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सामने आई आदर्श बूथ की सच्चाई , मतदाताओं के लिए नहीं थी कोई व्यवस्था

राजधानी में आदर्श मतदान केंद्र की सच्चाई सामने आई है. मतदान केंद्र पर न पानी की व्यवस्था थी और न ही बुजुर्गों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था. मतदान केंद्र पर लगा कट आउट भी लटकने लगा, जिसे किसी ने भी ठीक नहीं किया.

राजधानी में आदर्श बूथ की सच्चाई आई सामने.
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Published : May 7, 2019, 1:14 AM IST


लखनऊ : राजधानी में शाम होते-होते आदर्श मतदान केंद्र का कट आउट अर्श से फर्श पर आ गया. मतदान केंद्र गेट पर लगे कट आउट के नीचे लटक जाने से किसी जिम्मेदार ने दोबारा इसे सही से लगाने की जहमत नहीं उठाई. यहीं नहीं पेयजल की व्यवस्था भी आदर्श मतदान केंद्र पर समाप्त हो गई.

राजधानी में आदर्श बूथ की सच्चाई आई सामने.

डॉ. दीनदयाल उपाध्याय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय को निर्वाचन आयोग की तरफ से आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था. यहां पर व्यवस्थाएं भी आदर्श मतदान केंद्र की ही तरह की गई थीं. मेन गेट पर आदर्श मतदान केंद्र का कट आउट लगाया गया था, लेकिन दोपहर में हवाओं के चलने से कट आउट गेट से नीचे गिरकर उल्टा हो गया, जिससे मतदाताओं को अहसास भी नहीं हुआ की दीनदयाल को आदर्श मतदान केंद्र घोषित किया गया है.


सामने आई आदर्श बूथ की सच्चाई

  • शाम होते-होते आदर्श मतदान केंद्र पर लगे बोर्ड लटकने लगे.
  • किसी जिम्मेदार ने कट आउट को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई.
  • पेयजल की व्यवस्था भी हुई समाप्त.
  • बुजुर्गों के लिए नहीं थी व्हील चेयर की व्यवस्था.
  • जिला प्रशासन की तरफ से सेल्फी जोन का ही ध्यान रखा गया.

आदर्श मतदान केंद्र अव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा हो तो आम मतदान केंद्रों का हाल क्या होगा. इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है. मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और विकलांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा.


लखनऊ : राजधानी में शाम होते-होते आदर्श मतदान केंद्र का कट आउट अर्श से फर्श पर आ गया. मतदान केंद्र गेट पर लगे कट आउट के नीचे लटक जाने से किसी जिम्मेदार ने दोबारा इसे सही से लगाने की जहमत नहीं उठाई. यहीं नहीं पेयजल की व्यवस्था भी आदर्श मतदान केंद्र पर समाप्त हो गई.

राजधानी में आदर्श बूथ की सच्चाई आई सामने.

डॉ. दीनदयाल उपाध्याय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय को निर्वाचन आयोग की तरफ से आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था. यहां पर व्यवस्थाएं भी आदर्श मतदान केंद्र की ही तरह की गई थीं. मेन गेट पर आदर्श मतदान केंद्र का कट आउट लगाया गया था, लेकिन दोपहर में हवाओं के चलने से कट आउट गेट से नीचे गिरकर उल्टा हो गया, जिससे मतदाताओं को अहसास भी नहीं हुआ की दीनदयाल को आदर्श मतदान केंद्र घोषित किया गया है.


सामने आई आदर्श बूथ की सच्चाई

  • शाम होते-होते आदर्श मतदान केंद्र पर लगे बोर्ड लटकने लगे.
  • किसी जिम्मेदार ने कट आउट को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई.
  • पेयजल की व्यवस्था भी हुई समाप्त.
  • बुजुर्गों के लिए नहीं थी व्हील चेयर की व्यवस्था.
  • जिला प्रशासन की तरफ से सेल्फी जोन का ही ध्यान रखा गया.

आदर्श मतदान केंद्र अव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा हो तो आम मतदान केंद्रों का हाल क्या होगा. इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है. मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और विकलांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा.

Intro:शाम होते-होते अर्श से फर्श पर आ गिरे आदर्श मतदान केंद्रों के कटआउट

लखनऊ। लखनऊ शहर के जिन मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र बनाने में निर्वाचन आयोग में दिन-रात एक कर दिए उन्हीं में से एक मतदान केंद्र पर मतदान के दिन शाम होते-होते गेट पर लगे आदर्श मतदान केंद्र का कट आउट अर्श से फर्श पर आ गया। इसकी वजह दोपहर में धूल भरी तेज हवाओं का चलना था। हालांकि मतदान केंद्र गेट पर लगे कट आउट के नीचे आ जाने से किसी भी जिम्मेदार ने दोबारा सही से लगाने की जहमत नहीं उठाई। सिर्फ बोर्ड हवा में उड़े हों ऐसा बिल्कुल नहीं था, पेयजल की व्यवस्था भी दोपहर से ही सभी आदर्श मतदान केंद्रों पर समाप्त हो गई। किसी भी मतदान केंद्र पर बुजुर्गों के लिए व्हील चेयर की भी व्यवस्था न के बराबर ही दिखी। सिर्फ चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की तरफ से सेल्फी जोन का ही ध्यान रखा गया। ज्यादातर मतदान केंद्रों पर सेल्फी जोन जरूर दुरुस्त नजर आए। जबकि ये सेल्फी जोन कड़ी धूप में प्यासे लोगों की प्यास नहीं बुझा सकते थे न ही बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर का ही काम कर सकते थे।


Body:डॉ दीनदयाल उपाध्याय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय को निर्वाचन आयोग की तरफ से आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां पर व्यवस्थाएं भी आदर्श मतदान केंद्र की ही तरह की गई थीं। मेन गेट पर आदर्श मतदान केंद्र का कटआउट लगाया गया था, लेकिन दोपहर में हवाओं के चलने से कटआउट गेट से नीचे गिरकर उल्टा हो गया, जिससे इसका अहसास ही मतदाताओं को नहीं हुआ कि दीनदयाल को आदर्श मतदान केंद्र घोषित किया गया है। गेट पर ही जिम्मेदार खड़े हुए थे और बैठे हुए भी, लेकिन उनसे उल्टे पड़े बोर्ड को फिर से सीधा करने की जरा सी कोशिश दोपहर से लेकर मतदान समाप्त होने तक नहीं की गई।


Conclusion:आदर्श मतदान केंद्र अव्यवस्था की भेंट चढ़े हों तो आम मतदान केंद्रों का हाल क्या होगा इसका बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है। मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों और विकलांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। धूप में प्यासे रहकर लोगों को लम्बी कतार में लगकर मतदान करना पड़ा। मतदान कम होने की यह भी बड़ी वजह बनी।
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