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अधर में पॉलिटेक्निक के 10 हजार छात्रों का भविष्य, बैक पेपर को लेकर नहीं हो पाया फैसला

उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक के करीब 10,000 छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. शैक्षिक सत्र 2019-20 के छात्र-छात्राओं के अंतिम सेमेस्टर के बैक पेपर को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. परीक्षा होगी की नहीं होगी, होगी तो कब होगी? इस सब पर प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया.

बैक पेपर को लेकर नहीं हो पाया फैसला
बैक पेपर को लेकर नहीं हो पाया फैसला
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Published : Oct 13, 2021, 2:44 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक शैक्षिक सत्र 2019-20 के इन छात्र-छात्राओं के अंतिम सेमेस्टर का बैक पेपर परीक्षा को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. परीक्षा कब होगी, होगी भी या नहीं होगी, इस सब पर प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

यह छात्र छात्राएं अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. परीक्षाएं भी हो चुकी हैं लेकिन, बैक पेपर ना होने के कारण अभी तक इन्हें डिप्लोमा नहीं मिल पाया है. जानकारों के अनुसार कोरोना की वजह से स्पेशल बैक पेपर एग्जाम नहीं हुआ. परिषद के नियमों के अनुसार स्पेशल बैक पेपर परीक्षाएं करायी जानी थीं.

उधर, प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव सुनील सोनकर ने इस मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की. उनका कहना है कि उसको समझाने में लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. यह पहला मामला नहीं है, जब प्राविधिक शिक्षा परिषद के स्तर पर की जा रही लापरवाही के कारण छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इसके पहले भी परिषद के स्तर पर कई बार लापरवाही के कारण छात्र-छात्राओं को नुकसान उठाना पड़ा.

बीते दिनों U rise portal और प्राविधिक शिक्षा परिषद के बीच डेटा के आदान-प्रदान में गड़बड़ी होने के चलते कई छात्र-छात्राओं के प्रवेश पत्र जारी नहीं हो पाए थे. इसके चलते छात्र-छात्राओं को लगातार प्राविधिक शिक्षा परिषद के कार्यालय के चक्कर काटने पड़े. परीक्षा भी कई बार टालनी पड़ेगी.

बीते दिनों प्रथम सेमेस्टर के करीब 8 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा से वंचित होना पड़ा. इनमें ज्यादातर फार्मेसी के बच्चे थे. इन्होंने साल भर कॉलेजों में फीस जमा करने के बाद पढ़ाई की. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की तरफ से विलंब शुल्क लेकर इनके दाखिले भी लिए गए, लेकिन सूचनाएं प्राथमिक शिक्षा परिषद के पास ना होने का आधार बनाकर इन परीक्षा में शामिल नहीं किया गया.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक शैक्षिक सत्र 2019-20 के इन छात्र-छात्राओं के अंतिम सेमेस्टर का बैक पेपर परीक्षा को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. परीक्षा कब होगी, होगी भी या नहीं होगी, इस सब पर प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

यह छात्र छात्राएं अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. परीक्षाएं भी हो चुकी हैं लेकिन, बैक पेपर ना होने के कारण अभी तक इन्हें डिप्लोमा नहीं मिल पाया है. जानकारों के अनुसार कोरोना की वजह से स्पेशल बैक पेपर एग्जाम नहीं हुआ. परिषद के नियमों के अनुसार स्पेशल बैक पेपर परीक्षाएं करायी जानी थीं.

उधर, प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव सुनील सोनकर ने इस मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की. उनका कहना है कि उसको समझाने में लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी. यह पहला मामला नहीं है, जब प्राविधिक शिक्षा परिषद के स्तर पर की जा रही लापरवाही के कारण छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इसके पहले भी परिषद के स्तर पर कई बार लापरवाही के कारण छात्र-छात्राओं को नुकसान उठाना पड़ा.

बीते दिनों U rise portal और प्राविधिक शिक्षा परिषद के बीच डेटा के आदान-प्रदान में गड़बड़ी होने के चलते कई छात्र-छात्राओं के प्रवेश पत्र जारी नहीं हो पाए थे. इसके चलते छात्र-छात्राओं को लगातार प्राविधिक शिक्षा परिषद के कार्यालय के चक्कर काटने पड़े. परीक्षा भी कई बार टालनी पड़ेगी.

बीते दिनों प्रथम सेमेस्टर के करीब 8 हजार छात्र-छात्राओं को परीक्षा से वंचित होना पड़ा. इनमें ज्यादातर फार्मेसी के बच्चे थे. इन्होंने साल भर कॉलेजों में फीस जमा करने के बाद पढ़ाई की. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की तरफ से विलंब शुल्क लेकर इनके दाखिले भी लिए गए, लेकिन सूचनाएं प्राथमिक शिक्षा परिषद के पास ना होने का आधार बनाकर इन परीक्षा में शामिल नहीं किया गया.

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