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यूपी में बनेंगी अस्थाई जेलें, वीडियो कांफ्रेंसिंग से बंदियों की होगी पेशी

यूपी के कारागर में अस्‍थाई जेल बनेंगी. डीजी जेल आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को पत्र भेजकर इस संबंध में निर्देश दिए हैं.

डीजी जेल आनंद कुमार
डीजी जेल आनंद कुमार
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Published : Apr 17, 2021, 9:35 PM IST

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर से कैदियों को बचाने के लिए यूपी में एक बार फिर जगह-जगह अस्‍थाई जेल बनेंगी. बंदियों को अब सीधे जेल भेजने की बजाय इन अस्‍थाई जेलों में रखा जाएगा. डीजी जेल आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को पत्र भेजकर इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्‍होंने जेलों में कोरोना टीकाकरण जारी रखने का आदेश भी दिया है. बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर उन्‍हें तत्‍काल आइसोलेट कर चिकित्‍सकीय सहायता उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अब बंदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी.

अस्‍थाई जेल बनाने का सरकार ने दिया निर्देश
गौरतलब है कि पिछले साल भी यूपी के विभिन्‍न जिलों में अस्‍थाई जेलें बनाई गई थीं. तब बंदियों को 14 दिन तक इन अस्‍थाई जेलों में रखा जाता था. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्‍हें जिला कारागार या केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया जाता था. अब एक बार फिर जब पूरे देश के साथ यूपी में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, सरकार ने अस्‍थाई जेलों को दोबारा बनाने का निर्देश दे दिया है.

अभी प्रदेश में 48 अस्थाई कारागार
43 जिलों में 48 अस्थाई कारागारें क्रियाशील हैं और उनमें लगभग 3500 बंदी हैं. पहले के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है. जिसकी वजह से तत्काल प्रदेश के शेष सभी जिलों में अस्थाई कारागारों की स्थापना कराई जा रही है.

यह भी पढ़ें-यूपी में कोरोना का कहरः 24 घंटे में मिले 27,357 मरीज और 120 की मौत

16,144 बंदियों को लगी कोरोना वैक्सीन
45 वर्ष से ऊपर के कुल 23432 बंदी वर्तमान में जेलों में बंद हैं. जिनमे से 16,144 बंदियों कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. बचे हुए बंदियों का टीकाकरण नियमित रूप से जारी है. मार्च 2020 के लॉकडाउन से अब तक कुल 492829 बंदियों का कोविड टेस्ट हो चुका है. नए बंदियों का नियमित रूप से टेस्ट कराया जा रहा है.

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर से कैदियों को बचाने के लिए यूपी में एक बार फिर जगह-जगह अस्‍थाई जेल बनेंगी. बंदियों को अब सीधे जेल भेजने की बजाय इन अस्‍थाई जेलों में रखा जाएगा. डीजी जेल आनंद कुमार ने प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को पत्र भेजकर इस संबंध में निर्देश दिए हैं. उन्‍होंने जेलों में कोरोना टीकाकरण जारी रखने का आदेश भी दिया है. बंदियों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर उन्‍हें तत्‍काल आइसोलेट कर चिकित्‍सकीय सहायता उपलब्‍ध कराने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अब बंदियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी.

अस्‍थाई जेल बनाने का सरकार ने दिया निर्देश
गौरतलब है कि पिछले साल भी यूपी के विभिन्‍न जिलों में अस्‍थाई जेलें बनाई गई थीं. तब बंदियों को 14 दिन तक इन अस्‍थाई जेलों में रखा जाता था. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्‍हें जिला कारागार या केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया जाता था. अब एक बार फिर जब पूरे देश के साथ यूपी में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, सरकार ने अस्‍थाई जेलों को दोबारा बनाने का निर्देश दे दिया है.

अभी प्रदेश में 48 अस्थाई कारागार
43 जिलों में 48 अस्थाई कारागारें क्रियाशील हैं और उनमें लगभग 3500 बंदी हैं. पहले के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है. जिसकी वजह से तत्काल प्रदेश के शेष सभी जिलों में अस्थाई कारागारों की स्थापना कराई जा रही है.

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16,144 बंदियों को लगी कोरोना वैक्सीन
45 वर्ष से ऊपर के कुल 23432 बंदी वर्तमान में जेलों में बंद हैं. जिनमे से 16,144 बंदियों कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. बचे हुए बंदियों का टीकाकरण नियमित रूप से जारी है. मार्च 2020 के लॉकडाउन से अब तक कुल 492829 बंदियों का कोविड टेस्ट हो चुका है. नए बंदियों का नियमित रूप से टेस्ट कराया जा रहा है.

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