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परिवहन विभाग की सेवाएं अब और आसान, प्रशिक्षित डीलरों के जरिए मिलेगी बेहतर सुविधाएं

परिवहन विभाग की ओर से ऑनलाइन सेवाओं को प्रभावी बनाने के लिए शनिवार को एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में राजधानी लखनऊ के तकरीबन 80 रजिस्टर्ड डीलर प्रशिक्षण प्राप्त करने पहुंचे. परिवहन विभाग के अधिकारियों और एनआईसी के प्रतिनिधियों ने शिविर में डीलरों को विधिवत ट्रेनिंग दी और उनकी तमाम समस्याओं का समाधान किया.

प्रशिक्षण शिविर
प्रशिक्षण शिविर
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Published : Nov 13, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग की तरफ से जनता की सुविधा के लिए कई तरह की ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गईं थीं. लेकिन जानकारी के अभाव में जनता को इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा था. इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से शनिवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

इस शिविर में राजधानी लखनऊ के तकरीबन 80 रजिस्टर्ड डीलर प्रशिक्षण प्राप्त करने पहुंचे. परिवहन विभाग के अधिकारियों और एनआईसी के प्रतिनिधियों ने डीलरों को डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ऑनलाइन सेवाओं से अवगत कराया. साथ ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान भी किया.

बता दें कि परिवहन विभाग की तरफ से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शहर के तमाम डीलर पहुंचे थे. इस दौरान गाड़ियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीलर प्वाइंट पर काम करने वाले लोगों को ऑनलाइन औपचारिकता पूरी करने की पूरी जानकारी दी गई.

उन्हें यह भी बताया गया कि पंजीयन प्रमाण पत्र में पहले आठ प्रपत्र अपलोड किए जाते थे. अब इनकी संख्या 11 हो गई है. उन्होंने बताया कि आठ दस्तावेज वाले पुराने नियम के चलते कई बार एक गाड़ी का पंजीयन कई जिलों में हो जाता था. ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए यह नई व्यवस्था शुरू की गई है.

डीलरों ने परिवहन विभाग के साथ एनआईसी के अधिकारियों को अवगत कराया कि टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन की फीस तीन माह की वसूली जाती है जबकि एक माह की ही इसकी वैधता होती है. इसके बाद अधिकारियों ने जल्द ही इस समस्या का हल करने के लिए डीलरों को आश्वस्त किया.

इसके अलावा कई बार वाहन खरीदने वाले अपने वाहनों पर फैंसी वाहन नंबर की मांग भी करते हैं लेकिन जानकारी के अभाव में वाहन मालिक और डीलर दोनों ही आवेदन नहीं कर पाते हैं. इसकी भी ट्रेनिंग डीलर्स को दी गई.



डीलरों ने एडवांस में की फैंसी नंबर सीरीज की मांग

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीलरों की तरफ से परिवहन विभाग के अधिकारियों से फैंसी नंबरों की सीरीज एडवांस में भी बुक करने की मांग की गई. इस पर अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श किया और कहा कि फिलहाल ऐसी कोई सुविधा अभी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पर विचार जरूर किया जाएगा. अगर यह संभव है तो एडवांस में फैंसी नंबरों की सीरीज भी बुक करने की सुविधा डीलर्स को दी जाएगी.

नए कंस्ट्रक्शन वाहनों के भौतिक निरीक्षण पर जताया विरोध

कार्यक्रम में डीलरों ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू को अवगत कराया कि ऐसे कंस्ट्रक्शन वाहन जो बिल्कुल नए होते हैं. इसके बावजूद उन्हें भौतिक निरीक्षण के लिए आरटीओ कार्यालय बुलाया जाता है. शहरी क्षेत्र में तो नहीं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में काफी दूर-दूर तक वाहनों को लेकर जाना पड़ता है. इससे वाहन स्वामियों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने डीलरों से कहा कि मामले पर गंभीरता से विचार कर समाधान कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें- सस्ते में करना है दक्षिण भारत का दर्शन तो आईआरसीटीसी के इस विशेष पैकेज का उठाएं लाभ


ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने समस्याओं के समाधान का दिया भरोसा

कार्यक्रम में मौजूद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सभी डीलरों को ऑनलाइन सेवाओं के बारे में विधिवत ट्रेनिंग दिलाने के साथ उनसे सुझाव भी मांगे. जो भी सुझाव डीलरों की तरफ से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को दिए गए उन सभी सुझावों को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ ही एनआईसी के प्रतिनिधियों ने नोट किया. जिन सेवाओं में बदलाव की जरुरत महसूस की गई, उनमें जल्द ही बदलाव कर डीलरों की हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिया गया.

