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गर्मी के दौरान होने वाली बीमारियों को हल्के में न लें, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

गर्मी अपने साथ कई बीमारियां लेकर आती है. इस मौसम में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है. गर्मियों में आमतौर पर लोगों को ठंडी चीजें जैसे-ठंडा पानी, आइसक्रीम, जूस और कोल्ड ड्रिंक खाने-पीने का मन करता है. कई बार गरम और ठंडा एक साथ खाने की वजह से भी दिक्कतें हो जातीं हैं.

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Published : Mar 26, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Mar 26, 2022, 5:36 PM IST

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ग्लोबल वार्निंग

लखनऊ. भीषण गर्मी शुरू होते ही संक्रामक व अन्य बीमारियां दस्तक देने लगी हैं. इस मौसम में मच्छर जनित बीमारियां पहले ही अपना प्रकोप फैला चुकी हैं, अब तापमान बढ़ने के साथ ही डिहाईड्रेशन की समस्या भी बढ़ती जा रही है. डिहाइड्रेशन की सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है. इससे बचने के लिए छोटी-छोटी सावधानियां जरूरी हैं.

गौरतलब है कि गर्मियों में आमतौर पर लोगों को ठंडी चीजें खाने का मन करता है जैसे-ठंडा पानी, आइसक्रीम, जूस और कोल्ड ड्रिंक. कई बार गरम और ठंडा एक साथ खाने की वजह से भी दिक्कतें हो जातीं हैं. इसके अलावा हीट और ह्यूमिडिटी बढ़ने से बीमारियों का खतरा और भी बढ़ जाता है.

ग्लोबल वार्निंग

सिविल अस्पताल के सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ. डीके वर्मा ने बताया कि इस समय मौसम बदल रहा है. ऐसे में तमाम तरह की बीमारियां जिनमें वेक्टर बांड डिजीज और वायरल बीमारियां तेजी से फैलती हैं. इस समय प्रदूषण के कारण सांस की समस्या से ग्रस्त लोग भी अधिकाधिक संख्या में अस्पताल आ रहे हैं.

वैसे भी मौसम सर्दी से गर्मी की तरफ रुख कर रहा हैं. ऐसे में अस्पताल में रोजाना 80 से 90 मरीज सांस की समस्या से ग्रस्त आ रहे हैं. इस मौसम में टीबी के मरीजों को भी बाहर निकलते धूल आदि से अधिक समस्या होती है.

पढ़ेंः मध्य प्रदेश में भैंस के दूध से बना रायता ऐसा फैला कि अस्पताल में लग गई लाइन, जानें क्यो?

उन्होंने बताया कि गर्मी में डिहाइड्रेशन की समस्या भी होती है. लोग कम पानी पीते हैं. इसके कारण यह समस्या होती है. इस मौसम में हीट स्ट्रोक भी है. यह घातक होता है. डॉ. वर्मा ने बताया कि हीट स्ट्रोक को मेडिकल टर्म में 'हाइपरथर्मिया' कहते हैं. यह गर्मी के मौसम में होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है. लंबे समय तक बाहर धूप में या गर्म तापमान में रहने की वजह से यह बीमारी होती है. हीट स्ट्रोक होने पर मरीज में सिर में दर्द, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसे लू लगना भी कहते हैं.

फूड पॉइजनिंग भी बड़ी समस्या

गर्मियों में होने वाली एक और कॉमन समस्या फूड पॉइजनिंग है. इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की भी ग्रोथ अधिक होती है. गर्मी और ह्यूमिड वातावरण में ये रोगाणु तेजी से फैलते हैं. भोजन को दूषित कर देते हैं. इसी दूषित भोजन को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इसमें पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण दिख सकते हैं. इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है बल्कि डायरिया, उल्टी जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती हैं.

गर्मी में बीमारियों से ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

. लू से बचने के लिए खाली पेट घर से बाहर बिलकुल न निकलें और पानी पीते रहें.

. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सिर, चेहरे और आंखों को कवर करके रखें.

