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Lok Sabha Election में गोपनीय जांच और रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मिलेगा टिकट, भाजपा ने बनाई रणनीति

भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव की हर स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. इस बार के चुनाव के टिकट वितरण में कई बातों का ध्यान रखा जाना है.

Lok Sabha Election
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Published : Jun 4, 2023, 7:58 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर हर स्तर पर रणनीति बना रही है. एक तरफ जहां हारी हुई लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पार्टी ने कई स्तर पर तैयारी की है, वहीं पार्टी के जो मौजूदा सांसद हैं, उनके बारे में भी गोपनीय जांच कराने का फैसला किया है. इस जांच और रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही उन्हें टिकट दिया जाएगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर अन्य कई संगठनों से भी रिपोर्ट मांगी गई है.

दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. यही कारण है भारतीय जनता पार्टी के जो सांसद हैं उनके कामकाज और जनता में उनकी लोकप्रियता के आधार पर टिकट दिया जाएगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में कौन-कौन से सांसद सफल हुए हैं, उनकी परफॉर्मेंस कैसी है, ऐसी तमाम जानकारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सांसदों की रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का फैसला किया है.

सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों के अलावा सहयोगी दलों के सांसदों के बारे में भी पड़ताल कराने का फैसला किया है. जिससे 2024 के चुनाव में उन्हें टिकट दिया जा सके. इसके साथ ही 14 लोकसभा क्षेत्रों में नेताओं के बारे में भी फीडबैक जुटाने का फैसला किया गया है, जिन्हें पूर्व में प्रत्याशी बनाया गया था या उस जिले से संबंधित अन्य नेता हैं, उनके जातीय समीकरण को देखते हुए उनके उम्मीदवार बनाए जाने पर चुनाव जीतने की स्थिति क्या रहेगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के आधार पर उन नेताओं को टिकट दिया जाता है तो क्या स्थिति होने वाली है, ऐसे तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार कराने का फैसला लिया गया है.

सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अन्य विपक्षी दलों के स्थानीय स्तर पर उन नेताओं पर भी डोरे डालने का काम करेगी, जिनकी स्थिति बेहतर है, समाज में उनकी पकड़ और पहुंच मजबूत है. जातीय समीकरण में भी वह बेहतर फिट बैठते हैं और इनमें से कई नेताओं का उनके दलों में समायोजन अगर ठीक से नहीं हो पाया तो उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी में लाने की कोशिश की जा सकती है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन से लेकर क्षेत्रीय संगठन के स्तर पर उनसे संपर्क और संवाद स्थापित कराने पर भी ध्यान दे रही है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रही है. सरकार से लेकर संगठन के स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल का कार्यकाल पूरे होने पर तमाम स्तर पर लोकसभा क्षेत्रों में अभियान चलाए जा रहे हैं. पार्टी के जो सांसद हैं उनके कामकाज को लेकर भी कई स्तर पर जांच पड़ताल की जाती है. पार्टी की कोशिश रहती है कि बेहतर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जाएं. भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी शानदार जीत दर्ज करेगी.

यह भी पढ़ें : सपा मुखिया ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप, कन्नौज मामले पर कही यह बात

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर हर स्तर पर रणनीति बना रही है. एक तरफ जहां हारी हुई लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पार्टी ने कई स्तर पर तैयारी की है, वहीं पार्टी के जो मौजूदा सांसद हैं, उनके बारे में भी गोपनीय जांच कराने का फैसला किया है. इस जांच और रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही उन्हें टिकट दिया जाएगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर अन्य कई संगठनों से भी रिपोर्ट मांगी गई है.

दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. यही कारण है भारतीय जनता पार्टी के जो सांसद हैं उनके कामकाज और जनता में उनकी लोकप्रियता के आधार पर टिकट दिया जाएगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में कौन-कौन से सांसद सफल हुए हैं, उनकी परफॉर्मेंस कैसी है, ऐसी तमाम जानकारियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सांसदों की रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का फैसला किया है.

सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों के अलावा सहयोगी दलों के सांसदों के बारे में भी पड़ताल कराने का फैसला किया है. जिससे 2024 के चुनाव में उन्हें टिकट दिया जा सके. इसके साथ ही 14 लोकसभा क्षेत्रों में नेताओं के बारे में भी फीडबैक जुटाने का फैसला किया गया है, जिन्हें पूर्व में प्रत्याशी बनाया गया था या उस जिले से संबंधित अन्य नेता हैं, उनके जातीय समीकरण को देखते हुए उनके उम्मीदवार बनाए जाने पर चुनाव जीतने की स्थिति क्या रहेगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के आधार पर उन नेताओं को टिकट दिया जाता है तो क्या स्थिति होने वाली है, ऐसे तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार कराने का फैसला लिया गया है.

सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अन्य विपक्षी दलों के स्थानीय स्तर पर उन नेताओं पर भी डोरे डालने का काम करेगी, जिनकी स्थिति बेहतर है, समाज में उनकी पकड़ और पहुंच मजबूत है. जातीय समीकरण में भी वह बेहतर फिट बैठते हैं और इनमें से कई नेताओं का उनके दलों में समायोजन अगर ठीक से नहीं हो पाया तो उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी में लाने की कोशिश की जा सकती है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश संगठन से लेकर क्षेत्रीय संगठन के स्तर पर उनसे संपर्क और संवाद स्थापित कराने पर भी ध्यान दे रही है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रही है. सरकार से लेकर संगठन के स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल का कार्यकाल पूरे होने पर तमाम स्तर पर लोकसभा क्षेत्रों में अभियान चलाए जा रहे हैं. पार्टी के जो सांसद हैं उनके कामकाज को लेकर भी कई स्तर पर जांच पड़ताल की जाती है. पार्टी की कोशिश रहती है कि बेहतर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जाएं. भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी शानदार जीत दर्ज करेगी.

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