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लखनऊ: बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने को शिक्षक अपनाते हैं ये तरीके - लखनऊ सरकारी स्कूल

यूपी की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के गुमानी खेड़ा गांव में एक ऐसा स्कूल है, जहां बच्चों को नए-नए तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है.

बच्चों को नाच-गाना द्वारा मात्राओं का दिया जाता है ज्ञान.
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Published : Oct 12, 2019, 2:02 PM IST

लखनऊ: आमतौर पर सरकारी स्कूल का ख्याल आते ही हमें शिक्षा व्यवस्था लचर दिखाई देती है. वहीं कई शिक्षकों की मेहनत और प्रयास ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम किया है. एक ऐसा ही स्कूल लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गुमानी खेड़ा गांव में है, जहां शिक्षकों द्वारा बच्चों को नए-नए तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है.

बच्चों को नए-नए तरीके से दिया जाता है ज्ञान.

प्राथमिक विद्यालय में बच्चे कुछ अलग तरीके से ही शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस विद्यालय में बच्चे नाचते-गाते हुए दिखाई देंगे, लेकिन वह नाच-गाना एक तरीका है जिसके द्वारा बच्चों को मात्राओं का ज्ञान दिया जाता है. साथ ही स्वच्छता का संदेश भी दिया जाता है. इसके अलावा बच्चों को ऐसे ही अलग-अलग तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है.

डांसिंग पैटर्न से मात्राओं की दी जाती है जानकारी
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल वर्मा ने बताया कि बच्चों को नए-नए तरीकों से ज्ञान देने की कोशिश की जाती है. डांसिंग पैटर्न से उन्हें मात्राओं का ज्ञान दिया जाता है. स्कूल में शिक्षकों द्वारा नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर बच्चों को शिक्षित किया जाता है.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन का शिकंजा, वापस करनी होगी फीस

ईटीवी भारत ने स्कूल में शिक्षा का स्तर क्या है, यह पता करने के लिए वहां के बच्चों से बात की और उनसे सवाल भी किए. बच्चों ने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. वहीं बच्चों ने डांसिंग स्टेप के जरिए बच्चों ने मात्राओं के बारे में भी बताया. बच्चों का कहना है कि इस नए तरीके से पढ़ना उन्हें बहुत अच्छा लगता है. वह रोज स्कूल भी आते हैं.

लखनऊ: आमतौर पर सरकारी स्कूल का ख्याल आते ही हमें शिक्षा व्यवस्था लचर दिखाई देती है. वहीं कई शिक्षकों की मेहनत और प्रयास ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम किया है. एक ऐसा ही स्कूल लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गुमानी खेड़ा गांव में है, जहां शिक्षकों द्वारा बच्चों को नए-नए तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है.

बच्चों को नए-नए तरीके से दिया जाता है ज्ञान.

प्राथमिक विद्यालय में बच्चे कुछ अलग तरीके से ही शिक्षा ग्रहण करते हैं. इस विद्यालय में बच्चे नाचते-गाते हुए दिखाई देंगे, लेकिन वह नाच-गाना एक तरीका है जिसके द्वारा बच्चों को मात्राओं का ज्ञान दिया जाता है. साथ ही स्वच्छता का संदेश भी दिया जाता है. इसके अलावा बच्चों को ऐसे ही अलग-अलग तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है.

डांसिंग पैटर्न से मात्राओं की दी जाती है जानकारी
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल वर्मा ने बताया कि बच्चों को नए-नए तरीकों से ज्ञान देने की कोशिश की जाती है. डांसिंग पैटर्न से उन्हें मात्राओं का ज्ञान दिया जाता है. स्कूल में शिक्षकों द्वारा नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर बच्चों को शिक्षित किया जाता है.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन का शिकंजा, वापस करनी होगी फीस

ईटीवी भारत ने स्कूल में शिक्षा का स्तर क्या है, यह पता करने के लिए वहां के बच्चों से बात की और उनसे सवाल भी किए. बच्चों ने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया. वहीं बच्चों ने डांसिंग स्टेप के जरिए बच्चों ने मात्राओं के बारे में भी बताया. बच्चों का कहना है कि इस नए तरीके से पढ़ना उन्हें बहुत अच्छा लगता है. वह रोज स्कूल भी आते हैं.

Intro:आमतौर पर सरकारी स्कूल का ख्याल ज़हन में आते ही हमें शिक्षा व्यवस्था लचर दिखाई देती है लेकिन शिक्षकों की मेहनत और प्रयास ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम किया है एक ऐसा ही स्कूल मौजूद है राजधानी लखनऊ की मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गुमानी खेड़ा गांव में जहां शिक्षकों के द्वारा बच्चों को नए-नए तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है।


Body:ईटीवी भारत की टीम पहुंची राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गुमानी खेड़ा गांव जहां बने हुए प्राथमिक विद्यालय में हमने देखा कि बच्चे कुछ अलग तरीके से ही शिक्षा ग्रहण करते हैं। आपको इस विद्यालय में बच्चे नाचते गाते हुए दिखाई देंगे लेकिन वह नाच गाना एक तरीका है जिसके द्वारा बच्चों को मात्राओं का ज्ञान दिया जाता है तो वही स्वच्छता का संदेश भी। इसके अलावा बच्चों को ऐसे ही अलग-अलग तरीकों से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है।

प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल वर्मा ने हमें बताया कि बच्चों को नए-नए तरीकों से ज्ञान देने की कोशिश की जाती है चाहे वह डांसिंग पैटर्न हो जिससे उन्हें मात्राओं का ज्ञान होता है चाहे वह देश भक्ति गीत हो, स्कूल में शिक्षकों द्वारा नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर बच्चों को शिक्षित किया जाता है।

स्कूल में शिक्षा का स्तर क्या है यह पता करने के लिए हमने वहां के बच्चों से बात की तो उन्होंने हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। वही बच्चों ने डांसिंग स्टेप के जरिए लिखे जाने वाली मात्राओं के बारे में भी बताया।

बच्चों का कहना है कि इस नए तरीके से उन्हें बहुत अच्छा लगता है पढ़ने में और वह रोज स्कूल भी आते हैं।

बाइट- अनिल वर्मा ( प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय)
वॉक थ्रू योगेश मिश्रा (बच्चों के साथ)


Conclusion:ऐसा देखने वाली बात होगी जहां एक तरफ सरकारी स्कूल का ख्याल दिमाग में आते ही हमें शिक्षा का स्तर कमजोर नजर आता है वही गुमानी खेड़ा जैसे गांव मैं मौजूद प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के अथक प्रयास से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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