लखनऊ : केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 15 साल पुराने सरकारी वाहन सड़कों पर संचालित नहीं होंगे. इन वाहनों पर स्क्रैप पॉलिसी लागू होगी. पुराने वाहनों की जगह नए वाहन लेंगे. देश में ऐसे लाखों सरकारी वाहन हैं, वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो ऐसे सरकारी वाहनों की संख्या हजारों में है. यह सभी वाहन स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में आएंगे और इन्हें हटाया जाएगा. इस पॉलिसी में आने वाले वाहनों को लेकर गुरुवार को परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन किया था.
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग में 31/01/ 2008 से पहले के विभिन्न श्रेणी के लाखों वाहन दर्ज हैं. इनमें से सरकारी वाहन अब कबाड़ हो जाएंगे. पहले ऐसे वाहनों की नीलामी होती थी जिससे विभाग को काफी फायदा होता था, लेकिन अब ऐसे पुराने वाहन सड़क पर पर्यावरण की दृष्टि से संचालित ही नहीं होने दिए जाएंगे. लिहाजा, इन्हें काट दिया जाएगा. अगर 15 साल पुराने सरकारी वाहनों की संख्या की बात की जाए तो लखनऊ जोन में 10 हजार से ज्यादा ऐसे सरकारी वाहन हैं तो लखनऊ आरटीओ में 8000 से ज्यादा वाहन दर्ज हैं. ये सभी 31 मार्च तक हरहाल में स्क्रैप कर दिए जाएंगे. परिवहन विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार भी वाहनों को स्क्रैप करने में मदद करेगी. निजी और व्यावसायिक वाहनों की संख्या लाखों में है.
इन जिलों में 15 साल से ज्यादा सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या : सहारनपुर 1,83,474, मुजफ्फरनगर 122588, बुलंदशहर 125728, गाजियाबाद 178885, मेरठ 179663, नोएडा 126731, बागपत 32090, शामली 1696, बिजनौर 1,49,654, मुरादाबाद 12,956, रामपुर 84629, जेपी नगर 45, 864, बदायूं 53,852, बरेली 1,75,234, पीलीभीत 38,575, शाहजहांपुर 68,711, हरदोई 61,398, लखीमपुर 85,716, लखनऊ 7,28,519,रायबरेली 1,03,425, सीतापुर 85,457, उन्नाव 74,038, अमेठी 1612, हापुड़ 1570, संभल 1976, बहराइच 65,885, बाराबंकी 85,987, अयोध्या 11,55,12, गोंडा 82,838, सुल्तानपुर 98,839, अकबरपुर 39,182, श्रावस्ती 11,321, बलरामपुर 26,986, आजमगढ़ 13,8,964, बस्ती 1,07,465, देवरिया 72,548, गोरखपुर 1,81,882, मऊ 62,305, सिद्धार्थनगर 36,643, महराजगंज 17,222, पडरौना 50,763, संत कबीर नगर 16,195, बलिया 60,341, गाजीपुर 53,752, जौनपुर 1,25,435, मिर्जापुर 46,119, सोनभद्र 64,855, वाराणसी 2,81,976, भदोही 50,195, चंदौली 18,952, प्रयागराज 2,97,111, फतेहपुर 70,945, प्रतापगढ़ 33,448, कौशांबी 26,240, कन्नौज 32,381, इटावा 64722, फर्रुखाबाद 12,013, कानपुर देहात 39,518, कानपुर नगर 3,83,722, औरैया 27,778, आगरा 2,45,622, अलीगढ़ 2,24,488, एटा 35,236, फिरोजाबाद 54,457, मैनपुरी 53,107, मथुरा 98,141, हाथरस 50,593, कासगंज 7,181, बांदा 25,529, हमीरपुर 29,143, उरई 46,756, झांसी 1,58,615, ललितपुर 45,867, महोबा 16,088, चित्रकूट 13,100, महानगर लखनऊ 85,891.
लखनऊ के संभागीय परिवहन अधिकारी रामफेर द्विवेदी का कहना है कि 'लखनऊ में जितने भी सरकारी वाहन हैं उन्हें हरहाल में 31 मार्च तक स्क्रैप करना है. इसे लेकर रणनीति बनाई जा रही है. एक अप्रैल से किसी भी सरकारी दफ्तर में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन नजर नहीं आएंगे. इसके स्थान पर सभी वाहन नए होंगे. प्रदूषण न फैले इसी वजह से ये फैसला लिया जा रहा है. सरकारी वाहन के अलावा अन्य श्रेणी के जो वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं, फिलहाल अभी वह स्क्रैप पॉलिसी में स्क्रैप नहीं होंगे.'
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