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लखनऊ में स्कूल के पास ट्रैफिक जाम की समस्या जारी, ट्रैफिक पुलिस दिखा रही नरमी?

लखनऊ में स्कूल के पास ट्रैफिक जाम (Traffic jam near schools in Lucknow) का समाधान होता नहीं दिख रहा है. इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस नरमी दिखा रही है.

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लखनऊ में स्कूल के पास ट्रैफिक जाम
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Published : Apr 13, 2023, 8:05 AM IST

लखनऊ: राजधानी के कई नामी स्कूल सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां के कई स्कूलों के पास से गुजरने पर लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. इन स्कूलों पर रहम राजधानी की ट्रैफिक पुलिस कर रही है. मंडलायुक्त की दी हुई मियाद रविवार को खत्म हो चुकी थी, लिहाजा सोमवार से स्कूलों के बाहर खड़े वाहनों का चालान करना शुरू होना था. ट्रैफिक पुलिस की वार्निंग देने की बार बार मियाद बढ़ने के चलते स्कूल प्रबंधन सुधार नहीं कर रहे हैं. सोमवार, मंगलवार को भी स्कूलों के बाहर सड़कों पर आड़े तिरछे वाहन खड़े कर दिए गए और जमकर जाम लगा.

पांच दिन पहले लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब ने निरीक्षण कर स्कूलों के आसपास के इलाके को जाम मुक्त करने की व्यवस्था पर डीएम व ट्रैफिक पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कई बिंदुओं पर हालात सुधारने के निर्देश दिए थे. उन नियमों का सच का पता लगाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बुधवार को स्कूल के खुलने और छुट्टी होने के समय की स्थिति देखी.

इस दौरान पाया गया कि स्कूलों के प्रबंधन ने कुछ नियमों का पालन शुरू कर दिया है, लेकिन अब भी पहले की तरह जाम लग रहा है. अभिभावक गाड़ियों को सड़क पर खड़ा करके चले गये थे. इन मार्गों से गुजरने वाले वाहन जाम में फंसे नजर आये. यहां कोई भी पुलिसकर्मी इन वाहनों का चालान करते नहीं दिखा. निर्देश के अनुसार सोमवार से ही ट्रैफिक पुलिस को स्कूलों के बाहर सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर चालान करना था.


यातायात पुलिस ने नहीं की कार्रवाई: सोमवार से स्कूल के बाहर खड़े वाहनों का चालान किए जाने का निर्देश था. मंगलवार को कुछ स्कूलों के बाहर ट्रैफिक पुलिस ने एक दो वाहनों का चालान किया और एक बार फिर स्कूल मैनेजमेंट को व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का टाइम दिया गया.



लामार्ट गर्ल्स स्कूल के पास जाम: लामार्ट गर्ल्स स्कूल ने वाहनों को व्यवस्थित तरीके से पार्क करवाने के लिए अपने 6 वालंटियरों की ड्यूटी लगाई. नीली शर्ट, टाई पेंट पहनकर वालेंटियर सड़क पर पार्क होने वाले वाहनों को हटाते दिखे. इसके अलावा स्कूल के लोग माइक से अनाउंसमेंट कर गलत ढंग से पार्क गाड़ियों को हटाने की गुहार लगाते रहे. इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी बात सुनीस तो अधिकतर अभिभावक गाड़ी हटाने के बजाय वालिंटियर से ही झगड़ा करने लगे.


सेंट फ्रांसिस स्कूल के पास जाम: सेंट फ्रांसिस स्कूल के बाहर छुट्टी के बाद का हाल रोज की तरह ही था. स्कूल के सामने सड़क पर अभिभावकों की गाड़ियों का ताता लगा हुआ था. सभी गाड़ियां आड़ी तिरछी खड़ी थीं. इसके चलते पूरी रोड पर जाम लग गया. यहां न तो वालिंटियर दिखे और न ही ट्रैफिक कर्मचारी. ऐसा ही नजार कैथेड्रल कॉलेज पर भी दिखा.

ट्रैफिक पुलिस ने फिर दिखाई नरमी: सोमवार से मंडलायुक्त की मियाद खत्म होने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों द्वारा कोई भी एक्शन प्लान न बनाने पर ट्रैफिक पुलिस की भी सख्ती नही दिखाई पड़ी. निर्देशानुसार सोमवार से ही स्कूलों के बाहर गलत ढंग से खड़े वाहनों का चालान किया जाना था, लेकिन इन तीन दिनों में सिर्फ नाम के ही चालान हो सके. एडीसीपी ट्रैफिक अजय पटेल ने बताया कि अभी हमने स्कूलों प्रबंधन और अभिभावकों को सुधरने का मौका एक हफ्ते के लिए दिया है. अगर इसके बाद भी वो नहीं माने, तो उनका चालान किया जाएगा. इन वाहनों का 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का चालान किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- ईडी को छापेमारी में माफिया अतीक अहमद के करीबियों से मिला 75 लाख से ज्यादा कैश, 200 बैंक खाते

