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प्राथमिक शिक्षकों का ऑनलाइन होगा स्थानांतरण, नई नीति जारी

योगी सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नई तबादला नीति का एलान किया है. सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का एलान किया है.

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बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी.
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Published : Dec 3, 2019, 4:06 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नई तबादला नीति का एलान कर दिया है. इस बार उन शिक्षकों को भी अंतरजनपदीय तबादला मिल सकेगा, जिन्होंने अपनी तैनाती वाले जिले में तीन साल का सेवाकाल पूरा कर लिया है. महिला शिक्षकों को यह सुविधा एक साल के सेवाकाल पर ही मिलेगी.

योगी सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नई तबादला नीति का एलान किया है.


नई तबादला नीति का एलान

  • सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का एलान किया है.
  • 20 दिसंबर 2019 से 20 जनवरी 2020 तक परिषदीय शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  • आवेदन पत्रों का परीक्षण 21 जनवरी से 5 फरवरी तक पूरा किया जाएगा.
  • शिक्षकों के स्थानांतरण, दावे, आपत्तियों का निपटारा 6 से 20 फरवरी तक किया जाएगा.
  • 15 मार्च तक स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

सतीश द्विवेदी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया लागू किए जाने से भेदभाव, पक्षपात और भ्रष्टाचार की शिकायतें शून्य हो जाएंगी. जिलेवार शिक्षकों की रिक्तियों का विवरण भी बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर दिया जाएगा. सभी बीएसए अपने जिलों में रिक्तियों की सूचना बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को भेजेंगे. किसी भी जिले में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 15% सीमा तक ही तबादले किए जाएंगे. नई स्थानांतरण नीति में कई बदलाव किए गए हैं.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर के तीन दिवसीय दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुल का करेंगे लोकार्पण

इसके तहत उन शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा, जो किसी जिले में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा कर चुके हैं. महिला शिक्षकों को एक साल के सेवाकाल पर ही दूसरे जिले में स्थानांतरण मिल सकेगा. उन शिक्षकों को भी स्थानांतरण में वरीयता मिलेगी, जिनके पति या पत्नी में से कोई भी भारतीय सेना या अर्धसैनिक बलों में कार्यरत हैं. दिव्यांग और असाध्य रोग के आधार पर भी शिक्षकों के स्थानांतरण को वरीयता दी जाएगी. अंकों के आधार पर भी शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा. इसमें उनके सेवाकाल, राज्य, राष्ट्र स्तर पुरस्कार प्राप्त शिक्षक , दिव्यांग या असाध्य रोग पीड़ित परिजन और भारतीय सेना या अर्ध सैनिक बल में कार्यरत जीवनसाथी के लिए अलग-अलग वरीयता अंक निर्धारित किए गए हैं. स्थानांतरण पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किए जाएंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नई तबादला नीति का एलान कर दिया है. इस बार उन शिक्षकों को भी अंतरजनपदीय तबादला मिल सकेगा, जिन्होंने अपनी तैनाती वाले जिले में तीन साल का सेवाकाल पूरा कर लिया है. महिला शिक्षकों को यह सुविधा एक साल के सेवाकाल पर ही मिलेगी.

योगी सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की नई तबादला नीति का एलान किया है.


नई तबादला नीति का एलान

  • सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने का एलान किया है.
  • 20 दिसंबर 2019 से 20 जनवरी 2020 तक परिषदीय शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे.
  • आवेदन पत्रों का परीक्षण 21 जनवरी से 5 फरवरी तक पूरा किया जाएगा.
  • शिक्षकों के स्थानांतरण, दावे, आपत्तियों का निपटारा 6 से 20 फरवरी तक किया जाएगा.
  • 15 मार्च तक स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

सतीश द्विवेदी ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया लागू किए जाने से भेदभाव, पक्षपात और भ्रष्टाचार की शिकायतें शून्य हो जाएंगी. जिलेवार शिक्षकों की रिक्तियों का विवरण भी बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर दिया जाएगा. सभी बीएसए अपने जिलों में रिक्तियों की सूचना बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को भेजेंगे. किसी भी जिले में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 15% सीमा तक ही तबादले किए जाएंगे. नई स्थानांतरण नीति में कई बदलाव किए गए हैं.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर के तीन दिवसीय दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पुल का करेंगे लोकार्पण

