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कल तक जिन्हें चोर कहते थे, आज उनसे वोट मांग रहे है मौलाना: वसीम रिज़वी - latest hindi news Lucknow

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव से पहले चेयरमैन और सदस्य पद के लिए खींचतान तेज होती जा रही है. 20 अप्रैल को चेयरमैन का चयन होना है जिसके लिए मौलाना कल्बे जवाद ने मुतावालियों से वसीम रिज़वी का प्रस्तावक ना बनने और वसीम रिज़वी को वोट न करने की अपील की है. वहीं, इस मामले में पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने भी बयान जारी कर मौलाना पर पलटवार किया है.

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी
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Published : Apr 8, 2021, 9:43 PM IST

लखनऊ : इमामे जुमा और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने बीतें दिनों मीडिया में बयान जारी कर मुतावालियों से पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का समर्थन ना करने की कई अपीलें की हैं. मौलाना ने उत्तर प्रदेश के उन 37 वोटर मुतावलियाें से वसीम रिज़वी का प्रस्तावक न बनने के साथ ही चुनाव में नामित और निर्वाचित होकर आने वाले सदस्यों से भी चेयरमैन पद के लिए वसीम रिज़वी को वोट न करने की अपील की है. इस पर वसीम रिजवी ने भी बयान जारी कर मौलाना पर पलटवार किया है.

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी

यह भी पढ़ें : मुख्तार पर लखनऊ की 'तीसरी आंख' की नजर


वसीम रिज़वी का मौलाना पर पलटवार
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके चेयरमैन पद से हटने के बाद मौलाना कल्बे जवाद और उनके लोगों ने मूतावलियों को हटाने की साजिश की. मुतावलियाें को मजलिस और तकरीरों के दौरान चोर कहा गया. सरकार से गुहार लगाई गई की इन 37 मुतावलियाें को हटाया जाए. फिर चुनाव कराया जाए. लेकिन जब सरकार ने मौलाना की बात नहीं मानी तो अब उनके खिलाफ उन्हीं 37 मुतावलियाें से वोट न करने की अपीलें की जा रहीं हैं. वसीम रिजवी ने कहा कि पहले जिन्हें चोर कहा गया, अब उनसे वोटों की भीख मांगी जा रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी में 11 अप्रैल से सरकारी और निजी दफ्तरों में लगेगी कोरोना वैक्सीन


सरकार बनाएगी शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होते हैं. इनमें 3 सदस्य राज्य सरकार नामित करती है. अन्य 8 सदस्य निर्वाचित होकर आते हैं. इनमें दो शिया मुस्लिम संसद सदस्य, दो शिया मुस्लिम विधान मंडल सदस्य, दो शिया मुस्लिम राज्य बार काउंसिल सदस्य और दो एक लाख रुपए या उससे ऊपर की सालाना आय वाले मुतवल्ली होते हैं. मौजूदा समय में एक भी शिया मुस्लिम सांसद और राज्य बार काउंसिल में शिया मुस्लिम सदस्य नहीं है. विधान मंडल में एक मात्र बुक्कल नवाब शिया मुस्लिम सदस्य है जो बीजेपी के विधान परिषद सदस्य हैं. ऐसे में इन पदों पर रहे कोई पूर्व सदस्य को सरकार द्वारा शिया वक्फ बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा.

सिर्फ मुतवल्ली पद पर होगा चुनाव
वक्फ एक्ट के तहत 8 पदों पर होने वाले चुनाव में अब सिर्फ मुतवल्ली पद के लिए लड़ाई नज़र आ रही है. बीजेपी एमएलसी बुक्कल नवाब अकेले शिया मुस्लिम विधान मंडल सदस्य होने के चलते पहले ही सदस्य के रूप में निर्विरोध चुने जा चुके हैं. बाकी सदस्य सरकार नामित करेगी. इस स्तिथि में मुतवल्ली पद को छोड़कर 9 सदस्य सरकार के होंगे जो चेयरमैन बनाएंगे. चेयरमैन बनने के लिए कम से कम 6 वोट की जरूरत होती है.

लखनऊ : इमामे जुमा और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने बीतें दिनों मीडिया में बयान जारी कर मुतावालियों से पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का समर्थन ना करने की कई अपीलें की हैं. मौलाना ने उत्तर प्रदेश के उन 37 वोटर मुतावलियाें से वसीम रिज़वी का प्रस्तावक न बनने के साथ ही चुनाव में नामित और निर्वाचित होकर आने वाले सदस्यों से भी चेयरमैन पद के लिए वसीम रिज़वी को वोट न करने की अपील की है. इस पर वसीम रिजवी ने भी बयान जारी कर मौलाना पर पलटवार किया है.

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी

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वसीम रिज़वी का मौलाना पर पलटवार
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके चेयरमैन पद से हटने के बाद मौलाना कल्बे जवाद और उनके लोगों ने मूतावलियों को हटाने की साजिश की. मुतावलियाें को मजलिस और तकरीरों के दौरान चोर कहा गया. सरकार से गुहार लगाई गई की इन 37 मुतावलियाें को हटाया जाए. फिर चुनाव कराया जाए. लेकिन जब सरकार ने मौलाना की बात नहीं मानी तो अब उनके खिलाफ उन्हीं 37 मुतावलियाें से वोट न करने की अपीलें की जा रहीं हैं. वसीम रिजवी ने कहा कि पहले जिन्हें चोर कहा गया, अब उनसे वोटों की भीख मांगी जा रही है.

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सरकार बनाएगी शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होते हैं. इनमें 3 सदस्य राज्य सरकार नामित करती है. अन्य 8 सदस्य निर्वाचित होकर आते हैं. इनमें दो शिया मुस्लिम संसद सदस्य, दो शिया मुस्लिम विधान मंडल सदस्य, दो शिया मुस्लिम राज्य बार काउंसिल सदस्य और दो एक लाख रुपए या उससे ऊपर की सालाना आय वाले मुतवल्ली होते हैं. मौजूदा समय में एक भी शिया मुस्लिम सांसद और राज्य बार काउंसिल में शिया मुस्लिम सदस्य नहीं है. विधान मंडल में एक मात्र बुक्कल नवाब शिया मुस्लिम सदस्य है जो बीजेपी के विधान परिषद सदस्य हैं. ऐसे में इन पदों पर रहे कोई पूर्व सदस्य को सरकार द्वारा शिया वक्फ बोर्ड का सदस्य बनाया जाएगा.

सिर्फ मुतवल्ली पद पर होगा चुनाव
वक्फ एक्ट के तहत 8 पदों पर होने वाले चुनाव में अब सिर्फ मुतवल्ली पद के लिए लड़ाई नज़र आ रही है. बीजेपी एमएलसी बुक्कल नवाब अकेले शिया मुस्लिम विधान मंडल सदस्य होने के चलते पहले ही सदस्य के रूप में निर्विरोध चुने जा चुके हैं. बाकी सदस्य सरकार नामित करेगी. इस स्तिथि में मुतवल्ली पद को छोड़कर 9 सदस्य सरकार के होंगे जो चेयरमैन बनाएंगे. चेयरमैन बनने के लिए कम से कम 6 वोट की जरूरत होती है.

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