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लखनऊ के इन "नवाबों" पर यातायात पुलिस ने ठोंका 17 करोड़ रुपये का जुर्माना

राजधानी लखनऊ की यातायात व्यवस्था में "लखनऊ के नवाब" बाधक बने हुए हैं. यातायात पुलिस के तमाम प्रयासों और जुर्माना ठोंकने के बावजूद इन "नवाबों" की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2023, 4:59 PM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में रोजाना 700 से अधिक "नवाब" बेखौफ होकर वाहन चलाते हैं, इन्हें ने अपनी जिंदगी से प्यार है और न ही राहगीरों की परवाह करते हैं. ट्रैफिक नियमों को ठेंगा दिखाना इनका शगल बन चुका है. ऐसे वाहन चालकों पर ट्रैफिक पुलिस की कोई कार्रवाई असर नहीं डाल रही है. बीते एक माह में राजधानी पुलिस ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से 17 करोड़ रुपये का चालान किया, लेकिन इसके बावजूद सड़क पर वाहन चालकों में कोई खौफ नहीं दिख रहा है.

यातायात पुलिस का दावा.
यातायात पुलिस का दावा.

चालान होने पर भी नहीं है लोगों को डर

  • बीते दिनों ट्रैफिक विभाग ने ऐसे 484 लोग की लिस्ट बनाई थी जो बार बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे थे. इन 484 का एक करोड़ 17 हजार 500 रुपए का जुर्माना ठोका गया.
  • ट्रैफिक पुलिस ने दावा किया था कि हम इन रिपीट ओफेंडर के घर-घर जाकर उनसे जुर्माना वसूल करेंगे. इन्हें थाने भी बुलाया जाएगा, लेकिन तीन माह होने को है अब तक चालान वसूला नहीं जा सका है.
  • एक वर्ष में कुल 3.2 लाख चालान किए गए हैं. करीब 32 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना वाहन स्वामियों पर लगाया गया और महज 15 फीसदी लोगों ने ही जुर्माना भरा है. ऐसे में लोगों को यह लगता है कि चालान हो भी गया तो क्या समस्या है कौन सा पैसा जमा करना है.
  • वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिंस लेनिन कहते हैं कि जब किसी का चालान होता है तब ट्रैफिक पुलिस के पास कुछ वक्त रहने के बाद 15 दिनों से एक माह में चालान वर्चुअल कोर्ट चला जाता है. इसके बाद जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी कोर्ट की बन जाती है, जहां की प्रक्रिया धीमी होती है. हालांकि यदि ट्रैफिक पुलिस अच्छे से पैरवी करा समय समय पर समन भिजवाती रहती है तो जिसका चालान हुआ हो रखा है वह दबाव में रहेगा, लेकिन शायद ही ट्रैफिक चालान होने के बाद इसे कोई गंभीरता से लेता भी है.
बिना हेलमेट पुलिसवालों पर यातायात पुलिस मेहरबान.
बिना हेलमेट पुलिसवालों पर यातायात पुलिस मेहरबान.



बिना हेलमेट वाहन चलाना लखनऊ के लोगों का शौक : राजधानी लखनऊ में बीते माह ट्रैफिक नियमों को पालन कराने के लिए अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत पुलिस ने स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और सड़कों पर जागरूकता अभियान चलाया और लोगों को चेतावनी भी दी. इसके अलावा पुलिस ने एक माह में खूब चालान भी किए. लखनऊ पुलिस के आंकड़ों के अनुसार बिना हेलमेट चलाने में सबसे अधिक चालान किए गए. यूपी में बीते वर्ष सड़क हादसे में कुल 24 हजार 109 लोगों की जान गई थी. इनमें 9,546 लोगों ने बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं पहन कर रखा था.

नियम तोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान

चालान और कार्रवाई के आंकड़े

  • लाइसेंस न होने पर 5000 रुपये
  • बिना बीमा के 4000 रुपये
  • सिग्नल जंप करने पर 5000 रुपये
  • बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 2000 रुपये
  • कार में सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये
  • ट्रिपलिंग कर बाइक चलाने पर 1000 रुपये
  • बीते एक वर्ष में कुल 2.5 लाख चालान किए गए.
  • करीब 15 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वाहन स्वामियों पर लगाया गया.
  • 2.5 लाख में महज 15 फीसदी लोगों ने जुर्माना भरा है.
  • 85 फीसदी लोग चालान होने के बाद उसे भूल गए.
  • बार बार नियम तोड़ने वालों की संख्या 484 है.
  • ऐसे लोगों पर एक करोड़ 17 हजार 500 रुपये का जुर्माना बाकी है.



नियम तोड़ने में अव्वल हैं लखनऊ के लोग : आंकड़ों के मुताबिक बिना हेलमेट के 22 हजार 91, नो पार्किंग के 14 हजार 589, ओवर स्पीड के 9618, रोंग साइड के 3353, ट्रिपलिंग के 1406 समेत 44 तरह के एमवी एक्ट के उल्लंघन में कुल 69 हजार 237 लोगों का चालान किया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने इस एक माह में वाहनों का चालान करके 17 करोड़ 21 लाख 51 हजार 400 रुपये का जुर्माना ठोंका है. हालांकि यह बात अलग है कि ट्रैफिक पुलिस उल्लंघन करने वालों से जुर्माना न के बराबर ही वसूल पाती है.



