लखनऊ : ट्रैक्टर ट्राली से पिछले दिनों हुए हादसों के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए थे. इसके लिए परिवहन विभाग ने समिति भी गठित की और समिति ने अपनी संस्तुति भी दी, लेकिन ईंट भट्ठा संचालक (briquette kiln operator) सरकार के पास पहुंच गए और अब परिवहन विभाग नकेल कसने के बजाय बैकफुट पर आ गया है. परिवहन विभाग अब जागरूकता अभियान चलाएगा.
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक्टर ट्रॉली स्वामियों को जागरूक किया जाएगा कि वे ट्रॉली का इस्तेमाल सिर्फ कृषि कार्यों के लिए ही करें. ट्राली का व्यावसायिक इस्तेमाल न हो (Trolley not for commercial use). इसके अलावा किसी भी कीमत पर ट्रॉली में सवारियां न ढोई जाएं (Do not carry passengers in trolley). अगर ट्रैक्टर ट्रॉली मालिक अपने घर का निर्माण कराते हैं और उस पर ईंटें लाते हैं तो इसे व्यवसाय की दृष्टि से नहीं देखा जाएगा. हां इसके लिए उन्हें चेकिंग के दौरान अधिकारियों के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह अपने ही घर के निर्माण के लिए ईंटें ले जा रहे हैं.
इसके अलावा इस बात की भी छूट दी जाएगी कि कृषि कार्यों के लिए अगर किसान ट्रॉली में मजदूर बिठाकर ले जा रहे हैं तो उन्हें सवारी नहीं माना जाएगा और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. अगर ट्रॉली का इस्तेमाल सवारी ढोने में या व्यावसायिक क्रियाकलाप में किया जाएगा तो कार्रवाई भी जरूर की जाएगी. बताया जा रहा है कि पहले परिवहन विभाग ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर सख्त नियम बनाने की योजना बना रहा था, लेकिन ईंट भट्ठा मालिकों के दबाव के आगे परिवहन विभाग को झुकना पड़ा और अब सिर्फ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.