लखनऊ: राजधानी के कई नामी स्कूल सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां के कई स्कूलों के पास से गुजरने पर लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. इन स्कूलों पर रहम राजधानी की ट्रैफिक पुलिस कर रही है. मंडलायुक्त की दी हुई मियाद रविवार को खत्म हो चुकी थी, लिहाजा सोमवार से स्कूलों के बाहर खड़े वाहनों का चालान करना शुरू होना था. ट्रैफिक पुलिस की वार्निंग देने की बार बार मियाद बढ़ने के चलते स्कूल प्रबंधन सुधार नहीं कर रहे हैं. सोमवार, मंगलवार को भी स्कूलों के बाहर सड़कों पर आड़े तिरछे वाहन खड़े कर दिए गए और जमकर जाम लगा.

पांच दिन पहले लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब ने निरीक्षण कर स्कूलों के आसपास के इलाके को जाम मुक्त करने की व्यवस्था पर डीएम व ट्रैफिक पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कई बिंदुओं पर हालात सुधारने के निर्देश दिए थे. उन नियमों का सच का पता लगाने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बुधवार को स्कूल के खुलने और छुट्टी होने के समय की स्थिति देखी.

इस दौरान पाया गया कि स्कूलों के प्रबंधन ने कुछ नियमों का पालन शुरू कर दिया है, लेकिन अब भी पहले की तरह जाम लग रहा है. अभिभावक गाड़ियों को सड़क पर खड़ा करके चले गये थे. इन मार्गों से गुजरने वाले वाहन जाम में फंसे नजर आये. यहां कोई भी पुलिसकर्मी इन वाहनों का चालान करते नहीं दिखा. निर्देश के अनुसार सोमवार से ही ट्रैफिक पुलिस को स्कूलों के बाहर सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर चालान करना था.


यातायात पुलिस ने नहीं की कार्रवाई: सोमवार से स्कूल के बाहर खड़े वाहनों का चालान किए जाने का निर्देश था. मंगलवार को कुछ स्कूलों के बाहर ट्रैफिक पुलिस ने एक दो वाहनों का चालान किया और एक बार फिर स्कूल मैनेजमेंट को व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का टाइम दिया गया.



लामार्ट गर्ल्स स्कूल के पास जाम: लामार्ट गर्ल्स स्कूल ने वाहनों को व्यवस्थित तरीके से पार्क करवाने के लिए अपने 6 वालंटियरों की ड्यूटी लगाई. नीली शर्ट, टाई पेंट पहनकर वालेंटियर सड़क पर पार्क होने वाले वाहनों को हटाते दिखे. इसके अलावा स्कूल के लोग माइक से अनाउंसमेंट कर गलत ढंग से पार्क गाड़ियों को हटाने की गुहार लगाते रहे. इस दौरान कुछ लोगों ने उनकी बात सुनीस तो अधिकतर अभिभावक गाड़ी हटाने के बजाय वालिंटियर से ही झगड़ा करने लगे.


सेंट फ्रांसिस स्कूल के पास जाम: सेंट फ्रांसिस स्कूल के बाहर छुट्टी के बाद का हाल रोज की तरह ही था. स्कूल के सामने सड़क पर अभिभावकों की गाड़ियों का ताता लगा हुआ था. सभी गाड़ियां आड़ी तिरछी खड़ी थीं. इसके चलते पूरी रोड पर जाम लग गया. यहां न तो वालिंटियर दिखे और न ही ट्रैफिक कर्मचारी. ऐसा ही नजार कैथेड्रल कॉलेज पर भी दिखा.

ट्रैफिक पुलिस ने फिर दिखाई नरमी: सोमवार से मंडलायुक्त की मियाद खत्म होने के बाद भी स्कूल प्रबंधकों द्वारा कोई भी एक्शन प्लान न बनाने पर ट्रैफिक पुलिस की भी सख्ती नही दिखाई पड़ी. निर्देशानुसार सोमवार से ही स्कूलों के बाहर गलत ढंग से खड़े वाहनों का चालान किया जाना था, लेकिन इन तीन दिनों में सिर्फ नाम के ही चालान हो सके. एडीसीपी ट्रैफिक अजय पटेल ने बताया कि अभी हमने स्कूलों प्रबंधन और अभिभावकों को सुधरने का मौका एक हफ्ते के लिए दिया है. अगर इसके बाद भी वो नहीं माने, तो उनका चालान किया जाएगा. इन वाहनों का 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का चालान किया जा सकता है.

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