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लखनऊ: परिवहन विभाग की तरफ से जनता की सुविधा के लिए कई तरह की ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गईं थीं. लेकिन जानकारी के अभाव में जनता को इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा था. इसके लिए परिवहन विभाग की तरफ से शनिवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया.

इस शिविर में राजधानी लखनऊ के तकरीबन 80 रजिस्टर्ड डीलर प्रशिक्षण प्राप्त करने पहुंचे. परिवहन विभाग के अधिकारियों और एनआईसी के प्रतिनिधियों ने डीलरों को डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन से जुड़ी ऑनलाइन सेवाओं से अवगत कराया. साथ ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान भी किया.

बता दें कि परिवहन विभाग की तरफ से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शहर के तमाम डीलर पहुंचे थे. इस दौरान गाड़ियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीलर प्वाइंट पर काम करने वाले लोगों को ऑनलाइन औपचारिकता पूरी करने की पूरी जानकारी दी गई.

उन्हें यह भी बताया गया कि पंजीयन प्रमाण पत्र में पहले आठ प्रपत्र अपलोड किए जाते थे. अब इनकी संख्या 11 हो गई है. उन्होंने बताया कि आठ दस्तावेज वाले पुराने नियम के चलते कई बार एक गाड़ी का पंजीयन कई जिलों में हो जाता था. ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए यह नई व्यवस्था शुरू की गई है.

डीलरों ने परिवहन विभाग के साथ एनआईसी के अधिकारियों को अवगत कराया कि टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन की फीस तीन माह की वसूली जाती है जबकि एक माह की ही इसकी वैधता होती है. इसके बाद अधिकारियों ने जल्द ही इस समस्या का हल करने के लिए डीलरों को आश्वस्त किया.

इसके अलावा कई बार वाहन खरीदने वाले अपने वाहनों पर फैंसी वाहन नंबर की मांग भी करते हैं लेकिन जानकारी के अभाव में वाहन मालिक और डीलर दोनों ही आवेदन नहीं कर पाते हैं. इसकी भी ट्रेनिंग डीलर्स को दी गई.



डीलरों ने एडवांस में की फैंसी नंबर सीरीज की मांग

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीलरों की तरफ से परिवहन विभाग के अधिकारियों से फैंसी नंबरों की सीरीज एडवांस में भी बुक करने की मांग की गई. इस पर अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श किया और कहा कि फिलहाल ऐसी कोई सुविधा अभी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पर विचार जरूर किया जाएगा. अगर यह संभव है तो एडवांस में फैंसी नंबरों की सीरीज भी बुक करने की सुविधा डीलर्स को दी जाएगी.

नए कंस्ट्रक्शन वाहनों के भौतिक निरीक्षण पर जताया विरोध

कार्यक्रम में डीलरों ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू को अवगत कराया कि ऐसे कंस्ट्रक्शन वाहन जो बिल्कुल नए होते हैं. इसके बावजूद उन्हें भौतिक निरीक्षण के लिए आरटीओ कार्यालय बुलाया जाता है. शहरी क्षेत्र में तो नहीं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में काफी दूर-दूर तक वाहनों को लेकर जाना पड़ता है. इससे वाहन स्वामियों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने डीलरों से कहा कि मामले पर गंभीरता से विचार कर समाधान कराया जाएगा.

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ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने समस्याओं के समाधान का दिया भरोसा

कार्यक्रम में मौजूद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सभी डीलरों को ऑनलाइन सेवाओं के बारे में विधिवत ट्रेनिंग दिलाने के साथ उनसे सुझाव भी मांगे. जो भी सुझाव डीलरों की तरफ से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को दिए गए उन सभी सुझावों को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ ही एनआईसी के प्रतिनिधियों ने नोट किया. जिन सेवाओं में बदलाव की जरुरत महसूस की गई, उनमें जल्द ही बदलाव कर डीलरों की हर समस्या का समाधान करने का भरोसा दिया गया.

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