लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा से निवृत्त होने वाले कर्मचारियों को अब पेंशन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्त विभाग ने पेंशन पोर्टल तैयार किया है, जहां रिटायरमेंट के छह माह पहले से ही कर्मचारी के आवेदन के साथ ही पेंशन आदि की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और तीन माह शेष रहने तक पेंशन, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान के आदेश जारी हो जाएंगे. आज रविवार को लोकभवन सचिवालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस नई व्यवस्था की औपचारिक शुरुआत करेंगे. इस कार्यक्रम से प्रदेश के समस्त मंडालायुक्त, जिलाधिकारी, जनपद के मुख्य/वरिष्ठ कोषाधिकारी और प्रत्येक जनपद कोषागार से पेंशन प्राप्त करने वाले करीब 100 पेंशनर्स भी वर्चुअली जुड़ेंगे.
बता दें कि अब तक लागू व्यवस्था में पेंशनर को ही सारे अभिलेख जुटाने पड़ते थे और भागदौड़ करनी पड़ती थी. पेंशनर के पेंशन प्रपत्र और सेवा संबंधी अभिलेख डाक की ओर से पीपीओ निर्गत करने वाले प्राधिकारी को भेजे जाते थे, जिसमें काफी समय लगता था. यदि पेंशन प्रपत्रों में कोई कमी अथवा त्रुटि पाई जाती थी तो उसे वापस डाक से संबंधित कार्यालय को भेजा जाता था और वहां से त्रुटि का निराकरण होने के उपरांत फिर से उक्त अभिलेख पीपीओ निर्गतकर्ता को भेजे जाते थे. खैर, इस व्यवस्था में पारदर्शिता का अभाव था. शासन स्तर पर समय से पेंशन प्रकरणों का निस्तारण करने के आदेश तो थे, बावजूद इसके लोगों को खासा परेशानियां होती थी.
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ऐसे में सीएम योगी के इस अभिनव प्रयास से पेंशनरों की मुश्किलें खत्म हो जाएंगी और सेवानिवृत्त होने पर आसानी से पेंशन और ग्रेच्युटी आदि का भुगतान भी हो जाएगा. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसमें यह व्यवस्था की गई है कि सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और उनकी सेवानिवृत्ति से 3 माह पूर्व ही पेंशन, ग्रेच्युटी और राशिकरण के भुगतान आदेश निर्गत हो जाएंगे. पेंशनर्स को अपनी प्रथम पेंशन के भुगतान के लिए कोषागार में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी.
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