अयोध्या: जिले के विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले के आरोपियों के बरी होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है. फैसला आने के बाद सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बनाई गई अस्थायी जेल को खाली करा दिया गया. बुधवार को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
ढांचा ध्वंस मामले में आशियाना स्थित सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल बनाई गई थी, जिसमें अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले के आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद 14 दिन क्वारंटाइन के लिए लाया जाना था. गेस्ट हाउस के ग्राउंड व फर्स्ट फ्लोर पर 16-16 कमरे हैं, जिनमें इनके ठहरने आदि की व्यवस्था की गई थी. हालांकि पुलिस ने बिल्डिंग के आस-पास बैरिकेडिंग कर रखी है. इस गेस्ट हाउस पर पुलिस फोर्स की तैनाती कर बिल्डिंग का सुरक्ष घेरा बनाया गया था. इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है. अब इनमें से बाकी 32 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई के तरफ से पेश किए गए साक्ष्य मजबूत नहीं थे.
28 वर्ष की लंबी सुनवाई के दौरान आरोपी बाला साहब ठाकरे, अशोक सिंघल, विजयाराजे सिंधिया, आचार्य गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया का निधन हो गया है. बता दें कि इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में चंपत राय बंसल, सांसद साक्षी महाराज, सांसद बृजभूषण शरण सिंह, अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कक्कड़, ओपी पांडे, रामचंद्र खत्री, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, जय भगवान गोयल और पवन पांडे आदि मौजूद रहे.
बाबरी विध्वंस मामला: आरोपियों के बरी होने के बाद खाली हुई अस्थाई जेल
विवादित बाबरी विध्वंस मामले के आरोपियों के बरी होने के बाद गेस्ट हाउस में बनाई गई अस्थाई जेल खाली करा दी गई. बुधवार को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है.
अयोध्या: जिले के विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले के आरोपियों के बरी होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है. फैसला आने के बाद सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बनाई गई अस्थायी जेल को खाली करा दिया गया. बुधवार को फैसला सुनाते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
ढांचा ध्वंस मामले में आशियाना स्थित सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल बनाई गई थी, जिसमें अयोध्या में बाबरी विध्वंस मामले के आरोपियों को सजा सुनाए जाने के बाद 14 दिन क्वारंटाइन के लिए लाया जाना था. गेस्ट हाउस के ग्राउंड व फर्स्ट फ्लोर पर 16-16 कमरे हैं, जिनमें इनके ठहरने आदि की व्यवस्था की गई थी. हालांकि पुलिस ने बिल्डिंग के आस-पास बैरिकेडिंग कर रखी है. इस गेस्ट हाउस पर पुलिस फोर्स की तैनाती कर बिल्डिंग का सुरक्ष घेरा बनाया गया था. इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है. अब इनमें से बाकी 32 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई के तरफ से पेश किए गए साक्ष्य मजबूत नहीं थे.
28 वर्ष की लंबी सुनवाई के दौरान आरोपी बाला साहब ठाकरे, अशोक सिंघल, विजयाराजे सिंधिया, आचार्य गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया का निधन हो गया है. बता दें कि इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट में चंपत राय बंसल, सांसद साक्षी महाराज, सांसद बृजभूषण शरण सिंह, अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कक्कड़, ओपी पांडे, रामचंद्र खत्री, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, जय भगवान गोयल और पवन पांडे आदि मौजूद रहे.