इसके तहत उन शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा, जो किसी जिले में तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा कर चुके हैं. महिला शिक्षकों को एक साल के सेवाकाल पर ही दूसरे जिले में स्थानांतरण मिल सकेगा. उन शिक्षकों को भी स्थानांतरण में वरीयता मिलेगी, जिनके पति या पत्नी में से कोई भी भारतीय सेना या अर्धसैनिक बलों में कार्यरत हैं. दिव्यांग और असाध्य रोग के आधार पर भी शिक्षकों के स्थानांतरण को वरीयता दी जाएगी. अंकों के आधार पर भी शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा. इसमें उनके सेवाकाल, राज्य, राष्ट्र स्तर पुरस्कार प्राप्त शिक्षक , दिव्यांग या असाध्य रोग पीड़ित परिजन और भारतीय सेना या अर्ध सैनिक बल में कार्यरत जीवनसाथी के लिए अलग-अलग वरीयता अंक निर्धारित किए गए हैं. स्थानांतरण पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किए जाएंगे.

Intro:लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों की नई तबादला नीति का ऐलान कर दिया है इस बार उन शिक्षकों को भी अंतर्जनपदीय तबादला मिल सकेगा जिन्होंने अपनी तैनाती वाले जिले में 3 साल का सेवा काल पूरा कर लिया है. महिला शिक्षकों को यह सुविधा 1 साल के सेवाकाल पर ही मिल सकेगी.


Body:उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार प्राथमिक शिक्षा के परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण आवेदन स्वीकार करने का ऐलान किया है इसके तहत 20 दिसंबर से 20 जनवरी तक परिषदीय शिक्षक अपने स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे आवेदन पत्रों का परीक्षण 21 जनवरी से 5 फरवरी तक पूरा किया जाएगा सभी शिक्षकों के स्थानांतरण दावे आपत्तियों का निपटारा 6 से 20 फरवरी तक किया जाएगा और 15 मार्च तक स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ईटीवी भारत को बताया प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया लागू किए जाने से भेदभाव,पक्षपात और भ्रष्टाचार की शिकायतें शून्य हो जाएंगी. जिला वार शिक्षकों की रिक्तियों का विवरण भी बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर दिया जाएगा. सभी बीएसए अपने जिलों में रिक्तियों की सूचना बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को भेजेंगे .शिक्षकों को कहा गया है कि वह पांच अलग-अलग जिलों का विकल्प अनिवार्य रूप से देंगे जिलों का दोहराव नहीं किया जाएगा किसी भी जिले में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 15% सीमा तक ही तबादले किए जाएंगे .उन्होंने बताया कि नई स्थानांतरण नीति में को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव किए गए हैं इसके तहत उन शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा सकेगा जो किसी जिले में 3 वर्ष का सेवाकाल पूरा कर चुके हैं महिला शिक्षकों को 1 साल के सेवाकाल पर ही दूसरे जिले में स्थानांतरण मिल सकेगा. यही इतना नहीं उन शिक्षकों को भी स्थानांतरण में वरीयता मिलेगी जिनके पति या पत्नी में से कोई भी भारतीय सेना या अर्धसैनिक बलों में कार्यरत हैं दिव्यांग का और असाध्य रोग के आधार पर भी शिक्षकों के स्थानांतरण को वरीयता दी जाएगी उन्होंने बताया कि इसी तरह से सभी अलग-अलग आधार के लिए पहले से ही वरीयता अंक निर्धारित कर दिए गए हैं. अंकों के आधार पर ही शिक्षकों को स्थानांतरण किया जाएगा. इसमें उनके सेवाकाल, राज्य, राष्ट्र स्तर पुरस्कार प्राप्त शिक्षक , दिव्यांग या असाध्य रोग पीड़ित परिजन और भारतीय सेना या अर्ध सैनिक बल में कार्यरत जीवनसाथी के लिए अलग-अलग वरीयता अंक निर्धारित किए गए हैं. स्थानांतरण पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से किए जाएंगे.

बाइट सतीश त्रिवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश

पीटीसी अखिलेश तिवारी


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