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कोरोना का कहर: महिला अस्पतालों की ओपीडी में हो सकते हैं बदलाव - lucknow news

राजधानी लखनऊ में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसका असर अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है. अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. राजधानी के महिला अस्पतालों में कोरोना के मामले लागतार सामने आ रहे हैं, जिसके कारण महिला अस्पतालों की ओपीडी में कुछ बदलाव हो सकता है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
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Published : Apr 10, 2021, 3:50 PM IST

लखनऊ: राजधानी में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यही कारण है कि कई दिनों से सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर भी इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है.

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर की ओपीडी सेवाएं 12 अप्रैल तक बंद कर दी गई हैं. वहीं डिजिटल ओपीडी सुचारू रूप से 12 अप्रैल से ही चालू की जाएगी. महिला अस्पतालों की बात करें तो यहां पर भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. रोजाना कम से कम 40 से 60 मरीजों के तीमारदारों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से कोविड-19 अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. क्वीन मेरी अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है. आगे सोचा जाएगा.

स्थिति को देखते हुए आगे हो सकते हैं कुछ बदलाव
झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. अंजना खरे ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल की ओपीडी पहले के समान ही चल रही है. कोरोना के केस आए दिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे अस्पताल में जिन मरीजों समेत तीमारदारों की करोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, उन्हें तुरंत कोविड अस्पताल भेज दिया जाता है. ओपीडी सेवाएं फिलहाल चलाई जा रही हैं. अगर दिक्कत होती है तो ओपीडी डिजिटल माध्यम के जरिए चलाई जाएगी. शनिवार को झलकारी बाई अस्पताल में 30 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

इसे भी पढ़ें:- IIT प्रोफेसर का दावा, 20 से 25 अप्रैल के बीच पीक पर होगा कोरोना

ओपीडी में अभी कोई बदलाव नहीं
डफरिन अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुधा वर्मा की कोविड रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्होंने खुद को हम आइसोलेट कर लिया. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल ओपीडी नॉर्मल चल रही है. शनिवार को अस्पताल में 40 संक्रमित मरीज मिले. प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से जब भी फरमान जारी होगा, उसी के हिसाब से अस्पताल की सेवाओं में बदलाव होंगे. बता दें कि महज 15 दिन पहले अस्पताल के डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ कोरोना वायरस की चपेट में आए थे, जिसके बाद दोबारा डॉक्टरों और स्टाफ का आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ तो उसमें डॉ. सुधा वर्मा की रिपोर्ट पॉजिटिव नकली. फिलहाल बाकी लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

लखनऊ: राजधानी में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यही कारण है कि कई दिनों से सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर भी इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है.

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर की ओपीडी सेवाएं 12 अप्रैल तक बंद कर दी गई हैं. वहीं डिजिटल ओपीडी सुचारू रूप से 12 अप्रैल से ही चालू की जाएगी. महिला अस्पतालों की बात करें तो यहां पर भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. रोजाना कम से कम 40 से 60 मरीजों के तीमारदारों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से कोविड-19 अस्पताल के लिए रेफर किया जा रहा है. क्वीन मेरी अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है. आगे सोचा जाएगा.

स्थिति को देखते हुए आगे हो सकते हैं कुछ बदलाव
झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. अंजना खरे ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल की ओपीडी पहले के समान ही चल रही है. कोरोना के केस आए दिन बढ़ रहे हैं. ऐसे में हमारे अस्पताल में जिन मरीजों समेत तीमारदारों की करोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, उन्हें तुरंत कोविड अस्पताल भेज दिया जाता है. ओपीडी सेवाएं फिलहाल चलाई जा रही हैं. अगर दिक्कत होती है तो ओपीडी डिजिटल माध्यम के जरिए चलाई जाएगी. शनिवार को झलकारी बाई अस्पताल में 30 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

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ओपीडी में अभी कोई बदलाव नहीं
डफरिन अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुधा वर्मा की कोविड रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्होंने खुद को हम आइसोलेट कर लिया. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल ओपीडी नॉर्मल चल रही है. शनिवार को अस्पताल में 40 संक्रमित मरीज मिले. प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से जब भी फरमान जारी होगा, उसी के हिसाब से अस्पताल की सेवाओं में बदलाव होंगे. बता दें कि महज 15 दिन पहले अस्पताल के डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ कोरोना वायरस की चपेट में आए थे, जिसके बाद दोबारा डॉक्टरों और स्टाफ का आरटीपीसीआर टेस्ट हुआ तो उसमें डॉ. सुधा वर्मा की रिपोर्ट पॉजिटिव नकली. फिलहाल बाकी लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.

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