लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2022 में युवाओं को रोजगार देने का बड़ा मुद्दा हावी है. सभी राजनीतिक दलों के एजेंडे में युवाओं को आकर्षित करने के लिए कई तरह के लोक लुभावने वादे शामिल किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार देने की बात कही है जबकि समाजवादी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार में युवाओं को रोजगार नहीं दिए गए हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. इसको लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में इस विषय को भी शामिल किया है.
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक कल्याणकारी संकल्प पत्र में युवाओं को रोजगार देने और रोजगार के साथ ही स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देने की बात कही है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सबसे खास बात युवाओं के लिए नौकरी देने की बात कही है.
सभी विभागों में खली पदों पर भर्तियां करने का वादा किया गया है. कहा गया है कि अगले 5 वर्षों में हर परिवार में कम से कम एक रोजगार अथवा स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने का काम किया जा रहा है. इसके अंतर्गत 3 करोड़ लोगों को रोजगार देने और स्वरोजगार देने की योजना बनाई गई है.
इसके अलावा दो करोड़ युवाओं को स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत मुफ्त टैबलेट और स्मार्टफोन देने की बात कही गई है. युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की बात हुई है. प्रत्येक ग्राम पंचायत में जिम और खेल का मैदान बनाने का वादा भी किया गया है. 6 हजार डॉक्टर्स व 10 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करने यूपीएससी, यूपी पीएससी, एनडीए, सीडीएस, जेईई, एनआईआईटी, टीईटी, क्लैट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा.
इसी तरह समाजवादी पार्टी ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में युवाओं पर फोकस किया है. सपा ने अपने घोषणा पत्र में एक करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात कही है. सपा का दावा है कि सपा सरकार बनने के एक साल के अंदर शिक्षा विभाग के खाली सभी पद भरे जाएंगे. इसके साथ ही सरकारी विभागों में खाली 11 लाख पदों को भरने का भी वादा किया गया है. खास बात यह है कि युवाओं को रोजगार देने को लेकर समाजवादी पार्टी ने अर्बन एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट बनाकर रोजगार के अवसर प्रदान करने का बड़ा वादा किया गया है.
कांग्रेस पार्टी की बात करें तो युवाओं पर केंद्रित भर्ती विधान घोषणा पत्र ही जारी किया गया है जिसमें 20 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी देने का बड़ा वादा किया है. इनमें से 8 लाख पदों पर महिलाओं को भर्ती करने की बात कही गई है. प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के खाली 1.5 लाख पद भरने की बात हुई है तो स्टार्टअप के लिए 5 हजार करोड़ की लागत से फंड की व्यवस्था की बात कही गई है. इसके अलावा 12वीं पास करने वाली लड़कियों को मुफ्त स्कूटी और स्मार्टफोन देने का वादा भी किया गया है.
यूपी में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने भी युवाओं को लेकर कई वादे किये हैं. आप ने सरकारी नौकरी में प्रदेश के युवाओं के लिए 80 फीसद पद आरक्षित करने, हर साल 10 लाख लोगों को नौकरी देने का भी वादा किया है. साथ ही युवाओं को रोजगार मिलने तक हर महीने पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ते की गारंटी का वादा भी किया गया है.
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राजनीतिक विश्लेषक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री कहते हैं कि चुनाव में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए सभी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं के लिए वादे किए है. युवाओं की सबसे बड़ी समस्या आजीविका संबन्धी होती है. कोई भी सरकार सभी युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं दे सकती. इसके अवसर अत्यंत सीमित होते है. ऐसे में स्व रोजगार व निजी क्षेत्र की नौकरी में ही सर्वाधिक अवसर रहते है. वर्तमान केंद्र व प्रदेश सरकार ने इस वास्तविकता को स्वीकार किया है.
विपक्ष अंबानी और अडानी के नाम पर निजी क्षेत्र पर हमला बोलता रहा है जबकि वह भी जानते है कि सरकारी नौकरी अत्यंत सीमित संख्या में होती है. निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन रोजगार की दृष्टि से भी आवश्यक है. कहा कि पहली बार योगी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की. इसने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाये हैं. मुद्रा योजना कौशल विकास योजना स्टार्टअप योजना आदि इसमें उपयोगी साबित हो रही है. इस ओर पिछली सरकारों का ध्यान नहीं था. पिछली सरकार के समय सरकारी नौकरी में चयन प्रक्रिया को लेकर अनेक आरोप लगते थे. योगी आदित्यनाथ ने इसको भी मुद्दा बनाया है. उनका दावा है कि वर्तमान सरकार ने सरकारी नौकरी में चयन व्यवस्था को पारदर्शी बनाया है. युवा किस पार्टी पर विश्वास करेंगे, यह देखने की बात है.