लखनऊ : आने वाले दिनों में लखनऊ से बाराबंकी, रूदौली, रौजागांव और पटरंगा रेलखंड पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ती हुई नजर आएंगी. इससे यात्रियों के समय की बचत हो सकेगी. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए डबल लाइन और इलेक्ट्रिक लाइन के काम को और भी रफ्तार दे दी है. यह काम अब आखिरी दौर में है. सोमवार को रेल संरक्षा आयुक्त दिनेश चंद देशवाल लखनऊ पहुंचे और उन्होंने रुदौली, रौजागांव, पटरंगा रेलखंड के अलावा बाराबंकी से जौनपुर रेलखंड वाया अकबरपुर और दर्शंनगर-अकबरपुर, शाहगंज-जौनपुर, रुदौली-सोहावल, सफदरगंज से रसौली और अयोध्या-दर्शननगर रेलखंड को बारीकी से परखा. डबल रेल लाइन पर बिजली से ट्रेनों का संचालन करना काफी आसान होगा.
रेल संरक्षा आयुक्त ने किया निरीक्षण : रेल संरक्षा आयुक्त दिनेश चंद देशवाल ने सोमवार को निरीक्षण के दौरान स्टेशन पर पैनल रूम, संरक्षा अभिलेखों, संरक्षा संबंधी कार्यालयों, संरक्षा के सभी आवश्यक मानकों, संसाधनों, उपकरणों को देखा. रेलपथ सहित अन्य जरूरी प्रक्रियाओं का ट्रॉली से पटरंगा से रौजागांव और रौजागांव से रुदौली के बीच गहनता से उन्होंने निरीक्षण किया. समपार फाटकों, क्राॅसिंग, टर्न आउट, सिग्नलिंग व्यवस्था का भी जायजा लेते हुए सुझाव और जरूरी दिशा निर्देश जारी किए. सीआरएस ने रुदौली से पटरंगा के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परीक्षण किया. निरीक्षण में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक डॉ. मनीष थपल्याल और मुख्य अभियंता निर्माण सुरेश कुमार सपरा भी मौजूद रहे.
ट्रेन का परिचालन होगा बेहतर : रेल संरक्षा आयुक्त दिनेश चंद देशवाल ने बताया कि 'रेलवे के आधुनिकीकरण और नवीनीकरण के बाद ट्रेन का परिचालन बेहतर हो जाएगा. क्राॅसिंग न होने के कारण ट्रेनें समय से पहुंचेंगी, जिससे यात्रियों के समय की बचत होगी.'