लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग प्रदेश की प्राचीन एवं ऐतिहासिक इमारतें तथा पुरातत्व संस्थाओं एवं उनके अवशेष को संरक्षित करने की तैयारी की है. इसके विभाग ने प्रदेश के आठ जनपदों के 15 स्थलों को संरक्षित घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारकों तथा पुरातत्वीय स्थानो एवं अवशेषों का परिरक्षण अधिनियम-1956 के तहत प्रदेश के इन स्मारकों को संरक्षित किया जाएगा. इस योजना के तहत पहले चरण में हमीरपुर जिले के ग्राम बसेला तहसील राठ स्थित बसेला की हवेली तथा ग्राम जिगनी विकासखंड गोहाण्ड तहसील राठ के जिगनी की गढ़ी के दो स्थलों को संरक्षित किया जाएगा.
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि इसी की तरह प्रदेश के आठ जनपदों के 15 स्थलों को संरक्षित करने का निर्णय लिया गया है. इसमें जनपद चित्रकूट के तहसील कर्वी व मऊ के गोल तालाब, दशरथ घाट एवं ईटहा देवी मंदिर शामिल है. जनपद महोबा के कुल्पहरा तहसील स्थित सेनापति महल, प्रतापगढ़ जनपद के रामपुर बेला का शिव मंदिर व अमरगढ़ का शिव मंदिर, लखनऊ के तहसील सदर स्थित बड़ा शिवाला (सिद्धनाथ मंदिर), फतेहपुर जनपद के लखनाखेड़ा व तहसील बिंदकी स्थित खुजहा बाजार स्थित शिव मंदिर व तालाब तथा इसी जनपद के रेवाड़ी बुजुर्ग स्थित रेवाड़ी बुजुर्ग का शिव मंदिर तथा तहसील बिंदकी स्थित अमौरा का शिव मंदिर तथा लखनाखेड़ा स्थित तुलाराम तालाब एवं शिव मंदिर को शामिल किया गया है. प्रयागराज के सौरांव तहसील स्थित टिकरी शिव का मंदिर एवं उजिहनी आइमा सदर स्थित पक्का तालाब तथा जनपद फिरोजाबाद के चंद्रावार तहसील फिरोजाबाद स्थित चंद्रवाड़ का किला संरक्षित स्थल घोषित किया गया है.
पर्यटन मंत्री के अनुसार प्रदेश के शेष बचे जिलों में वहां के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व से जुड़े इमारत एवं मंदिरों को अगले चरण में संरक्षित करने के लिए चयनित किया जाएगा. इनको चयनित करने के लिए जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बनी कमेटी प्रस्ताव बनाकर पर्यटन विभाग को भेजेगी. इसके बाद उनके धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इन्हें भी संरक्षित करने के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी.
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