लखनऊः कृषि बिल आने के बाद से ही पूरे देश के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के किसानों से उनके मन की बात जानने की कोशिश की. यहां के किसानों ने कहा कि कानून चाहे जो बन जाए लेकिन किसानों को कभी सहूलियत नहीं मिलती है. वहीं आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में भी राजधानी के किसान नज़र आए.
कृषि बिल से नाराज किसान
साल 2020 के सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने कृषि कानून लाया था. जिसके बाद से किसान अपनी फसल देश के किसी भी क्रय केंद्र पर बेचकर अच्छा दाम पा सकते हैं. लेकिन पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के किसान कृषि बिल से खुश नहीं नज़र आ रहे हैं. वे लगातार बिल आने के बाद से ही विरोध कर रहे हैं.
लखनऊ के किसानों की बिल पर राय
कृषि बिल पर राजधानी के किसानों से जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के मऊ गांव पहुंची. यहां के किसानों का कहना है कि सरकार चाहे जितने भी कानून में बदलाव कर ले हम किसानों की हालत जस की तस बनी हुई है. इस बिल से केवल बड़े किसानों को ही फायदा मिलता है. छोटे किसान आज भी पहले की ही तरह परेशान हैं. सरकार ने क्रय केंद्र तो खोल दिये, लेकिन उनकी फसल समय पर नहीं ली जाती है. जिससे मजबूर होकर किसान बिचौलिए को अपनी फसलें बेंच देते हैं. किसानों ने कहा कि हमें बेशक कृषि बिल की जानकारी कम हो, लेकिन हमेशा से ही किसानों को दबाया जाता रहा है. किसान देश का अन्नदाता है, अगर वो नहीं हो, तो लोगों को खाना भी नहीं मिलेगा. लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा इसे ही परेशानियां उठानी पड़ती हैं. राजधानी के किसानों ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्याएं सुनकर उनका हल निकालना चाहिए.