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सीमा पर रोके जाएंगे भारी वाहन, प्रदूषण ज्यादा मिला तो कटेगा चालान

राजधानी लखनऊ में प्रदूषण (pollution) को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने नए सिरे से योजना बनाना शुरू कर दिया है. इसको लेकर कई कदम उठाए जाएंगे, जिसके लिए निर्देश दिए गए हैं.

परिवहन विभाग
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Published : Jun 6, 2021, 2:23 AM IST

लखनऊ: वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर परिवहन विभाग अब सख्त हो गया है. इसके लिए परिवहन विभाग ने नए सिरे से योजना भी बनाना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में प्रदूषण फैलाने वाले भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसके लिए चेकिंग दस्ता तैनात होगा. मानक न पूरे होने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चालान भी काटा जाएगा.

रोजाना लाखों वाहन करते हैं आवागमन

राजधानी में सामान्य दिनों में लाखों वाहन आवागन करते हैं. इनमें मानक पूरा न होने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे वाहनों का अभी 5000 रुपये का चालान काटा जाता था. वहीं, अब परिवहन निगम बसें समेत अन्य प्राइवेट बसें भी शहर के बाहर से संचालित होंगी. जिन शहरों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होगा, वहां उसके स्तर को कम करने के लिए कई तैयारियां की गई हैं. सबसे पहले ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी होने की वैधता की निगरानी होगी. प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता खत्म होने पर वाहन मालिकों को प्रदूषण जांच के लिए मोबाइल पर मैसेज भेजने की भी तैयारी है.

पढ़ें: यूपी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज, राधा मोहन सिंह आज राज्यपाल से करेंगे मुलाकात !


योजना बनाने के दिए गए निर्देश

परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि प्रदूषण को रोकने लिए अधिकारियों को नए सिरे से योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं. वाहनों से निकलने वाले काले धुंए की जांच के लिए चेकिंग अभियान चलाएंगे. रोडवेज बसों को शहर के बाहर ठहराव दिया जाएगा, ताकि शहर के भीतर बसों से जाम की भी समस्या कम हो सके.

लखनऊ: वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर परिवहन विभाग अब सख्त हो गया है. इसके लिए परिवहन विभाग ने नए सिरे से योजना भी बनाना शुरू कर दिया है. आने वाले दिनों में प्रदूषण फैलाने वाले भारी वाहनों का शहर में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसके लिए चेकिंग दस्ता तैनात होगा. मानक न पूरे होने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चालान भी काटा जाएगा.

रोजाना लाखों वाहन करते हैं आवागमन

राजधानी में सामान्य दिनों में लाखों वाहन आवागन करते हैं. इनमें मानक पूरा न होने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे वाहनों का अभी 5000 रुपये का चालान काटा जाता था. वहीं, अब परिवहन निगम बसें समेत अन्य प्राइवेट बसें भी शहर के बाहर से संचालित होंगी. जिन शहरों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होगा, वहां उसके स्तर को कम करने के लिए कई तैयारियां की गई हैं. सबसे पहले ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी होने की वैधता की निगरानी होगी. प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता खत्म होने पर वाहन मालिकों को प्रदूषण जांच के लिए मोबाइल पर मैसेज भेजने की भी तैयारी है.

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योजना बनाने के दिए गए निर्देश

परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि प्रदूषण को रोकने लिए अधिकारियों को नए सिरे से योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं. वाहनों से निकलने वाले काले धुंए की जांच के लिए चेकिंग अभियान चलाएंगे. रोडवेज बसों को शहर के बाहर ठहराव दिया जाएगा, ताकि शहर के भीतर बसों से जाम की भी समस्या कम हो सके.

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