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गर्मी में नहीं होगी बिजली की कमी, सरकार तैयार करा रही नया ब्लू प्रिंट - ब्रेक डाउन

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बिजली व्यवस्था के ढांचे में परिवर्तन करने जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है. उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है.

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Published : Nov 14, 2022, 5:13 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के ढांचे में परिवर्तन करने जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है. उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि काम में तेजी लाने और वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार कर लिया जाए. उत्तर प्रदेश में अभी तकरीबन तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. मुख्यमंत्री की ओर से कह दिया गया है कि हरहाल में अगली गर्मी से पहले प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीति बनाकर काम शुरू किया जाए. जिससे इस साल की गर्मियों जैसी स्थिति का सामना ना करना पड़े.



उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज (Uttar Pradesh Power Corporation chairman M. Devraj) के अनुसार रिवैंप योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में टेंडरिंग की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. योजना को पूरी तरह से मूर्त रूप देने के लिए 2024-25 की डेडलाइन तय की गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है. इस योजना में एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12-15 फीसद तक लाना भी शामिल है. इसके अलावा एवरेज कॉस्ट सप्लाई और एवरेज रेवेंन्यू रिलाइजेशन को भी जीरो करना है.

मुख्यमंत्री की ओर से जल्द फाइनल डीपीआर बनाने और टेंडरिंग प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए कह दिया गया है. अबतक चली आ रही आइपीडीएस, सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय योजना को भी रिवैंप में समाहित किया जाना है. इसके तहत 33-11 केवी के नए बिजलीघर बनाए जाने हैं. साथ ही पहले से निर्मित 33-11 केवी बिजलीघरों की क्षमता में भी वृद्धि की जाएगी. इसके अलावा 33 केवी की ओवरलोडेड लाइन और उनमें से जिनपर एक से ज्यादा बिजलीघर जुड़े हैं. उन्हें अलग-अलग किया जाएगा. इसके लिए नई लाइनें बनेंगी.



यह भी पढ़ें : पीएम आवास योजना शहरी में हो रहा भ्रष्टाचार, आखिर जरूरतमंदों को कैसे मिलेगी पक्की छत
योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी मजरों, गांवों, नगरों और महानगरों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य है. इसके अलावा फॉल्ट होने या ब्रेक डाउन की स्थिति में केवल एक लाइन को प्रभावित करना, लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाना और सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए आरमर्ड सर्विस केबिल को उपयोग में लाना शामिल है. वहीं त्रुटिरहित और समय से बिजली बिल, स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की व्यवस्था भी इस योजना में शामिल है. साथ ही हर फीडर की निगरानी करने के लिए अलग स्विच लगाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : आयुष अस्पतालों पर विश्वास बरकरार, गठिया इलाज के लिए दूरदराज से आ रहे मरीज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था के ढांचे में परिवर्तन करने जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है. उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की ओर से स्पष्ट निर्देश हैं कि काम में तेजी लाने और वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार कर लिया जाए. उत्तर प्रदेश में अभी तकरीबन तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं. मुख्यमंत्री की ओर से कह दिया गया है कि हरहाल में अगली गर्मी से पहले प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीति बनाकर काम शुरू किया जाए. जिससे इस साल की गर्मियों जैसी स्थिति का सामना ना करना पड़े.



उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज (Uttar Pradesh Power Corporation chairman M. Devraj) के अनुसार रिवैंप योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में टेंडरिंग की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. योजना को पूरी तरह से मूर्त रूप देने के लिए 2024-25 की डेडलाइन तय की गई है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है. इस योजना में एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12-15 फीसद तक लाना भी शामिल है. इसके अलावा एवरेज कॉस्ट सप्लाई और एवरेज रेवेंन्यू रिलाइजेशन को भी जीरो करना है.

मुख्यमंत्री की ओर से जल्द फाइनल डीपीआर बनाने और टेंडरिंग प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए कह दिया गया है. अबतक चली आ रही आइपीडीएस, सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय योजना को भी रिवैंप में समाहित किया जाना है. इसके तहत 33-11 केवी के नए बिजलीघर बनाए जाने हैं. साथ ही पहले से निर्मित 33-11 केवी बिजलीघरों की क्षमता में भी वृद्धि की जाएगी. इसके अलावा 33 केवी की ओवरलोडेड लाइन और उनमें से जिनपर एक से ज्यादा बिजलीघर जुड़े हैं. उन्हें अलग-अलग किया जाएगा. इसके लिए नई लाइनें बनेंगी.



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योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी मजरों, गांवों, नगरों और महानगरों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य है. इसके अलावा फॉल्ट होने या ब्रेक डाउन की स्थिति में केवल एक लाइन को प्रभावित करना, लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाना और सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए आरमर्ड सर्विस केबिल को उपयोग में लाना शामिल है. वहीं त्रुटिरहित और समय से बिजली बिल, स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की व्यवस्था भी इस योजना में शामिल है. साथ ही हर फीडर की निगरानी करने के लिए अलग स्विच लगाए जाएंगे.

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