लखनऊ: राजधानी में माल एवेन्यू स्थित उत्तर प्रदेश यूथ कांग्रेस मुख्यालय के दफ्तर के एक नहीं बल्कि तीन दावेदार हैं. पहला दावा यूथ कांग्रेस पार्टी का है, दूसरा मालिकाना हक इस पर एक व्यापारी जता रहा है और तीसरा प्रदेश सरकार भी इस कार्यालय को खाली कराकर अपने पाले में लेने में लगी हुई है.
बता दें कि कांग्रेस कार्यालय खाली कराने के लिए लगातार नोटिसों का दौर भी जारी है. व्यापारी कोर्ट की शरण में गया है. लिहाजा, कोर्ट की तरफ से यूथ कांग्रेस को नोटिस आ रहे हैं. साथ ही प्रदेश सरकार की तरफ से भी इस कार्यालय को खाली कराने के नोटिस आ रहे हैं.
1983 में हुआ था बिल्डिंग का उद्घाटन
दरअसल, 1983 में कांग्रेस के महासचिव और सांसद रहते स्वर्गीय राजीव गांधी ने यूथ कांग्रेस की इस बिल्डिंग का उद्घाटन किया था. अब इस बिल्डिंग को खाली कराने के लिए लगातार नोटिस आ रहे हैं. कांग्रेस के पदाधिकारी बताते हैं कि एक व्यापारी कांग्रेस के दफ्तर को अपनी प्रॉपर्टी बता रहा है. दो साल पहले ही व्यापारी ने दफ्तर पर अपना दावा ठोका था.
व्यापारी ने कोर्ट में प्रस्तुत किए दफ्तर के कागज
व्यापारी का कहना था कि उसके पूर्वजों की यह प्रॉपर्टी है जो लीज पर दी गई थी. समय पूरा हो गया है, जबकि काफी समय पहले ही इस दफ्तर को यूथ कांग्रेस को अलॉट किया गया था. यूथ कांग्रेस के कार्यालय न खाली करने पर व्यापारी कोर्ट की शरण में चला गया और उसने अपने कागज प्रस्तुत कर दिए, जिसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर दी है.
कांग्रेस के पदाधिकारियों की मानें तो कांग्रेस के पास भी इस दफ्तर का अलॉटमेंट लेटर और अन्य दस्तावेज भी सुरक्षित हैं. उधर राज्य संपत्ति विभाग की तरफ से भी कार्यालय खाली करने के नोटिस पहले ही आ चुके हैं. कांग्रेस के पदाधिकारी बताते हैं कि पहले माल एवेन्यू की कई बिल्डिंग प्राइवेट होती थीं जिन्हें किराए पर कार्यालय के लिए दे दिया जाता था. अभी भी कई ऐसी बिल्डिंग यहां मौजूद हैं.
यूथ कांग्रेस के खिलाफ लगातार सरकार अपने दबाव में नोटिस भिजवा रही है, लेकिन हमारे पास बिल्डिंग के कागज हैं, साक्ष्य हैं, आवंटन हैं. इतना ही नहीं हम किराया भी देते हैं. कोर्ट के आदेश से हमारा कार्यालय चलता है.
अजय कुमार लल्लू, नेता, कांग्रेस