लखनऊ: रेलवे प्रशासन ने ट्रेन में सीट न होने पर भी यात्रियों के टिकट बुक कर दिए. रेलवे ने चार यात्रियों से तत्काल के बराबर किराया वसूलकर एसी सीट रिजर्व कर दी. यात्री जब टिकट लेकर यात्री स्टेशन पर ट्रेन के कोच में अपनी सीट लेने पहुंचे तो वो सीट खोजते ही रह गए, लेकिन उन्हें सीट नहीं मिली. बिना सीट के ही यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ी.
सीट खोजते रहे यात्री
अमित मिश्र नाम के यात्री को छपरा से लखनऊ आना था. 11 नवंबर को उन्होंने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर छपरा से स्पेशल ट्रेन 04423 में स्लीपर क्लास का टिकट बुक कराया. उन्हें एस-9 कोच में सीट नंबर 73 और 76 आवंटित हुई. इन दो सीटों के लिए अमित ने 1228 रुपये किराया भी अदा किया. वह लखनऊ की ओर आने वाली स्पेशल ट्रेन पकड़ने छपरा स्टेशन पहुंचे. वह एस- 9 कोच में सवार हुए लेकिन काफी खोजने के बाद भी उन्हें 73 और 76 नम्बर की सीट नहीं मिली.
टीटीई ने खड़े कर दिए हाथ, बिना सीट पूरी की यात्रा
रेलवे के पुराने कोच वाले स्लीपर क्लास में 72 सीट ही रहती हैं. इसलिए अमित के साथ सीट नम्बर 74 व 75 के यात्री भी सीट के लिए भटकते रहे. जब उन्होंने टीटीई को खोजा तो पता चला कि कई और कोच में भी यात्री इसी तरह हाथ में टिकट लेकर अपनी सीट खोज रहे हैं. अमित ने इसकी शिकायत मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ मंडल से की. बिना सीट के ही अमित के साथ अन्य यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ी.
इस चूक से बढ़ी यात्रियों की मुसीबत
बता दें कि रेलवे की ओर से सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) में ट्रेन के लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) रैक की फीडिंग की वजह से इस तरह की चूक हुई. एलएचबी रैक के स्लीपर क्लास में 80 सीटें होती हैं और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के कोच में 72 सीट. यही यात्रियों की परेशानी का सबब बना.
ट्रेन में नहीं थी सीट फिर भी रेलवे ने बुक कर दिए टिकट
रेलवे प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है. छपरा से लखनऊ आने वाली ट्रेन में रेलवे ने सीट उपलब्ध नहीं होने के बावजूद भी टिकट बुक कर दिए. यात्री जब ट्रेन में चढ़े तो वो अपनी सीट खोजते ही रह गए. ऐसे में कई यात्रियों को बिना सीट के ही अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ी.
लखनऊ: रेलवे प्रशासन ने ट्रेन में सीट न होने पर भी यात्रियों के टिकट बुक कर दिए. रेलवे ने चार यात्रियों से तत्काल के बराबर किराया वसूलकर एसी सीट रिजर्व कर दी. यात्री जब टिकट लेकर यात्री स्टेशन पर ट्रेन के कोच में अपनी सीट लेने पहुंचे तो वो सीट खोजते ही रह गए, लेकिन उन्हें सीट नहीं मिली. बिना सीट के ही यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ी.
सीट खोजते रहे यात्री
अमित मिश्र नाम के यात्री को छपरा से लखनऊ आना था. 11 नवंबर को उन्होंने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर छपरा से स्पेशल ट्रेन 04423 में स्लीपर क्लास का टिकट बुक कराया. उन्हें एस-9 कोच में सीट नंबर 73 और 76 आवंटित हुई. इन दो सीटों के लिए अमित ने 1228 रुपये किराया भी अदा किया. वह लखनऊ की ओर आने वाली स्पेशल ट्रेन पकड़ने छपरा स्टेशन पहुंचे. वह एस- 9 कोच में सवार हुए लेकिन काफी खोजने के बाद भी उन्हें 73 और 76 नम्बर की सीट नहीं मिली.
टीटीई ने खड़े कर दिए हाथ, बिना सीट पूरी की यात्रा
रेलवे के पुराने कोच वाले स्लीपर क्लास में 72 सीट ही रहती हैं. इसलिए अमित के साथ सीट नम्बर 74 व 75 के यात्री भी सीट के लिए भटकते रहे. जब उन्होंने टीटीई को खोजा तो पता चला कि कई और कोच में भी यात्री इसी तरह हाथ में टिकट लेकर अपनी सीट खोज रहे हैं. अमित ने इसकी शिकायत मंडल रेल प्रबंधक लखनऊ मंडल से की. बिना सीट के ही अमित के साथ अन्य यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ी.
इस चूक से बढ़ी यात्रियों की मुसीबत
बता दें कि रेलवे की ओर से सेंटर फॉर रेलवे इनफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) में ट्रेन के लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) रैक की फीडिंग की वजह से इस तरह की चूक हुई. एलएचबी रैक के स्लीपर क्लास में 80 सीटें होती हैं और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के कोच में 72 सीट. यही यात्रियों की परेशानी का सबब बना.