लखनऊः राजधानी के जेल रोड के युवा कल्याण निदेशालय में राज्य युवा उत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें कार्यक्रम के आखिरी दिन शनिवार को युवाओं की एलोक्यूशन, एकांकी, बांसुरी वादन और हॉरमोनियम विधा की प्रतियोगितायें आयोजित हुईं. इसी के साथ ही तीन दिवसीय उत्सव खत्म हो गया. समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्य युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष डॉक्टर विभ्राट चन्द्र कौशिक ने कई प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया.
विधा के लिए समर्पण जरूरी
24वें राष्ट्रीय युवा उत्सव-2021 में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभागियों का डॉक्टर विभ्राट चन्द्र कौशिक ने उत्साहवर्धन किया. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत और अपनी विधा के लिए समर्पित रहने की आवश्यकता है. इस तरह के आयोजनों से प्रदेश में छुपी हुई प्रतिभाएं निखर कर सामने आयेंगी. प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से युवाओं को जोड़ने से देश ही नही विश्व में भी उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ेगा.
हार और जीत जीवन के दो पहलू
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद विभाग और प्रतिभागियों के मेहनत से कार्यक्रम सफल हुआ है. उन्होंने कहा कि जीत और हार जीवन के दो पहलू हैं. लेकिन हमें हार से निराश नहीं होना चाहिए. बल्कि उन कमियों को दूर करके जीत में परिवर्तित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवा जोश-युवा सोच इस बार का नारा है.
इन जोन प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
उत्सव में प्रदेश के 06 ज़ोन- लखनऊ, आगरा, गोरखपुर, झांसी, बरेली और प्रयागराज से कई विधाओं के लिए जिलों के प्रतिभागी ज़ोन स्तर पर सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.
प्रतियोगिताओं में पहला नंबर पाने वाले प्रतिभागी
- एलोक्यूशन में बरेली के वंश चतुर्वेदी
- एकांकी में बरेली के राम प्रिय गंगवार, कौशिकी शर्मा
- हारमोनियम(लाइट) में प्रयागराज के अंकित चतुर्वेदी
- गिटार वादन में आगरा की मानवी सिंह
- बांसुरी वादन मे अलीगढ़ के अरिरूद्ध गुप्ता
- लोकनृत्य में लखनऊ की अंजली, नन्दिनी और साथी
- मृदंगम वादन में लखनऊ के प्रशांत द्विवेदी
- तबला वादन में प्रयागराज के शुभम पटवा
- भरतनाट्यम में लखनऊ के सिजा राय
- सितार वादन में प्रयागराज के रनित चर्टजी
- शास्त्रीय गायन में आगरा निशांक सैनी (कर्नाटक)
- ओडिसी में आगरा अंजली वर्मा
- लोकगीत में झांसी की शरद अनुरागी, योगेन्द्र कुमार और साथी
- शास्त्रीय गायन में प्रयागराज के सरगम कान्त वैश्य (हिन्दुस्तानी)
- कथक में लखनऊ की इशा रतन रहीं.