लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की तैनाती अब ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी. तैनाती की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से यह कदम उठाया गया है. पहली बार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से प्रवक्ता पद पर चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती इस प्रक्रिया से किए जाने का फैसला लिया गया है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस व्यवस्था में चयनित अभ्यर्थी स्वयं रिक्त महाविद्यालयों के विकल्प चुन सकते हैं और उन्हें उनकी वरीयता क्रम में महाविद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती प्राप्त हो जाएगी.
यह है व्यवस्था
- उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एनआईसी के सहयोग से सॉफ्टवेयर विकसित कराया गया है, जिसमें अभ्यर्थी स्वयं ऑनलाइन माध्यम से विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई रिक्तियों के सापेक्ष विकल्प चुनेगा. इसके बाद एनआईसी द्वारा अभ्यर्थियों के वरीयता क्रम (रैंक) के अनुसार महाविद्यालय का आवंटन ऑनलाइन किया जाएगा.
- नियुक्ति पत्र भी ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिन्हें अभ्यर्थी वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें किसी भी प्रकार का अनाधिकृत मानवीय हस्तक्षेप नहीं हो सकेगा.
- प्रथम चरण में 14 विषयों मनोविज्ञान, शिक्षाशास्त्र, सैन्य विज्ञान/रक्षा अध्ययन, समाजशास्त्र, भूगोल, प्राचीन इतिहास, उर्दू, दर्शनशास्त्र, संस्कृत, संगीत (गायन), गणित, इतिहास, राजनीति शास्त्र, मानवशास्त्र की ऑनलाइन व्यवस्था की कार्यवाही वर्तमान में की जा रही है.
- अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन डेटा/विकल्प देकर लॉक करने की अंतिम तिथि 17 जून है तथा 200 से अधिक इन अभ्यर्थियों को तैनाती स्थल के आदेश 21 जून 2021 को निर्गत किए जाएंगे.
- अन्य 09 विषयों अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी, रसायन विज्ञान, बीएड, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, वाणिज्य, गृह विज्ञान में लोक सेवा आयोग प्रयागराज द्वारा कतिपय अभ्यर्थियों के वैकल्पिक और औपबंधिक चयन होने के कारण एवं अन्य तकनीकी कारणों से इन विषयों की काउंसलिंग शीघ्र ही प्रारंभ की जाएगी.
- अभ्यर्थियों की तैनाती का आदेश जून महीने के अंत तक निर्गत किया जाएगा.
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