. बासी और पुराना खाना न खाएं. हमेशा घर का बना ताजा खाना खाएं.

. बाहर की चीजें खाने से परहेज करें.

. सब्जियों को बनाने से पहले साफ पानी से धो लें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ. भीषण गर्मी शुरू होते ही संक्रामक व अन्य बीमारियां दस्तक देने लगी हैं. इस मौसम में मच्छर जनित बीमारियां पहले ही अपना प्रकोप फैला चुकी हैं, अब तापमान बढ़ने के साथ ही डिहाईड्रेशन की समस्या भी बढ़ती जा रही है. डिहाइड्रेशन की सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को होती है. इससे बचने के लिए छोटी-छोटी सावधानियां जरूरी हैं.

गौरतलब है कि गर्मियों में आमतौर पर लोगों को ठंडी चीजें खाने का मन करता है जैसे-ठंडा पानी, आइसक्रीम, जूस और कोल्ड ड्रिंक. कई बार गरम और ठंडा एक साथ खाने की वजह से भी दिक्कतें हो जातीं हैं. इसके अलावा हीट और ह्यूमिडिटी बढ़ने से बीमारियों का खतरा और भी बढ़ जाता है.

ग्लोबल वार्निंग

सिविल अस्पताल के सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ. डीके वर्मा ने बताया कि इस समय मौसम बदल रहा है. ऐसे में तमाम तरह की बीमारियां जिनमें वेक्टर बांड डिजीज और वायरल बीमारियां तेजी से फैलती हैं. इस समय प्रदूषण के कारण सांस की समस्या से ग्रस्त लोग भी अधिकाधिक संख्या में अस्पताल आ रहे हैं.

वैसे भी मौसम सर्दी से गर्मी की तरफ रुख कर रहा हैं. ऐसे में अस्पताल में रोजाना 80 से 90 मरीज सांस की समस्या से ग्रस्त आ रहे हैं. इस मौसम में टीबी के मरीजों को भी बाहर निकलते धूल आदि से अधिक समस्या होती है.

पढ़ेंः मध्य प्रदेश में भैंस के दूध से बना रायता ऐसा फैला कि अस्पताल में लग गई लाइन, जानें क्यो?

उन्होंने बताया कि गर्मी में डिहाइड्रेशन की समस्या भी होती है. लोग कम पानी पीते हैं. इसके कारण यह समस्या होती है. इस मौसम में हीट स्ट्रोक भी है. यह घातक होता है. डॉ. वर्मा ने बताया कि हीट स्ट्रोक को मेडिकल टर्म में 'हाइपरथर्मिया' कहते हैं. यह गर्मी के मौसम में होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है. लंबे समय तक बाहर धूप में या गर्म तापमान में रहने की वजह से यह बीमारी होती है. हीट स्ट्रोक होने पर मरीज में सिर में दर्द, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना या बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसे लू लगना भी कहते हैं.

फूड पॉइजनिंग भी बड़ी समस्या

गर्मियों में होने वाली एक और कॉमन समस्या फूड पॉइजनिंग है. इस मौसम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की भी ग्रोथ अधिक होती है. गर्मी और ह्यूमिड वातावरण में ये रोगाणु तेजी से फैलते हैं. भोजन को दूषित कर देते हैं. इसी दूषित भोजन को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इसमें पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त, बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण दिख सकते हैं. इसमें न सिर्फ पेट मरोड़ के साथ दर्द करता है बल्कि डायरिया, उल्टी जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती हैं.

गर्मी में बीमारियों से ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

. लू से बचने के लिए खाली पेट घर से बाहर बिलकुल न निकलें और पानी पीते रहें.

. हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सिर, चेहरे और आंखों को कवर करके रखें.

. बासी और पुराना खाना न खाएं. हमेशा घर का बना ताजा खाना खाएं.

. बाहर की चीजें खाने से परहेज करें.

. सब्जियों को बनाने से पहले साफ पानी से धो लें.

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Last Updated : Mar 26, 2022, 5:36 PM IST
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