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मंदिर प्रशासन सावन माह को लेकर सतर्क, गर्भ गृह में भक्तों को नहीं मिलेगा प्रवेश

हिंदुओं का पवित्र माह सावन आने वाला है. सावन के माह में शिव मंदिरों में जबरदस्त भीड़ दिखाई देती है. कोरोना महामारी के कारण जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार, इस बार मंदिरों में 50 फीसदी भक्तों के प्रवेश की ही अनुमति है. वहीं सावन में होने वाली भीड़ को देखते हुए कोरोना काल में मंदिर प्रशासन ने भी कुछ नियम बनाएं हैं ताकि मंदिर परिसर में भीड़ न होने पाए.

भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.
भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.
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Published : Jun 30, 2021, 2:34 PM IST

लखनऊ: राजधानी में आठ जून से धार्मिक स्थलों को भी खोल दिया गया है. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, 50 फीसदी लोग ही मंदिर में प्रवेश पा सकते हैं. हालांकि कंटेनमेंट जाेन में धार्मिल स्थल बंद ही रहेंगे. इस बीच शहर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में खुल गए हैं. इनमें रोजाना साफ-सफाई की जाती है, सेनिटाइजेशन भी किया जाता है. धार्मिक स्थलों पर जागरूकता संबंधी पोस्टर भी लगाए गए हैं. एहतियात के तौर पर सभी ने अपने-अपने नियम भी बनाए है. अब हिंदू धर्म में पवित्र माना जाने वाला माह सावन भी आ रहा है, जिसको लेकर राजधानी लखनऊ के मंदिरों में तैयारी शुरू कर दी गई. ताकि सावन माह में मंदिरों में ज्यादा भीड़ न हो और लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

सावन के महीने में शिव मंदिरों होती है ज्यादा भीड़
मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी बताती हैं कि 8 जून से मंदिर के कपाट खुले हैं. मंदिर में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. समय-समय पर सेनिटाइजेशन भी किया जाता है. इस बार कोरोना के कारण मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए 50 फीसदी लोग ही आ सकेंगे.

सावन माह को लेकर हो रही तैयारी.

उन्होंने बताया कि हर साल सावन के महीने में मनकामेश्वर मंदिर में अत्यधिक भीड़ रहती थी. सावन को लेकर मंदिर में वे सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं जिससे भीड़ न हो और लोग भगवान के दर्शन भी कर सकें. वर्तमान में जितने भी भक्त आ रहे हैं, वह भगवान के दर्शन दूर से ही कर रहे हैं. गर्भ गृह में जाने की आज्ञा किसी को नहीं है.

मनकामेश्वर मंदिर.
मनकामेश्वर मंदिर.
ये की जा रही व्यवस्थाएं
मनकामेश्वर मंदिर में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ ही प्रवेश के लिए मास्क पहनना और सैनिटाइजर साथ में रखना अनिवार्य होगा. मंदिर में घंटा बजाने पर रोक है. इस समय मनकामेश्वर मंदिर के सभी घंटों को उतार दिया गया है. श्रद्धालुओं के लिए देव प्रतिमाओं को हाथ लगाना मना किया गया है. मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश निषेध है. बाहर से ही दर्शन कर सकते हैं. इसके साथ ही बाहर से ही भोले बाबा को जल चढ़ाने की व्यवस्था की गई है.
भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.
भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.

हनुमान सेतु मंदिर में परिक्रमा करने की मनाही है. लोग गेट पर ही फल-फूल चढाने के लिए पंडित को दे रहे हैं. अंदर से पुजारी फलफूल और मीठा भगवान को चढ़ा रहे हैं. पार्किंग की तरफ वाले रास्ते से ही प्रवेश दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में मिलेगा भक्तों को प्रवेश, कोविड संक्रमण की वजह से लगी थी रोक



अन्य मंदिरों और गुरूद्वारा में मास्क जरूरी
राजधानी लखनऊ के राजेंंद्र नगर के महाकाल मंदिर में पुजारी के अलावा गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है. अलीगंज के नए और पुराने हनुमान मंदिर, कोनेश्वर महादेव मंदिर, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, छांछी कुंआ, आनंदी माता मंदिर व संतोषी माता मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों में मास्क पहनने और सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद ही प्रवेश मिल रहा है. कैथेड्रल चर्च में भी श्रद्धालुओं को मास्क और फेस कवर का प्रयोग कर रहे हैं. परिसर में आने वाला हर श्रद्धालु गेट पर लगे सैनिटाइजर स्प्रे चैंबर से होकर ही आ रहा है. वहीं, गुरुद्वारों में मास्क का प्रयोग करने और शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए सभी 42 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से अपील की जा रही है.

