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ट्रैफिक लाइट की 'बत्ती गुल'

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन कई स्थानों पर सुधार दिखाई नहीं दे रहा.

लखनऊ में बंद ट्रैफिक लाइट
लखनऊ में बंद ट्रैफिक लाइट
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Published : Jun 7, 2021, 11:35 AM IST

लखनऊः सड़क हादसे रोकने के लिए ट्रैफिक लाइट तो लगी है मगर जलती कभी नहीं. वाहन चालक मनमर्जी से चलते हैं यानी हादसों को खुला निमंत्रण. बात हो रही है राजधानी के ठाकुरगंज थाना अंतर्गत कूड़ा चौराहे की. यहां लंबे समय से ट्रैफिक लाइट नहीं जलने के कारण अव्यवस्था बनी हुई है. इससे चौराहे पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. एक तरफ चौराहे से निकलने वाले छोटे वाहन और पैदल चलने वाले राहगीरों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक लाइट सालों से बंद पड़ी है. इसकी कई बार ट्रैफिक अधिकारियों से शिकायत की गई, इसके बावजूद भी ट्रैफिक लाइट को ठीक नहीं कराया गया.

लखनऊ में बंद ट्रैफिक लाइट

हो रहे करोड़ों खर्च पर व्यवस्था बेहाल
ट्रैफिक समस्याओं से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जगह-जगह ट्रैफिक समस्याओं से निजात पाने के लिए ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं. वहीं कई जगह ट्रैफिक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सरकारी पैसों को बर्बाद करने में जुटे हुए हैं. ऐसा ही मामला राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज अंतर्गत आने वाले कूड़ा चौराहे का है. यहां पर लंबे समय से ट्रैफिक लाइट बंद पड़ी हैं. इसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. ट्रैफिक नियमों की पूरी तरह से ताक पर रखकर ट्रैफिक व्यवस्था चलाया जा रहा है. इस वजह से छोटे वाहनों और पैदल चलने वाले लोगों को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

चौराहे पर हो रही हैं दुर्घटनाएं
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है यातायात व्यवस्था दुरुस्त ना होने के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. बीते एक माह में करीब 12 दुर्घटनाएं हो गई हैं. वहीं, इन दुर्घटना के बीते एक माह में दो लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद भी स्थानीय अधिकारी पूरी तरह से मौन नजर आ रहे हैं.

ये बोले स्थानीय लोग
स्थानीय निवासी पवन ने बताया कि लगातार ट्रैफिक लाइट बंद रहने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन चौराहे पर दुर्घटनाएं हो रही हैं. पैदल चलने वाले और छोटे वाहन से चलने वालों को इस चौराहे से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पप्पू यादव ने बताया कि यह ट्रैफिक लाइट सालों से बंद पड़ी हुई है. ट्रैफिक लाइट दुरुस्त ना होने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है. एक तरफ बिना नियम के इस चौराहे पर गाड़ियां दिन-रात दौड़ती रहती हैं, वहीं दूसरी तरफ छोटे वाहनों को ट्रैफिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायत भी की गई लेकिन ट्रैफिक समस्याओं से निजात ब तक नहीं मिल सकी है. साबिर अली ने बताया कि ट्रैफिक समस्या लगातार बनी हुई है. आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगती है.

इसे भी पढ़ेंः 10 वाहन जले, एक ड्राइवर की जलकर मौत

ये बोले अधिकारी
ईटीवी संवाददाता से बातचीत में डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है. यह मामला संज्ञान में आया है. इसको लेकर त्वरित कार्रवाई की जाएगी. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक लाइट को जलाने का काम किया जाएगा.

लखनऊः सड़क हादसे रोकने के लिए ट्रैफिक लाइट तो लगी है मगर जलती कभी नहीं. वाहन चालक मनमर्जी से चलते हैं यानी हादसों को खुला निमंत्रण. बात हो रही है राजधानी के ठाकुरगंज थाना अंतर्गत कूड़ा चौराहे की. यहां लंबे समय से ट्रैफिक लाइट नहीं जलने के कारण अव्यवस्था बनी हुई है. इससे चौराहे पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. एक तरफ चौराहे से निकलने वाले छोटे वाहन और पैदल चलने वाले राहगीरों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक लाइट सालों से बंद पड़ी है. इसकी कई बार ट्रैफिक अधिकारियों से शिकायत की गई, इसके बावजूद भी ट्रैफिक लाइट को ठीक नहीं कराया गया.

लखनऊ में बंद ट्रैफिक लाइट

हो रहे करोड़ों खर्च पर व्यवस्था बेहाल
ट्रैफिक समस्याओं से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जगह-जगह ट्रैफिक समस्याओं से निजात पाने के लिए ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं. वहीं कई जगह ट्रैफिक विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सरकारी पैसों को बर्बाद करने में जुटे हुए हैं. ऐसा ही मामला राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज अंतर्गत आने वाले कूड़ा चौराहे का है. यहां पर लंबे समय से ट्रैफिक लाइट बंद पड़ी हैं. इसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. ट्रैफिक नियमों की पूरी तरह से ताक पर रखकर ट्रैफिक व्यवस्था चलाया जा रहा है. इस वजह से छोटे वाहनों और पैदल चलने वाले लोगों को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

चौराहे पर हो रही हैं दुर्घटनाएं
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है यातायात व्यवस्था दुरुस्त ना होने के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. बीते एक माह में करीब 12 दुर्घटनाएं हो गई हैं. वहीं, इन दुर्घटना के बीते एक माह में दो लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद भी स्थानीय अधिकारी पूरी तरह से मौन नजर आ रहे हैं.

ये बोले स्थानीय लोग
स्थानीय निवासी पवन ने बताया कि लगातार ट्रैफिक लाइट बंद रहने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन चौराहे पर दुर्घटनाएं हो रही हैं. पैदल चलने वाले और छोटे वाहन से चलने वालों को इस चौराहे से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पप्पू यादव ने बताया कि यह ट्रैफिक लाइट सालों से बंद पड़ी हुई है. ट्रैफिक लाइट दुरुस्त ना होने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है. एक तरफ बिना नियम के इस चौराहे पर गाड़ियां दिन-रात दौड़ती रहती हैं, वहीं दूसरी तरफ छोटे वाहनों को ट्रैफिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायत भी की गई लेकिन ट्रैफिक समस्याओं से निजात ब तक नहीं मिल सकी है. साबिर अली ने बताया कि ट्रैफिक समस्या लगातार बनी हुई है. आए दिन यहां दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगती है.

इसे भी पढ़ेंः 10 वाहन जले, एक ड्राइवर की जलकर मौत

ये बोले अधिकारी
ईटीवी संवाददाता से बातचीत में डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्थाओं में लगातार सुधार किया जा रहा है. यह मामला संज्ञान में आया है. इसको लेकर त्वरित कार्रवाई की जाएगी. ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक लाइट को जलाने का काम किया जाएगा.

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