लखनऊ: ईद उल अजहा यानी कि बकरीद में अब कुछ ही दिन बाकी हैं. बकरीद से पहले कुर्बानी के लिए महंगे बकरों की खरीदारी शुरू कर दी गई है, लेकिन नवाबों के शहर लखनऊ में एक बकरा इन दिनों सुर्खियों का सबब बना हुआ है. नवाबी शहर में पला और बढ़ा बकरों का 'राजा' सिर्फ नाम से राजा नहीं बल्कि इनके नख़रे भी राजाओं और नवाबों वाले हैं. इस बकरे के नखरों को जो भी सुनता है, वो हैरत में पड़ जाता है.
एक कुंतल से ज्यादा है 'राजा' का वजन
बकरीद के त्यौहार के मौके पर एक से बढ़कर एक बकरे जानवरों की मंडियों में दिखाई देते हैं, लेकिन इन दिनों नवाबों के शहर लखनऊ में राजा नाम का बकरा अपने नाज नखरों को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. एक कुंतल से ज्यादा भारी और लंबाई में आम बकरों के मुकाबले दुगना राजा दिखने में भी बेहद खूबसूरत है.इसको देखने के लिए भी दूरदराज इलाकों से लोग आते हैं.
इंसानों से ज़्यादा एक दिन का खर्च
राजा नाम के इस बकरे के मालिक मोहम्मद इकबाल के मुताबिक, इस बकरे पर रोजाना एक हजार से ज्यादा का खर्चा होता है यानी महीने का तकरीबन तीस हजार रुपये, जो एक मिडिल क्लास आदमी के महीने के खर्चे से भी कहीं ज्यादा है. इनका नाम ही सिर्फ राजा नहीं है, बल्कि इनका रहन-सहन भी राजाओं और नवाबों वाला है. यह आम बकरों की तरह सिर्फ पत्ते नहीं खाता, बल्कि इसको सुबह-शाम बादाम और काजू पसंद है. बकरों का यह 'राजा' जमीन पर नहीं बल्कि कूलर और पंखे लगी चारपाई पर बैठता है.
बकरे के मालिक ने बताया कि वह इसको बाजार में नहीं बेचेंगे, जबकि इसकी कीमत लाखों में लगाई जा चुकी है. राजा नाम के इस खास बकरे के मालिक इकबाल का कहना है कि कोई दूसरा शख्स राजा के नाज उठा पाएगा या नहीं, यही सोचकर वह राजा को अपने पास ही रखना चाहते हैं, लेकिन बकरीद के त्योहार पर राजा को वो अल्लाह की राह पर कुर्बान कर देंगे और गरीबों व भूखों को इसका हिस्सा देंगे.
21 जुलाई को मनाया जाएगा त्योहार
भारत में इस वर्ष बकरीद का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा. बकरीद को कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन मुसलमान महंगे से महंगा बकरा खरीदकर कुर्बान करते हैं. जिसका हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को दिया जाता है. मुल्क में बकरीद के मौके पर बड़ा कारोबार होता है. जिसमें गांव और देहात से किसान और व्यापारी बकरे लेकर मंडियों में बेचने आते हैं, जिससे उनको अच्छा मुनाफा भी हासिल होता है.