लखनऊ: राजधानी में आठ जून से धार्मिक स्थलों को भी खोल दिया गया है. सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, 50 फीसदी लोग ही मंदिर में प्रवेश पा सकते हैं. हालांकि कंटेनमेंट जाेन में धार्मिल स्थल बंद ही रहेंगे. इस बीच शहर के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च में खुल गए हैं. इनमें रोजाना साफ-सफाई की जाती है, सेनिटाइजेशन भी किया जाता है. धार्मिक स्थलों पर जागरूकता संबंधी पोस्टर भी लगाए गए हैं. एहतियात के तौर पर सभी ने अपने-अपने नियम भी बनाए है. अब हिंदू धर्म में पवित्र माना जाने वाला माह सावन भी आ रहा है, जिसको लेकर राजधानी लखनऊ के मंदिरों में तैयारी शुरू कर दी गई. ताकि सावन माह में मंदिरों में ज्यादा भीड़ न हो और लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.

सावन के महीने में शिव मंदिरों होती है ज्यादा भीड़
मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी बताती हैं कि 8 जून से मंदिर के कपाट खुले हैं. मंदिर में स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. समय-समय पर सेनिटाइजेशन भी किया जाता है. इस बार कोरोना के कारण मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए 50 फीसदी लोग ही आ सकेंगे.

सावन माह को लेकर हो रही तैयारी.

उन्होंने बताया कि हर साल सावन के महीने में मनकामेश्वर मंदिर में अत्यधिक भीड़ रहती थी. सावन को लेकर मंदिर में वे सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं जिससे भीड़ न हो और लोग भगवान के दर्शन भी कर सकें. वर्तमान में जितने भी भक्त आ रहे हैं, वह भगवान के दर्शन दूर से ही कर रहे हैं. गर्भ गृह में जाने की आज्ञा किसी को नहीं है.

मनकामेश्वर मंदिर.
मनकामेश्वर मंदिर.
ये की जा रही व्यवस्थाएं
मनकामेश्वर मंदिर में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ ही प्रवेश के लिए मास्क पहनना और सैनिटाइजर साथ में रखना अनिवार्य होगा. मंदिर में घंटा बजाने पर रोक है. इस समय मनकामेश्वर मंदिर के सभी घंटों को उतार दिया गया है. श्रद्धालुओं के लिए देव प्रतिमाओं को हाथ लगाना मना किया गया है. मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश निषेध है. बाहर से ही दर्शन कर सकते हैं. इसके साथ ही बाहर से ही भोले बाबा को जल चढ़ाने की व्यवस्था की गई है.
भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.
भक्त बाहर से ही कर रहे दर्शन.

हनुमान सेतु मंदिर में परिक्रमा करने की मनाही है. लोग गेट पर ही फल-फूल चढाने के लिए पंडित को दे रहे हैं. अंदर से पुजारी फलफूल और मीठा भगवान को चढ़ा रहे हैं. पार्किंग की तरफ वाले रास्ते से ही प्रवेश दिया जाएगा.

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अन्य मंदिरों और गुरूद्वारा में मास्क जरूरी
राजधानी लखनऊ के राजेंंद्र नगर के महाकाल मंदिर में पुजारी के अलावा गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है. अलीगंज के नए और पुराने हनुमान मंदिर, कोनेश्वर महादेव मंदिर, दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, छांछी कुंआ, आनंदी माता मंदिर व संतोषी माता मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों में मास्क पहनने और सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद ही प्रवेश मिल रहा है. कैथेड्रल चर्च में भी श्रद्धालुओं को मास्क और फेस कवर का प्रयोग कर रहे हैं. परिसर में आने वाला हर श्रद्धालु गेट पर लगे सैनिटाइजर स्प्रे चैंबर से होकर ही आ रहा है. वहीं, गुरुद्वारों में मास्क का प्रयोग करने और शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए सभी 42 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों से अपील की जा रही है.

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