लखनऊ: यूपी में माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से नई तबादला नीति जारी कर दी गई है. तबादले के लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे. साथ ही विभागीय मंत्री को भी तबादले करने के अधिकार दिए गए हैं. वह अधिकतम 4 फीसद तबादले कर सकेंगे. तबादलों के लिए जिलावार, विषयवार, रिक्त पदों का विवरण ऑनलाइन जारी किया जाएगा.
राजकीय विद्यालय में कार्यरत कुल प्राचार्य, प्राध्यापकों, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम 10% तबादले किए जाएंगे. इसमें शिक्षक, शिक्षक के परिजन के असाध्य रोग से पीड़ित होने और उनके पति या पत्नी के भारतीय सेना अर्धसैनिक बल में तैनात होने पर प्राथमिकता दी जाएगी.
तबादलों के भारांक के लिए 10 श्रेणियां निर्धारित की गई है.आवेदन भारांक के आधार पर ही प्राथमिकता के क्रम में निस्तारित किए जाएंगे. जिन विद्यालयों में एक विषय में 1 से अधिक पद सृजित हैं, लेकिन एक ही कार्यरत हैं, उनका स्थानांतरण नहीं होगा.
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तबादला नीति में इन बिंदुओं पर जोर
- राजकीय विद्यालयों में कार्यरत कुल प्राचार्य प्राध्यापकों, प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों की संख्या के सापेक्ष अधिकतम 10 फीसद तबादले किए जाएंगे.
- महत्वकांक्षी जिलों व 100 विकास खंडों में कार्य शिक्षक तबादले के लिए आवेदन तो कर सकेंगे, लेकिन उन्हें तब तक कार्य मुख्य नहीं किया जाएगा,जब तक उनकी जगह दूसरे शिक्षक कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेते.
- लखनऊ गाजियाबाद में गौतम बुद्ध नगर के सभी शिक्षक मेरठ, आगरा, वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज के जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विद्यालय ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया से बाहर होंगे. उनके शिक्षक अन्य जिलों में तबादले का आवेदन कर सकते हैं. लेकिन अन्य जिलों के शिक्षक यहां पर ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं.
- जिन स्कूलों में एक विषय में एक ही शिक्षक कार्यरत हैं, वहां तबादला नहीं किया जाएगा.
- तबादले के लिए वरीयता के हिसाब से 5 विकल्प देने होंगे.
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