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खेल छात्रावास का नहीं होगा ट्रायल यदि जिले में 25 से कम होंगे खिलाड़ी, जानें क्या है माजरा - लखनऊ की खबरें

उत्तर प्रदेश खेल विभाग के एक आदेश ने प्रदेश के हजारों युवा खिलाड़ियों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. सरकार ने आदेश किया है कि जिस जिले में किसी खेल के 25 से कम खिलाड़ी होंगे, वहां खेल छात्रावास का ट्रायल नहीं होगा.

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उत्तर प्रदेश खेल विभाग
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Published : Apr 21, 2022, 3:54 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश खेल विभाग के एक आदेश ने उत्तर प्रदेश के हजारों युवा खिलाड़ियों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. सरकार ने आदेश किया है कि जिस जिले में किसी खेल के 25 से कम खिलाड़ी होंगे, वहां खेल छात्रावास का ट्रायल नहीं होगा. ऐसे में जहां कम खिलाड़ी हैं, वहां खिलाड़ियों को छात्रावास का लाभ नहीं मिल सकेगा. जो ट्रायल हो चुके हैं, उनको निरस्त करने का एलान कर दिया गया है. नए सिरे से ट्रायल करवाए जाएंगे, इसमें खिलाड़ियों की संख्या को बढ़ाना होगा. वहीं, अनेक ऐसे खेल हैं जिनमें खिलाड़ियों को जुटाना खेल अफसरों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

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उत्तर प्रदेश खेल विभाग

उत्तर प्रदेश में खेल हॉस्टल के चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसमें जिला मंडलीय और केंद्रीय स्तर पर ट्रायल किए जा रहे हैं. अनेक ऐसे खेल है जिनमें जिलों में प्रतिभावान खिलाड़ी तो हैं लेकिन उनकी संख्या 25 से कम है. खेल विभाग ने शासन स्तर पर खिलाड़ियों की संख्या 25 से कम होने में अधिकारियों की गंभीर त्रुटि मानी है. इसकी वजह से जो ट्रायल हो चुके हैं, उनको निरस्त करके नए सिरे से ट्रायल कराने का एलान किया गया है. इसमें 25 से अधिक खिलाड़ियों की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात की गई है. इसके लिए जमकर प्रचार-प्रसार करने और अधिकारियों को छुट्टी न लेने का भी आदेश शासन स्तर से दिया गया है.

पढ़ेंः खेल प्रतिभाओं को निखारने पर फोकस, गांवों में मनरेगा से बनेंगे खेल के मैदान: केशव मौर्य

खेल विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी की ओर से शासनादेश जारी करके खेल निदेशक और सभी क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारियों को यह आदेश किया है. इसके तहत खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाने व्यापक प्रचार-प्रसार करने और उसके बाद नए सिरे से ट्रायल कराने का आदेश दिया गया है. स्पष्ट है कि शासन खिलाड़ियों की कम संख्या को लेकर नाराज हैं और उम्मीद करता है कि प्रत्येक खेल में राज्य के सभी जिलों में कम से कम 25 खिलाड़ी हों. इसके लिए क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारियों और निदेशालय को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसलिए ट्रायल के दौरान सभी अधिकारियों की छुट्टियों को निरस्त कर दिया गया.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश खेल विभाग के एक आदेश ने उत्तर प्रदेश के हजारों युवा खिलाड़ियों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है. सरकार ने आदेश किया है कि जिस जिले में किसी खेल के 25 से कम खिलाड़ी होंगे, वहां खेल छात्रावास का ट्रायल नहीं होगा. ऐसे में जहां कम खिलाड़ी हैं, वहां खिलाड़ियों को छात्रावास का लाभ नहीं मिल सकेगा. जो ट्रायल हो चुके हैं, उनको निरस्त करने का एलान कर दिया गया है. नए सिरे से ट्रायल करवाए जाएंगे, इसमें खिलाड़ियों की संख्या को बढ़ाना होगा. वहीं, अनेक ऐसे खेल हैं जिनमें खिलाड़ियों को जुटाना खेल अफसरों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

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उत्तर प्रदेश में खेल हॉस्टल के चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसमें जिला मंडलीय और केंद्रीय स्तर पर ट्रायल किए जा रहे हैं. अनेक ऐसे खेल है जिनमें जिलों में प्रतिभावान खिलाड़ी तो हैं लेकिन उनकी संख्या 25 से कम है. खेल विभाग ने शासन स्तर पर खिलाड़ियों की संख्या 25 से कम होने में अधिकारियों की गंभीर त्रुटि मानी है. इसकी वजह से जो ट्रायल हो चुके हैं, उनको निरस्त करके नए सिरे से ट्रायल कराने का एलान किया गया है. इसमें 25 से अधिक खिलाड़ियों की सहभागिता सुनिश्चित करने की बात की गई है. इसके लिए जमकर प्रचार-प्रसार करने और अधिकारियों को छुट्टी न लेने का भी आदेश शासन स्तर से दिया गया है.

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खेल विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी की ओर से शासनादेश जारी करके खेल निदेशक और सभी क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारियों को यह आदेश किया है. इसके तहत खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाने व्यापक प्रचार-प्रसार करने और उसके बाद नए सिरे से ट्रायल कराने का आदेश दिया गया है. स्पष्ट है कि शासन खिलाड़ियों की कम संख्या को लेकर नाराज हैं और उम्मीद करता है कि प्रत्येक खेल में राज्य के सभी जिलों में कम से कम 25 खिलाड़ी हों. इसके लिए क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारियों और निदेशालय को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसलिए ट्रायल के दौरान सभी अधिकारियों की छुट्टियों को निरस्त कर दिया गया.

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