यह भी पढ़ें : Lucknow Traffic : राजधानी के हर चौराहे पर हो रहा लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन, ट्रैफिक पुलिस ने बनाया यह प्लान

ट्रैफिक लाइट की 'बत्ती गुल'

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में रोजाना 700 से अधिक "नवाब" बेखौफ होकर वाहन चलाते हैं, इन्हें ने अपनी जिंदगी से प्यार है और न ही राहगीरों की परवाह करते हैं. ट्रैफिक नियमों को ठेंगा दिखाना इनका शगल बन चुका है. ऐसे वाहन चालकों पर ट्रैफिक पुलिस की कोई कार्रवाई असर नहीं डाल रही है. बीते एक माह में राजधानी पुलिस ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से 17 करोड़ रुपये का चालान किया, लेकिन इसके बावजूद सड़क पर वाहन चालकों में कोई खौफ नहीं दिख रहा है.

यातायात पुलिस का दावा.
यातायात पुलिस का दावा.

चालान होने पर भी नहीं है लोगों को डर

  • बीते दिनों ट्रैफिक विभाग ने ऐसे 484 लोग की लिस्ट बनाई थी जो बार बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ रहे थे. इन 484 का एक करोड़ 17 हजार 500 रुपए का जुर्माना ठोका गया.
  • ट्रैफिक पुलिस ने दावा किया था कि हम इन रिपीट ओफेंडर के घर-घर जाकर उनसे जुर्माना वसूल करेंगे. इन्हें थाने भी बुलाया जाएगा, लेकिन तीन माह होने को है अब तक चालान वसूला नहीं जा सका है.
  • एक वर्ष में कुल 3.2 लाख चालान किए गए हैं. करीब 32 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना वाहन स्वामियों पर लगाया गया और महज 15 फीसदी लोगों ने ही जुर्माना भरा है. ऐसे में लोगों को यह लगता है कि चालान हो भी गया तो क्या समस्या है कौन सा पैसा जमा करना है.
  • वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिंस लेनिन कहते हैं कि जब किसी का चालान होता है तब ट्रैफिक पुलिस के पास कुछ वक्त रहने के बाद 15 दिनों से एक माह में चालान वर्चुअल कोर्ट चला जाता है. इसके बाद जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी कोर्ट की बन जाती है, जहां की प्रक्रिया धीमी होती है. हालांकि यदि ट्रैफिक पुलिस अच्छे से पैरवी करा समय समय पर समन भिजवाती रहती है तो जिसका चालान हुआ हो रखा है वह दबाव में रहेगा, लेकिन शायद ही ट्रैफिक चालान होने के बाद इसे कोई गंभीरता से लेता भी है.
बिना हेलमेट पुलिसवालों पर यातायात पुलिस मेहरबान.
बिना हेलमेट पुलिसवालों पर यातायात पुलिस मेहरबान.



बिना हेलमेट वाहन चलाना लखनऊ के लोगों का शौक : राजधानी लखनऊ में बीते माह ट्रैफिक नियमों को पालन कराने के लिए अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत पुलिस ने स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और सड़कों पर जागरूकता अभियान चलाया और लोगों को चेतावनी भी दी. इसके अलावा पुलिस ने एक माह में खूब चालान भी किए. लखनऊ पुलिस के आंकड़ों के अनुसार बिना हेलमेट चलाने में सबसे अधिक चालान किए गए. यूपी में बीते वर्ष सड़क हादसे में कुल 24 हजार 109 लोगों की जान गई थी. इनमें 9,546 लोगों ने बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं पहन कर रखा था.

नियम तोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान

चालान और कार्रवाई के आंकड़े

  • लाइसेंस न होने पर 5000 रुपये
  • बिना बीमा के 4000 रुपये
  • सिग्नल जंप करने पर 5000 रुपये
  • बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 2000 रुपये
  • कार में सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये
  • ट्रिपलिंग कर बाइक चलाने पर 1000 रुपये
  • बीते एक वर्ष में कुल 2.5 लाख चालान किए गए.
  • करीब 15 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वाहन स्वामियों पर लगाया गया.
  • 2.5 लाख में महज 15 फीसदी लोगों ने जुर्माना भरा है.
  • 85 फीसदी लोग चालान होने के बाद उसे भूल गए.
  • बार बार नियम तोड़ने वालों की संख्या 484 है.
  • ऐसे लोगों पर एक करोड़ 17 हजार 500 रुपये का जुर्माना बाकी है.



नियम तोड़ने में अव्वल हैं लखनऊ के लोग : आंकड़ों के मुताबिक बिना हेलमेट के 22 हजार 91, नो पार्किंग के 14 हजार 589, ओवर स्पीड के 9618, रोंग साइड के 3353, ट्रिपलिंग के 1406 समेत 44 तरह के एमवी एक्ट के उल्लंघन में कुल 69 हजार 237 लोगों का चालान किया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने इस एक माह में वाहनों का चालान करके 17 करोड़ 21 लाख 51 हजार 400 रुपये का जुर्माना ठोंका है. हालांकि यह बात अलग है कि ट्रैफिक पुलिस उल्लंघन करने वालों से जुर्माना न के बराबर ही वसूल पाती है.



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ट्रैफिक लाइट की 'बत्ती गुल'

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