लखनऊ : 'सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को खुदबखुद जागरूक होना चाहिए. इसके लिए परिवहन विभाग लगातार अभियान भी चला रहा है. पांच जनवरी से चार फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया गया. इस दौरान लोगों को जागरूक करने के तमाम तरह के प्रयास किए गए. 10 माह के अपने परिवहन मंत्री के कार्यकाल में मैंने महसूस किया कि परिवहन विभाग का सबसे बड़ा काम सड़क सुरक्षा का है, लेकिन इसी काम को हम सबसे अंतिम पायदान पर रखते हैं, जबकि मैं समझता हूं सबसे प्रथम पर सड़क सुरक्षा को रखना चाहिए. आने वाले दिनों में इसमें बहुत व्यापक परिवर्तन किए जाएंगे.' उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने यह विचार पांच जनवरी से चार फरवरी तक परिवहन विभाग की तरफ से आयोजित सड़क सुरक्षा माह के समापन अवसर पर व्यक्त किए.
इस मौके पर परिवहन विभाग की तरफ से राज्य स्तरीय सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया. कार्यक्रम में विभिन्न तरह की प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा लोगों की दुर्घटना के दौरान मदद करने वाले 'गुड सेमेरिटन' को भी पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद, परिवहन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह मौजूद रहे. इसके अलावा परिवहन विभाग के तमाम अधिकारी भी उपस्थित रहे.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि कोरोना काल में जितनी दो साल में मौतें नहीं हुई हैं उससे ज्यादा मौतें हर साल उत्तर प्रदेश में हो रही हैं. यह चिंता का विषय है. जहां कोरोना काल के दो साल में 22 हजार लोग भी मौत का शिकार नहीं हुए, वहीं सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 23000 लोग सड़क दुर्घटना में मृत्यु का शिकार हो रहे हैं. इस पर हमें गंभीरता से विचार करना होगा. हरहाल में सड़क हादसों को रोकना है. इन आंकड़ों को हरहाल में 50 फीसद कम करना है. हमारी कोशिश होगी कि सड़क सुरक्षा के नियमों को लागू कराने के लिए, उनका पालन कराने के लिए अभियान चलाया जाए. सभी को जागरूक किया जाए.' परिवहन मंत्री ने चिंता व्यक्त की कि 'सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें युवाओं की हो रही हैं जो काफी चिंता का विषय है, क्योंकि यही हमारे देश का भविष्य हैं.'
परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित भी किया कि 'सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन अगर कोई मंत्री भी कर रहा हो या खुद मैं कर रहा हूं तो मेरे ऊपर भी कार्रवाई करिए. इस समय अगर आप योगी और मोदी के राज में कार्रवाई नहीं कर सकते तो कभी नहीं कर सकते.' परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू की प्रशंसा करते हुए परिवहन मंत्री ने कहा 'वे काफी विद्वान हैं इहलोक की जानकारी तो उन्हें है ही, परलोक के बारे में भी जानते हैं. वे काफी अध्यात्मिक हैं इसीलिए मुख्यमंत्री ने उन्हें परिवहन विभाग को सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी है'
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग जितिन प्रसाद ने कहा कि 'सड़क सुरक्षा मुख्यमंत्री की खास प्राथमिकताओं में से है. सड़क सुरक्षा से संबंधित जितनी दुर्घटनाएं होती हैं उनका नंबर कैसे कम हो इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने जो पहल की है उसमें सभी विभाग शामिल हैं. परिवहन विभाग इसका नोडल विभाग है. स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी आपस में सामंजस्य बिठाकर काम कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि सभी बाधाओं और चुनौतियों का सामना करते हुए वह आंकड़ा हम कम करेंगे. सड़क सुरक्षा माह में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया. पीडब्ल्यूडी ने ब्लैक स्पॉट खत्म किए. हम सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं.'
परिवहन विभाग की तरफ से सड़क सुरक्षा माह के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में गाने के जरिए सड़क सुरक्षा का संदेश दिया गया. इस मौके पर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भी सड़क सुरक्षा को लेकर अपने विचार रखे. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू ने कहा कि 'सड़क सुरक्षा माह में परिवहन विभाग ने बेहतर काम किया है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं के जो आंकड़े हैं वे काफी गंभीर हैं. इन आंकड़ों को हमें कम करना होगा. गंभीरता से इस तरफ परिवहन विभाग सहित सभी विभागों के अधिकारी ध्यान दें. हमें ज्यादा से ज्यादा जानें बचानी हैं. ईमानदारी से काम करना है. काम में दिखावा नहीं होना चाहिए. सिर्फ पुरस्कार लेने के लिए काम न किया जाए.' परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि 'सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग गंभीरता से काम कर रहा है और आगे भी गंभीरता से काम करेगा. हमारा लक्ष्य है कि हर हाल में दुर्घटनाओं को कम करें. परिवहन विभाग की अपील है कि सभी सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें.' मानव श्रृंखला बनाने के मामले में श्रावस्ती ने सबसे बेहतर काम किया, इसलिए श्रावस्ती की जिलाधिकारी नेहा प्रकाश को सम्मानित किया गया. दूसरा पुरस्कार संभल के जिलाधिकारी को तो तीसरा पुरस्कार बहराइच के जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र को दिया गया.
क्विज और चित्रकला में इन्हें मिला इनाम : राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में तान्या निगम को पहला, सिनिष्ठा को दूसरा, शैलेश्वरी सिंह को तीसरा स्थान मिला. निबंध प्रतियोगिता में संजय सिंह को पहला, अब्दुल रज्जाक को दूसरा, शत्रुघ्न पाल को तीसरा पुरस्कार मिला. प्रथम पुरस्कार ₹20 हजार, द्वितीय पुरस्कार ₹10 हजार और तृतीय पुरस्कार के रूप में ₹5 हजार, मोमेंटो और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.
इन्हें मिला गुड सेमेरिटन का पुरस्कार : बलिया के सुधीर कुमार, बलिया के मनोज कुमार गुप्ता, बलिया के अनिल कुमार गुप्ता, बलिया के पप्पू पांडेय, बलिया के नन्हे चौबे, बलिया के रतन तिवारी, बिजनौर के वीर सिंह चौधरी, बुलंदशहर के अनुज पवार, कन्नौज के संजीव, कन्नौज के आदित्य कुमार गुप्ता, फतेहपुर के अशोक तपस्वी, अलीगढ़ के अमन अग्रवाल, अलीगढ़ के जुनैद, हापुड़ के दानिश कुरैशी, कानपुर के प्रोफेसर संजय कुमार, कानपुर के रोडवेज अधिकारी एसपी सिंह, रामकृष्ण नगर की एडवोकेट मीनाक्षी गुप्त, बस्ती के अखिलेश ओझा
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