदिरानगर में ठहरने का इंतजाम किया गया है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि 90 से अधिक डॉक्टर व 90 पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ड्यूटी लगाई गई है. 25 से अधिक डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ को रिर्जव रखा गया है. उन्होंने बताया कि जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर ली गई है. सभी इमरजेंसी को अलर्ट कर दिया गया है. 17 से अधिक एम्बुलेंस लगाई गई हैं. जो अलग-अलग स्थानों पर खड़ी होंगी.

यह भी पढ़ें : Saharanpur news : मंत्री असीम अरुण बोले, समाज को बांटना चाहते हैं अखिलेश यादव

लखनऊ : फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाओं का सेवन करें. इससे काफी हद तक हाथीपांव से बचाव मुमकिन है. प्रदेश में फाइलेरिया प्रभावित जिलों में 10 फरवरी से दवा खिलाने का अभियान शुरू होगा. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) में राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि अभियान को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. वह सोमवार को हजरतगंज के होटल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित जिलों में 10 फरवरी से अभियान चलेगा. एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी. स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा विभिन्न स्थानों पर दवा सेवन के लिए बूथ भी लगेंगे. इस बार शहरी क्षेत्र में अपार्टमेंट्स और मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों को खासकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है. जनपद की 51 लाख 14 हजार 982 लक्षित आबादी को शत प्रतिशत दवा सेवन कराने के लिए 8184 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर, 683 सुपरवाइजर और 4092 टीम कार्य करेगी. उन्होंने कहा कि इसे वर्ष 2027 तक प्राथमिकता से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है.

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है. एक से दो वर्ष की आयु के बच्चों को केवल एलबेंडाजोल खिलाई जाएगी. दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे. दवा खाली पेट नहीं खानी है. इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विमल वैशवार, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सोमनाथ, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी और उपस्थित रहे.

जी-20 व इनवेस्टर समिट की तैयारियां पूरी : स्वास्थ्य विभाग ने जी-20 व इनवेस्टर समिट के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. अस्थायी व अस्थाई अस्पताल बनाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं. मेहमानों की सेहत का खयाल रखने के लिए करीब 200 डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है. शहर में दो अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं. जो कार्यक्रम स्थल पर रहेंगे. तीन स्थायी अस्पतालों में जरूरत के अनुसार पहले मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है. पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी से संबंधित जांच की सुविधा भी होगी. दूसरे जिलों से डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम लगाई गई हैं. इन डॉक्टरों के ठहरने का इंतजाम वहां रखा गया है जहां मेहमान ठहरेंगे. इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ को इंदिरानगर में ठहरने का इंतजाम किया गया है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि 90 से अधिक डॉक्टर व 90 पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ड्यूटी लगाई गई है. 25 से अधिक डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ को रिर्जव रखा गया है. उन्होंने बताया कि जरूरी दवाओं की व्यवस्था कर ली गई है. सभी इमरजेंसी को अलर्ट कर दिया गया है. 17 से अधिक एम्बुलेंस लगाई गई हैं. जो अलग-अलग स्थानों पर खड़ी होंगी.

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