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अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन : वक्ताओं ने कहा- बच्चों को विश्व एकता व शांति के दिए जाएं संस्कार

लखनऊ में 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन' ('22nd International Conference of Chief Justices of the World') में वक्ताओं ने एक स्वर से बच्चों को बचपन से ही विश्व एकता व विश्व शांति (world unity and world peace) का संस्कार दिए जाने की वकालत की.

डॉ. जगदीश गाँधी
डॉ. जगदीश गाँधी
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Published : Nov 21, 2021, 10:26 PM IST

लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल (City Montessori School) की ओर से आयोजित 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन' ('22nd International Conference of Chief Justices of the World') के तृतीय दिवस, यानी रविवार को प्रथम सेशन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नितिन अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्तिथि रहे.

दोपहर के सेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और शाम को तीसरे सेशन के मुख्य अतिथि प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने सम्बोधित किया. यह जानकारी सी.एम.एस. के संस्थापक एवं कांफ्रेंस के कन्वेनर डॉ. जगदीश गांधी ने दी. वक्ताओं ने एक स्वर से बच्चों को बचपन से ही विश्व एकता व विश्व शांति का संस्कार दिए जाने की वकालत की.

अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन

इस सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि इस अन्तरराष्‍ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के माध्यम से सीएमएस सारे विश्व के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित व सुखमय करने का अनूठा अभियान चला रहा है. कानून व न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि ‘वसुधैव कुटम्बकम’ की भावना ही हमारी असली ताकत है.

इसे भी पढ़ेः 22वां अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन : भावी पीढ़ी को शान्तिपूर्ण वातावरण देना हम सबका दायित्व : मुख्यमंत्री

म्यांमार सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति म्यो टिंट ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी ने यह अहसास करा दिया है कि सह-अस्तित्व ही अंतिम सत्य है. थाईलैण्ड के एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति प्रतोप कलायसुमन ने कहा कि थाईलैण्ड में सरकार व सामाजिक संस्थाएं हाथ से हाथ मिलाकर कार्य कर रहे हैं.


इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका के कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति रिचर्ड गोल्डस्टोन को ‘महात्मा गांधी अवार्ड’ एवं अमेरिका के सीनियर जज न्यायमूर्ति मार्क लॉरेन्स वोल्फ को ‘मदर टेरेसा अवार्ड’ से वर्चुअल प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्मानित किया गया.

डॉ. गांधी ने बताया कि ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ 19 से 22 नवम्बर तक ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 50 देशों मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद प्रतिभाग कर रहे हैं.

इसके अलावा विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य आदि अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है. सम्मेलन में कोरोना महामारी के बाद की वैश्विक विश्व व्यवस्था पर विशेष रूप से चर्चा-परिचर्चा की जायेगी.

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लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल (City Montessori School) की ओर से आयोजित 'विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन' ('22nd International Conference of Chief Justices of the World') के तृतीय दिवस, यानी रविवार को प्रथम सेशन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नितिन अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्तिथि रहे.

दोपहर के सेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और शाम को तीसरे सेशन के मुख्य अतिथि प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने सम्बोधित किया. यह जानकारी सी.एम.एस. के संस्थापक एवं कांफ्रेंस के कन्वेनर डॉ. जगदीश गांधी ने दी. वक्ताओं ने एक स्वर से बच्चों को बचपन से ही विश्व एकता व विश्व शांति का संस्कार दिए जाने की वकालत की.

अंतरराष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन

इस सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि इस अन्तरराष्‍ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के माध्यम से सीएमएस सारे विश्व के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित व सुखमय करने का अनूठा अभियान चला रहा है. कानून व न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि ‘वसुधैव कुटम्बकम’ की भावना ही हमारी असली ताकत है.

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म्यांमार सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति म्यो टिंट ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी ने यह अहसास करा दिया है कि सह-अस्तित्व ही अंतिम सत्य है. थाईलैण्ड के एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति प्रतोप कलायसुमन ने कहा कि थाईलैण्ड में सरकार व सामाजिक संस्थाएं हाथ से हाथ मिलाकर कार्य कर रहे हैं.


इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका के कॉन्स्टिट्यूशनल कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति रिचर्ड गोल्डस्टोन को ‘महात्मा गांधी अवार्ड’ एवं अमेरिका के सीनियर जज न्यायमूर्ति मार्क लॉरेन्स वोल्फ को ‘मदर टेरेसा अवार्ड’ से वर्चुअल प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्मानित किया गया.

डॉ. गांधी ने बताया कि ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ 19 से 22 नवम्बर तक ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 50 देशों मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद प्रतिभाग कर रहे हैं.

इसके अलावा विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य आदि अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है. सम्मेलन में कोरोना महामारी के बाद की वैश्विक विश्व व्यवस्था पर विशेष रूप से चर्चा-परिचर्चा की जायेगी.

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