लखनऊ: शहर में कोरोना का प्रकोप तेजी से हो रहा है. संक्रमितों की संख्या में इजाफा शुरू हो गया है. रविवार को तीन मरीज कोविड पॉजिटिव हुए. जबकि एक महिला मरीज ठीक होकर घर वापस लौटी. बीते शनिवार को छह मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वायरस के वैरिएंट का पता लगाने के लिए नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी. सभी नमूने केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेज दिए गए हैं.
सबसे ज्यादा सरोजनीनगर में दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. एनके रोड, चिनहट, काकोरी और आलमबाग में एक-एक लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. एक मरीज ने वायरस से जंग जीती है. मौजूदा समय में 26 सक्रिय मरीज हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर अफसरों की चिंता बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कोई भी संक्रमित गंभीर नहीं है. अस्पताल में भी किसी को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है. होम आईसोलशेन में हैं. सभी मरीज एसिम्टोमैटिक हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीजों की सेहत निगरानी कर रही है. मरीजों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है.
कॉरपोरेट हॉस्पिटल में मरीज की जान जाने पर सीएमओ से शिकायत
रिंग रोड स्थित बड़े कॉरपाेरेट हॉस्पिटल में गुर्दे रोगी के इलाज में कोताही बरती गई. इससे उसकी जान चली गई. परिजनों ने सरकारी कोष के दुरूप्रयोग संग कई गंभीर आरोप लगाते हुए पहले सीएमओ को पत्र भेजा. सीएमओ ने मामले की जांच कराई. परिजनों के बयान दर्ज किए. मामले की जांच रिपोर्ट अधर में लटक गई. तीमारदारों ने फिर एनएमसी में शिकायत दर्ज कराई. एनएमसी ने सीएमओ को पत्र भेजा है. आरोप है जिस टेक्नीशियन पर कोताही का आरोप है. उसकी सेवाएं छह माह के प्रतिबंधित की जाएगी.
टेढ़ी पुलिया निवासी स्वामी शरण वर्मा 70 रिंग रोड स्थित कॉरपोरेट हॉस्पिटल से इलाज चल रहा था. वहां पर उनकी डायलिसिस भी हो रही थी. परिजन सीएम केयर फंड से इलाज करवा रहे थे. सीएम केयर फंड से मरीज को तीन लाख 60 हजार रुपए मिले थे. जिसके जरिए डायलिसिस व इलाज चल रहा था. आरोप है डायलिसिस यूनिट में कार्यरत टेक्नीशियन ने कोताही बरती. फिसकुला बनवाने के लिए उसे केजीएमयू शताब्दी भेजा. वहां पर फिसकुला बनाने के नाम पर करीब 45 हजार रुपए की मांग की गई. तीमारदार मरीज को लेकर वापस लौट आए. मामले की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की.
अस्पताल प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. नतीजा बीते साल अगस्त माह में मरीज की मौत हो गई. पत्नी निर्मला का आरोप सीएम केयर फंड से दवाओं व इंजेक्शन में बढ़ा हुआ शुल्क वसूला गया. एक हजार का कैश में मिलने वाला इंजेक्शन, 2400 रुपए में वसूलने का आरोप हैं. इसे लेकर परिजनों ने नेशनल मेडिकल काउंसिल में शिकायत दर्ज कराई. वहां से परिजनों के बयान दर्ज किए गए. मामले की पूरी जांच किया गया. पूरे मामले में कार्रवाई के लिए पत्र सीएमओ को एनएमसी ने भेजा है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, एनएमसी से पत्र मिला है. मामले में गहनता से जांच कराकर आगे की कार्रवाई होगी.
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