लखनऊः यूपी में बनी एक्सपर्ट कमेटी ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका जताई है. दूसरी लहर में एकाएक कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ गया था. जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड का संकट हो गया था. लिहाजा तीसरी लहर से पहले ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाए जा रहे हैं. अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में वेंटीलेटर, बाई-पैप मशीन, हाईफ्लोनेजल कैनुला लगाए जा रहे हैं. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक 80 हजार ऑक्सीजन सपोर्ट बेड तैयार हो गए. ये आईसीयू-एचडीयू के बेड हैं.
हर जिलों की 4 सीएचसी पर बच्चों का इलाज
बच्चों के इलाज की व्यवस्था भी सुधारी जा रही है. डीजी हेल्थ डॉक्टर डीएस नेगी के मुताबिक हर जिले की चार सीएचसी पर बच्चों के इलाज की व्यवस्था होगी. इन पर 10-10 बेड आरक्षित किए जाएंगे. इनमें दो बेड पर बाईपैप भी लगेंगी. वहीं सीएचसी पर उकरणों को दुरुस्त किया जा रहा है. इसको लेकर नोडल ऑफिसर नामित किए गए हैं.
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जिला अस्पताल में 40 बेड का वार्ड, 20 बेड का पीआईसीयू
जिला अस्पताल में 40 बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए. इसमें 20 बेड पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) बनेंगी. वहीं 20 बेड ऑक्सीजन वाले होंगे. वहीं मंडल चिकित्सालयों में 80 बेड होंगे. इसमें 40 बेड का पीआईसीयू और 40 बेड के वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट वाले होंगे. मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का पीआईसीयू होगा. पीआईसीयू में वेंटीलेटर-बाई पैप मशीन लगेगी.
414 ऑक्सीजन प्लांट, 21 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर
ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है. अस्पतालों में 414 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं. इसमें से 54 शुरू हो गए हैं. इसके साथ ही 21 हजार ऑक्सीजन कन्संट्रेटर मंगवाए जा रहे हैं. ये मशीन हवा से ऑक्सीजन बनाएगी. प्रत्येक सीएचसी को 20-20 कंसट्रेटर दिए जाएंगे.
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कोरोना टेस्ट लैब बढ़ीं, डॉक्टरों को ट्रेनिंग
कोरोना टेस्ट लैब बढ़ा दी गई है. 20 आरटीपीसीआर और मशीन लग गई है. 1.5 लाख रोज टेस्ट से बढ़कर अब 3.5 लाख टेस्ट तक होने लगे हैं. वहीं बच्चों के इलाज के लिए पीजीआई-केजीएमयू ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है.