लखनऊ: पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए ट्रेंड, टेक्नोलॉजी एवं टूरिज्म (3टी) पर जोर दिया जा रहा है. रेल, वाटर और एयर कनेक्टिविटी का विस्तार ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक विश्व प्रसिद्ध स्थलों तक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यटन सेक्टर में रोजगार सृजन की असीमित संभावनाएं हैं. इस मौके पर उन्होंने वर्ष 2023 के कैलेंडर का विमोचन भी किया.
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह सोमवार को गोमती होटल में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अपना उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनने की ओर अग्रसर है. राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार एवं अवस्थापना सुविधाओं की वजह से सैलानी आकर्षित हो रहे हैं. इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव संस्कृति एके सिंह, जयप्रकाश सिंह और उपनिदेशक पर्यटन कल्याण सिंह आदि मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति में निवेशकों एवं पर्यटकों के लिए 25 इण्डस्ट्रियल सेक्टोरल पॉलिसी तैयार की गई है. इसके अंतर्गत निवेशकों को बड़ी छूट एवं सुविधाएं हैं. उन्होंने कहा कि देशी विदेशी सैलानियों की नई पर्यटन नीति 2022 जारी की गई है. नैमिषारण्य के पर्यटन विकास के लिए नैमिषारण्य तीर्थ विकास बोर्ड की घोषणा के साथ ही इको टूरिज्म बोर्ड की स्थापना के अलावा विभिन्न थेरेपी को विकसित किया गया है. राजस्थान की तर्ज पर बुंदेलखंड के किलों, महलों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने का निर्णय लिया गया. आगरा, मथुरा में हेलीपोर्ट का निर्माण दो-तीन महीने में पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश का आज दूसरा स्थान है. जहां उत्तर प्रदेश की पहचान बीमारू राज्य के रूप में थी, अब वह समाप्त होकर अर्थव्यवस्था में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर लाने के लिए उसका रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है. उत्तर प्रदेश की अगले 5 वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में प्रदेश के प्रवासी भारतीयों के योगदान की भूमिका है.
मंत्री जयवीर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि आज प्रदेश में गुंडाराज नहीं है. योगी और मोदी मॉडल से उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रहा है. अखिलेश यादव को आज प्रदेश में हो रहे विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं. उनके समय में प्रदेश में निवेश के लिए बेहतर माहौल नहीं था. हर तरफ गुंडागर्दी का माहौल था. 2012 से 2017 तक प्रदेश में निवेश के नाम पर कुछ नहीं हुआ.
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