लखनऊ: सहारनपुर से गिरफ्तार हुए आतंकी नदीम ने शनिवार को एटीएस की पूछताछ में बताया कि उसकी पाकिस्तान के आतंकवादी हकीमुल्लाह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मुलाकात हुई थी. हकीमुल्लाह ने उसका परिचय पाकिस्तान में ही बैठे सैफुल्लाह से करवाया था. नदीम को गोरिल्ला अटैक ( lone wolf attack) के लिए चाकू से मारने की ट्रेनिंग दी गयी थी व इसके लिए उसने टारगेट भी तय कर रखे थे. गोरिल्ला अटैक के अलावा उसने ब्लास्ट करने के लिए सैफुल्लाह से ही ट्रेनिंग ले थी.
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि सहारनपुर से पकड़ा गया जैश आतंकी नदीम साल 2018 में पाकिस्तान में मौजूद जैश ए मोहम्मद सदस्य हकीमुल्लाह से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क में आया था. हकीमुल्लाह ने पाकिस्तान व अफगानिस्तान के कई आतंकी गुटों से नदीम की ऑनलाइन पहचान कराई थी. इसी ने नदीम की सैफुल्लाह से ऑनलाइन पहचान कराई थी. इसके बाद नदीम और सैफुल्लाह एक दूसरे के संपर्क में बने रहे और जिहादी गतिविधियों के बारे में चैट करने लगे. यहां तक वह अफगानिस्तान जाकर जिहाद करने की योजना बनाने लगा था.
सैफुल्लाह ने नदीम की पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान यूएई व कश्मीर में मौजूद कट्टर विचारधारा रखने वालों से ऑनलाइन पहचान करवाई थी. इसके बाद नदीम इन लोगों से चैट करने लगा था. उनसे भारत में रह रहे मुसलमानों पर कथित अत्याचार को लेकर चर्चा करता था. नदीम ने भारत से संबंधित जी मेल की फेक आईडी, वर्चुअल अकाउंट, टेलिग्राम आईडी बनाई थी. इन आईडी व अकाउंट को बना कर पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भेजा था. इसका उद्देश्य अपनी डिजिटल फुटप्रिंट छुपाना था.
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गोरिल्ला अटैक की ली ट्रेनिंग, टारगेट थे फिक्स
प्रशांत कुमार ने बताया कि सैफुल्लाह ने नदीम को IED बम बनाने का मैनुअल डॉक्यूमेंट भेजा था, जिससे वह बम बनाने में एक्सपर्ट हो सके. यही नहीं उसे गोरिल्ला अटैक ( lone wolf attack) की ट्रेनिंग देने के लिए चाकू भी चलाना सिखाया था. गोरिल्ला अटैक करने के लिए नदीम ने अपने टारगेट फिक्स कर रखे थे.
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