लखनऊ: यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election - 2022) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) केंद्र व सूबे की योगी सरकार पर हमलावर हैं. भाजपा पर निशाना (attack on BJP) साधते हुए कहा कि भाजपा ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक नहीं देना चाहती है.
शनिवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट किया - 'भाजपा सरकार ने लंबे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की मांग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है, क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है. धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है.
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भाजपा सरकार ने लम्बे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की माँग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है।
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धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 25, 2021
धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।भाजपा सरकार ने लम्बे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की माँग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 25, 2021
धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।
हालांकि, इससे पहले गुरुवार को भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा था कि यूपी सरकार गाय, गंगा और गड्ढे के मामले में फेल है. सूबे में अगले साल कई अन्य राज्यों के साथ फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. आम लोगों की भाजपा से काफी नाराजगी है और इस कारण सपा को 400 सीटें मिलने जा रही हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत को लेकर लगातार क्षेत्रों के दौरे के साथ ही जनसंपर्क को अभियान चला रहे हैं, ताकि किसी भी तरह से भाजपा को सूबे में पटखनी दी जा सके. इतना ही नहीं उन्होंने यूपी की 2022 की चुनावी जंग को जीतने के लिए 'नई हवा है, नई सपा है' का नारा भी दिया है. अखिलेश यादव के इस नारे के साथ मुलायम सिंह यादव के मुस्लिम-यादव समीकरण की परिभाषा भी बदल दी है.
वहीं, सूबे की सियासत में अखिलेश यादव की बढ़ी सक्रियता और क्षेत्रों के दौरों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी खासा सक्रिय हो गए हैं और यही कारण है कि सपा के मुस्लिम-यादव समीकरण के काट को भाजपा क्षेत्रवार विकास को मुद्दा बनाए हुए हैं. इसके अलावे पार्टी स्थानीय स्तर पर माइक्रो प्लानिंग के जरिए जनसंपर्क बढ़ाने को कार्यकर्ताओं को लगाए हुए हैं.