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परिवहन निगम के एमडी ने दी सफाई, कहा- यात्रियों से नहीं वसूला जा रहा किसी तरह का किराया

सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर किराया लेने की अफवाह के बाद परिवहन निगम के एमडी ने इस मामले पर सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि यात्रियों से कोई किराया नहीं वसूला जा रहा है.

परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर
परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर
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Published : May 14, 2020, 10:32 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर किराया वसूली पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की सभी बसें यात्रियों को निशुल्क उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं. किसी भी यात्री से कोई किराया नहीं वसूला जा रहा है. प्रदेश भर में जहां भी जिला प्रशासन को रोडवेज बसों की आवश्यकता हो रही है, वहां बसें भेजी जा रही हैं. किराया वसूले जाने की बात पूरी तरह से गलत है. बता दें कि सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें चल रही हैं कि यात्रियों को घर पहुंचाने के लिए उनसे किराया लिया जा रहा है.

परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ खबरें चल रही हैं कि दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर नोएडा और गाजियाबाद को यात्रियों को आने के लिए परिवहन निगम 10 हजार से 12 हजार टैक्सी का किराया चार्ज किया जा रहा है. इस संबंध में जितनी भी सेवाएं अब तक परिवहन निगम ने एयरपोर्ट से लेकर गाजियाबाद या नोएडा आने के लिए दी हैं, वह सब निशुल्क हैं. किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया गया है.

प्रोटोकॉल के मुताबिक घर जा रहे हैं यात्री

उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक जो भी यात्री बाहर से आ रहे हैं, संबंधित जिला प्रशासन अपने जिले में ले जाकर उन्हें क्वारंटाइन करते हैं. यात्रियों की स्क्रीनिंग होती है, हेल्थ चेकअप और डॉक्यूमेंटेशन होता है. क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उनको गंतव्य स्थान तक भेजा जाता है. क्वारंटाइन अवधि कंप्लीट करने के बाद अगर उन्हें अपने निजी जनपद में जाना है तो अपने निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर टैक्सी उपलब्ध है तो उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं अगर जिला प्रशासन को लगता है कि ज्यादा संख्या में लोग हैं और बसों को डेस्टिनेशन पर भेजना है तो लोगों को परिवहन निगम की बसों से भेजा जाता है.

टैक्सी के किराये को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन

डॉ. राजशेखर ने बताया कि अगर 250 किलोमीटर के रेडियस में छोटे वाहनों से जाना चाहें तो परिवहन निगम की स्थानीय स्तर पर जो टैक्सी हैं उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टैक्सी का जो रेट था उसे लेकर कुछ कंफ्यूजन था उस पर अब उचित निर्णय लेने के लिए परिवहन निगम ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. उन्होंने बताया कि कमेटी में मुख्य प्रधान प्रबंधक (ऑपरेशन), मुख्य प्रधान प्रबंधक (तकनीकी) और आरटीओ शामिल हैं. 24 घंटे में यह समिति इस पर अपना निर्णय लेगी. निर्णय लेने के बाद परिवहन निगम आवश्यक कार्रवाई करेगा. एमडी ने कहा कि परिवहन निगम इस विषम परिस्थिति में जनता की सेवा के लिए कटिबद्ध है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर किराया वसूली पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि परिवहन निगम की सभी बसें यात्रियों को निशुल्क उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं. किसी भी यात्री से कोई किराया नहीं वसूला जा रहा है. प्रदेश भर में जहां भी जिला प्रशासन को रोडवेज बसों की आवश्यकता हो रही है, वहां बसें भेजी जा रही हैं. किराया वसूले जाने की बात पूरी तरह से गलत है. बता दें कि सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें चल रही हैं कि यात्रियों को घर पहुंचाने के लिए उनसे किराया लिया जा रहा है.

परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ खबरें चल रही हैं कि दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर नोएडा और गाजियाबाद को यात्रियों को आने के लिए परिवहन निगम 10 हजार से 12 हजार टैक्सी का किराया चार्ज किया जा रहा है. इस संबंध में जितनी भी सेवाएं अब तक परिवहन निगम ने एयरपोर्ट से लेकर गाजियाबाद या नोएडा आने के लिए दी हैं, वह सब निशुल्क हैं. किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया गया है.

प्रोटोकॉल के मुताबिक घर जा रहे हैं यात्री

उन्होंने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक जो भी यात्री बाहर से आ रहे हैं, संबंधित जिला प्रशासन अपने जिले में ले जाकर उन्हें क्वारंटाइन करते हैं. यात्रियों की स्क्रीनिंग होती है, हेल्थ चेकअप और डॉक्यूमेंटेशन होता है. क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उनको गंतव्य स्थान तक भेजा जाता है. क्वारंटाइन अवधि कंप्लीट करने के बाद अगर उन्हें अपने निजी जनपद में जाना है तो अपने निजी वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर टैक्सी उपलब्ध है तो उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं अगर जिला प्रशासन को लगता है कि ज्यादा संख्या में लोग हैं और बसों को डेस्टिनेशन पर भेजना है तो लोगों को परिवहन निगम की बसों से भेजा जाता है.

टैक्सी के किराये को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन

डॉ. राजशेखर ने बताया कि अगर 250 किलोमीटर के रेडियस में छोटे वाहनों से जाना चाहें तो परिवहन निगम की स्थानीय स्तर पर जो टैक्सी हैं उसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इस टैक्सी का जो रेट था उसे लेकर कुछ कंफ्यूजन था उस पर अब उचित निर्णय लेने के लिए परिवहन निगम ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. उन्होंने बताया कि कमेटी में मुख्य प्रधान प्रबंधक (ऑपरेशन), मुख्य प्रधान प्रबंधक (तकनीकी) और आरटीओ शामिल हैं. 24 घंटे में यह समिति इस पर अपना निर्णय लेगी. निर्णय लेने के बाद परिवहन निगम आवश्यक कार्रवाई करेगा. एमडी ने कहा कि परिवहन निगम इस विषम परिस्थिति में जनता की सेवा के लिए कटिबद्ध है.

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