लखनऊः राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की दूसरी मंजिल पर आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दिए गए थे जिसकी रिपोर्ट केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट को सौंपी गई. इस मंजिल पर इमरजेंसी कॉम्प्लेक्स एवं ट्रामा सेंटर हैं. तमाम तथ्यों एवं साक्ष्यों के सामने आने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने तीन कर्मचारियों को लापरवाही बरतने का दोषी पाया है.
ट्रामा सेंटर की सिस्टर इंचार्ज को भी लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है. चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी पाए गए कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की.उमेश यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, तो वही अखिलेश कुमार को उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया है. ट्रॉमा सेंटर में तैनात सिस्टर इंचार्ज के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की दोबारा जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा.
यह निर्णय जांच हेतु गठित 4 सदस्यों की कमेटी ने लिया है. केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर डॉ आर एस कुशवाहा की अध्यक्षता में यह कमेटी बनी है. अब इस पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्णय केजीएमयू प्रशासन की तरफ से लिया गया है.