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....तो आरटीओ की नजर में लखनऊ में वाहन चलाते ही नहीं शराबी, आंकड़े दे रहे गवाही - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कराने के लिए लगातार चेकिंग अभियान चलाकर नियमों का मखौल उड़ाने वालों पर कार्रवाई करता है. सीट बेल्ट व हेलमेट के तो चालान बड़ी संख्या में किये जा रहे हैं, लेकिन शराब के नशे में वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई न के बराबर है.

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Published : Aug 12, 2023, 3:29 PM IST

लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में एक तरफ शराब पीने वालों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शराब पीकर वाहन चलाने पर परिवहन विभाग की कार्रवाई ठंडी ही पड़ती जा रही है. परिवहन विभाग ने चालकों के खिलाफ ड्रंकन ड्राइव के जो आंकड़े जारी किए गए हैं वह इतने कम हैं कि शर्म ही आ जाए. अगर लखनऊ के चार माह के ड्रंकन ड्राइव के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन चार महीने में एक भी चालान लखनऊ की प्रवर्तन टीम ने किया ही नहीं है. इसका तो मतलब यही निकलता है की लखनऊ में कोई भी शराब का सेवन कर वाहन चला ही नहीं रहा है. वहीं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के क्षेत्रों में भी परिवहन विभाग के आंकड़ों से माना जाए तो लोगों ने पीना छोड़ दिया है और अगर पी रहे हैं तो फिर वाहन नहीं चला रहे हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भी चालान के मामले में फिसड्डी हैं.



लखनऊ संभाग में सिर्फ 21, जोन में महज 154 चालान : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ संभाग की बात करें तो इन चार माह में सिर्फ 21 ड्रंकन ड्राइव के चालान हुए हैं. इनमें लखनऊ में एक भी नहीं, हरदोई में एक भी नहीं, लखीमपुर में चार, रायबरेली में आठ, सीतापुर में दो और उन्नाव में सिर्फ सात चालान किए गए हैं. कमोवेश यही स्थिति प्रदेश के सभी जिलों की है. अयोध्या संभाग का आंकड़ा सिर्फ 63 चालान का है. गोंडा आरटीओ का 44, बस्ती आरटीओ का आंकड़ा 26 चालान का है. कुल मिलाकर अगर लखनऊ जोन की बात करें तो चार माह में सिर्फ 154 चालान किए गए हैं. चार महीने का पूरे प्रदेश का आंकड़ा सिर्फ 994 है. सिर्फ इतने ही वाहन चालकों के खिलाफ ड्रंकन ड्राइव अपराध के मामले में कार्रवाई हुई है. यानी यह अनुपात एक महीने में 250 भी नहीं पहुंचा है.

परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े
परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े


पीएम, सीएम और परिवहन मंत्री के क्षेत्र का यह हाल : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी संभाग की बात की जाए तो यहां पर भी लखनऊ की ही तरह शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. यहां पर चार माह में सिर्फ 20 चालान किए गए. इनमें चंदौली में दो, गाजीपुर में एक भी नहीं, जौनपुर में एक और वाराणसी में 17 चालान हुए हैं. इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर की बात की जाए तो इस संभाग में भी सिर्फ 45 शराबियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. इनमें देवरिया में सात, कुशीनगर में सात, महाराजगंज में 18 और गोरखपुर में 11 पर एक्शन लिया गया. आजमगढ़ संभाग में शराब पीने वाले 55 चालकों पर कार्रवाई हुई, जिनमें परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के क्षेत्र बलिया में सिर्फ छह शराबियों पर एक्शन लिया गया. मऊ में 39 वाहन चालकों पर कार्रवाई हुई, वही आजमगढ़ में 10 शराबियों को कार्रवाई से गुजारना पड़ा. मिर्जापुर संभाग की बात करें तो तो 56 शराबियों पर कार्रवाई हुई. इनमें मिर्जापुर में 30, संत रविदास नगर में नौ, सोनभद्र में 17 शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर चालान की कार्रवाई की गई. कुल मिलाकर वाराणसी परिक्षेत्र में 174 ड्रंकन ड्राइविंग अपराध के चालान हुए.

परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े
परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े



बरेली जोन में 167 पर एक्शन : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बरेली संभाग की बात की जाए तो यहां पर शराबियों पर भी कम एक्शन हुआ है. सिर्फ 53 वाहन चालकों पर एक्शन लिया गया है. इनमें बदायूं में सात, बरेली में 20, पीलीभीत में पांच और शाहजहांपुर में 21 वाहन चालक शामिल है. मुरादाबाद संभाग में कुल 114 चालान हुए हैं जिनमें बिजनौर में 12, जेपी नगर में 32, मुरादाबाद में 38 रामपुर में 10 और संभल में 22 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई हुई. कुल मिलाकर बरेली जोन में 167 चालान हुए हैं.

आगरा जोन में यह है हालत : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, नशे की हालत में वाहन चलाने वाले आगरा जोन में कुल 173 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. आगरा संभाग में कुल 85 लोगों पर एक्शन लिया गया. फिरोजाबाद में चार, मैनपुरी में तीन, मथुरा में 10 और आगरा में 68 लोगों पर कार्रवाई हुई. इसी तरह अलीगढ़ संभाग में कुल 63 वाहन चालकों पर एक्शन लिया गया. एटा में 25, हाथरस में 10, कांशीराम नगर में तीन और अलीगढ़ में 25 वाहन चालक धरे गए. झांसी संभाग की बात की जाए तो कल 25 शराबियों पर एक्शन लिया गया, जिनमें जालौन में आधा दर्जन, ललितपुर में 19 और झांसी में एक भी चालान नहीं हुआ. झांसी संभाग में कुल मिलकर 25 शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई हुई.



परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि 'नशे की हालत में वाहन चलाना अपराध है. इस पर लगातार परिवहन विभाग के चेकिंग अधिकारी कार्रवाई करते हैं. जिन क्षेत्रों में ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, उन्हें चेतावनी जारी की जाएगी. हर हाल में ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही करनी ही है, हमने सभी चेकिंग अधिकारियों को ब्रेथ एनालाइजर इसीलिए उपलब्ध कराए हैं.'

यह भी पढ़ें : SGPGI और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने मिलकर शुरू किए नए पाठ्यक्रम

लखनऊ : राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में एक तरफ शराब पीने वालों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शराब पीकर वाहन चलाने पर परिवहन विभाग की कार्रवाई ठंडी ही पड़ती जा रही है. परिवहन विभाग ने चालकों के खिलाफ ड्रंकन ड्राइव के जो आंकड़े जारी किए गए हैं वह इतने कम हैं कि शर्म ही आ जाए. अगर लखनऊ के चार माह के ड्रंकन ड्राइव के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन चार महीने में एक भी चालान लखनऊ की प्रवर्तन टीम ने किया ही नहीं है. इसका तो मतलब यही निकलता है की लखनऊ में कोई भी शराब का सेवन कर वाहन चला ही नहीं रहा है. वहीं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के क्षेत्रों में भी परिवहन विभाग के आंकड़ों से माना जाए तो लोगों ने पीना छोड़ दिया है और अगर पी रहे हैं तो फिर वाहन नहीं चला रहे हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भी चालान के मामले में फिसड्डी हैं.



लखनऊ संभाग में सिर्फ 21, जोन में महज 154 चालान : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ संभाग की बात करें तो इन चार माह में सिर्फ 21 ड्रंकन ड्राइव के चालान हुए हैं. इनमें लखनऊ में एक भी नहीं, हरदोई में एक भी नहीं, लखीमपुर में चार, रायबरेली में आठ, सीतापुर में दो और उन्नाव में सिर्फ सात चालान किए गए हैं. कमोवेश यही स्थिति प्रदेश के सभी जिलों की है. अयोध्या संभाग का आंकड़ा सिर्फ 63 चालान का है. गोंडा आरटीओ का 44, बस्ती आरटीओ का आंकड़ा 26 चालान का है. कुल मिलाकर अगर लखनऊ जोन की बात करें तो चार माह में सिर्फ 154 चालान किए गए हैं. चार महीने का पूरे प्रदेश का आंकड़ा सिर्फ 994 है. सिर्फ इतने ही वाहन चालकों के खिलाफ ड्रंकन ड्राइव अपराध के मामले में कार्रवाई हुई है. यानी यह अनुपात एक महीने में 250 भी नहीं पहुंचा है.

परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े
परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े


पीएम, सीएम और परिवहन मंत्री के क्षेत्र का यह हाल : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी संभाग की बात की जाए तो यहां पर भी लखनऊ की ही तरह शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई. यहां पर चार माह में सिर्फ 20 चालान किए गए. इनमें चंदौली में दो, गाजीपुर में एक भी नहीं, जौनपुर में एक और वाराणसी में 17 चालान हुए हैं. इसी तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर की बात की जाए तो इस संभाग में भी सिर्फ 45 शराबियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. इनमें देवरिया में सात, कुशीनगर में सात, महाराजगंज में 18 और गोरखपुर में 11 पर एक्शन लिया गया. आजमगढ़ संभाग में शराब पीने वाले 55 चालकों पर कार्रवाई हुई, जिनमें परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के क्षेत्र बलिया में सिर्फ छह शराबियों पर एक्शन लिया गया. मऊ में 39 वाहन चालकों पर कार्रवाई हुई, वही आजमगढ़ में 10 शराबियों को कार्रवाई से गुजारना पड़ा. मिर्जापुर संभाग की बात करें तो तो 56 शराबियों पर कार्रवाई हुई. इनमें मिर्जापुर में 30, संत रविदास नगर में नौ, सोनभद्र में 17 शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर चालान की कार्रवाई की गई. कुल मिलाकर वाराणसी परिक्षेत्र में 174 ड्रंकन ड्राइविंग अपराध के चालान हुए.

परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े
परिवहन विभाग ने जारी किए आंकड़े



बरेली जोन में 167 पर एक्शन : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बरेली संभाग की बात की जाए तो यहां पर शराबियों पर भी कम एक्शन हुआ है. सिर्फ 53 वाहन चालकों पर एक्शन लिया गया है. इनमें बदायूं में सात, बरेली में 20, पीलीभीत में पांच और शाहजहांपुर में 21 वाहन चालक शामिल है. मुरादाबाद संभाग में कुल 114 चालान हुए हैं जिनमें बिजनौर में 12, जेपी नगर में 32, मुरादाबाद में 38 रामपुर में 10 और संभल में 22 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई हुई. कुल मिलाकर बरेली जोन में 167 चालान हुए हैं.

आगरा जोन में यह है हालत : परिवहन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, नशे की हालत में वाहन चलाने वाले आगरा जोन में कुल 173 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. आगरा संभाग में कुल 85 लोगों पर एक्शन लिया गया. फिरोजाबाद में चार, मैनपुरी में तीन, मथुरा में 10 और आगरा में 68 लोगों पर कार्रवाई हुई. इसी तरह अलीगढ़ संभाग में कुल 63 वाहन चालकों पर एक्शन लिया गया. एटा में 25, हाथरस में 10, कांशीराम नगर में तीन और अलीगढ़ में 25 वाहन चालक धरे गए. झांसी संभाग की बात की जाए तो कल 25 शराबियों पर एक्शन लिया गया, जिनमें जालौन में आधा दर्जन, ललितपुर में 19 और झांसी में एक भी चालान नहीं हुआ. झांसी संभाग में कुल मिलकर 25 शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई हुई.



परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि 'नशे की हालत में वाहन चलाना अपराध है. इस पर लगातार परिवहन विभाग के चेकिंग अधिकारी कार्रवाई करते हैं. जिन क्षेत्रों में ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, उन्हें चेतावनी जारी की जाएगी. हर हाल में ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्यवाही करनी ही है, हमने सभी चेकिंग अधिकारियों को ब्रेथ एनालाइजर इसीलिए उपलब्ध कराए हैं.'

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