लखनऊ: उत्तर प्रदेश 2021-22 के बजट सत्र की शुरुवात हो गई है. 22 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश करेंगे. इस बजट को लेकर सभी वर्गों को काफी उम्मीदे हैं. केंद्रीय बजट जब पेश हुआ था तो उसमें पर्यटन मंत्रालय के बजट में 19 फीसदी की कटौती की गई थी. ईटीवी से बातचीत के दौरान पर्यटन विशेषज्ञ और लविवि के प्रो. प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी बजट 2020-21 में पर्यटन विभाग से जुड़े मुद्दों पर सरकार से काफी उम्मीदें है.
उन्होंने बताया कि "अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और देखा जाए इसको जिस तरह से सेंटर के रूप में रखा जा रहा है. यह बहुत अच्छी बात है. आगरा में ताजमहल की वजह से इंटरनेट नेशनल टूरिज्म है. 2018 में जो यूपी टूरिज्म योजना आई थी. उसके हिसाब से तो थीम वेसेड टुरिज्म की बात की जा रही है. इसको देखेते हुए काफी अच्छा मौका है कि लखनऊ और जो इसके आस-पास के इलाके हैं, इनको धार्मिक स्थल या रिलीजियस आर्क के रूप में डेवलप किया जा सकता है. वही सरकार को पर्यटन स्थल पर पेयजल, स्ट्रीट लाइट और अच्छे पाथ-वे बनाना, पार्क बनाना, पार्किंग, पब्लिक टॉयलेट का डेवलपमेंट, जिसकी व्यवस्था ज्यादा खराब है उसको डेवलप करने की जरूरत है."
पर्यटन स्थल पर अच्छे हॉस्पिटल नहीं
पर्यटन विशेषज्ञ प्रशांत कुमार ने कहा कि "मेरा ऐसे मानना है कि इस बार के बजट में सरकार इन सभी बातों पर जरूर ध्यान देगी. सरकार को होम स्टे पर भी प्रोतसाहन देने की जरूरत है, जिसमें लोग कमरों को तैयार करे जिन्हें गेस्ट को दिया जा सके. कई जगह पर्यटक स्थल पर देखा गया है कि साधन की उचित व्यवस्था नहीं है. पर्यटन स्थल पर कोई ठीक हॉस्पिटल नहीं है, उस पर ही सरकार को काम करने की जरूरत है.
उन्होंने बताया कि टूरिज्म एक ऐसी चीज है जो अपने साथ अर्निंग लाता है. उस अर्निंग के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है पहले से ही इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है उस पर सिर्फ कुछ ऐड करने की जरूरत है. जैसे हमारे पास रेलवे स्टेशन बस स्टेशन की सुविधा है लेकिन वहां पर साफ सफाई य इंफॉर्मेशन सेंटर इस तरह की सुविधा करने की जरूरत है. हालांकि इन 2 से 3 सालों में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और बराबर कर रही है. उन्होंने बताया कि बस थोड़ा बहुत काम करने की जरूरत है और सरकार से उम्मीद है कि पर्यटन को लेकर बजट में काफी कुछ देखने को मिलेगा.