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हाईकोर्ट ने जिला जज से किया जवाब तलब - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बहराइच के जनपद न्यायाधीश से मामले का ट्रायल पूर्ण कराने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जवाब मांगा.

ट्रायल न पूरा होने का मामला
ट्रायल न पूरा होने का मामला
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Published : Dec 10, 2020, 7:58 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बहराइच जनपद के जिला जज से उक्त मामले का ट्रायल पूर्ण कराने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा. हाईकोर्ट न्यायालय ने बहराइच जनपद के जिला जज से हलफनामा दाखिल कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

याचिकाकर्ता ने दी दलील

यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने रंगी लाल यादव की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उसकी पहली जमानत याचिका खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने ट्रायल शीघ्र निपटाने के आदेश दिये थे. याचिकाकर्ता का कहना है कि 23 फरवरी 2017 को पारित उक्त आदेश के बावजूद ट्रायल कोर्ट में अभियोजन गवाह संख्या 1 तक का परीक्षण आज की तारीख तक नहीं किया जा सका है. सरकारी वकील ने भी इस तथ्य को देखते हुए कहा कि ऑर्डर शीट को देखकर ऐसा लग रहा है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद निचली अदालत ने ट्रायल पूर्ण करने के लिए कोई गम्भीर प्रयास नहीं किया है.

सुनवाई की जिम्मेदारी जज की: हाईकोर्ट

न्यायालय ने भी ट्रायल से सम्बंधित निचली अदालत के ऑर्डर शीट का अवलोकन करने के उपरांत कहा कि तीन साल में आदेश का अनुपालन करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. न्यायालय ने कहा कि निचली अदालतों को इस कोर्ट के आदेश की अवज्ञा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मामले की सुनवाई कर रहे सम्बंधित जज की यह जिम्मेदारी थी कि 23 फरवरी 2017 के आदेश के अनुपालन में वह गम्भीर प्रयास करते. न्यायालय ने उक्त टिप्पणियों के साथ जनपद न्यायाधीश, बहराइच का हलफनामा तलब किया है.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बहराइच जनपद के जिला जज से उक्त मामले का ट्रायल पूर्ण कराने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा. हाईकोर्ट न्यायालय ने बहराइच जनपद के जिला जज से हलफनामा दाखिल कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

याचिकाकर्ता ने दी दलील

यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने रंगी लाल यादव की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उसकी पहली जमानत याचिका खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने ट्रायल शीघ्र निपटाने के आदेश दिये थे. याचिकाकर्ता का कहना है कि 23 फरवरी 2017 को पारित उक्त आदेश के बावजूद ट्रायल कोर्ट में अभियोजन गवाह संख्या 1 तक का परीक्षण आज की तारीख तक नहीं किया जा सका है. सरकारी वकील ने भी इस तथ्य को देखते हुए कहा कि ऑर्डर शीट को देखकर ऐसा लग रहा है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद निचली अदालत ने ट्रायल पूर्ण करने के लिए कोई गम्भीर प्रयास नहीं किया है.

सुनवाई की जिम्मेदारी जज की: हाईकोर्ट

न्यायालय ने भी ट्रायल से सम्बंधित निचली अदालत के ऑर्डर शीट का अवलोकन करने के उपरांत कहा कि तीन साल में आदेश का अनुपालन करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. न्यायालय ने कहा कि निचली अदालतों को इस कोर्ट के आदेश की अवज्ञा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. मामले की सुनवाई कर रहे सम्बंधित जज की यह जिम्मेदारी थी कि 23 फरवरी 2017 के आदेश के अनुपालन में वह गम्भीर प्रयास करते. न्यायालय ने उक्त टिप्पणियों के साथ जनपद न्यायाधीश, बहराइच का हलफनामा तलब किया है.

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