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लखनऊ: एक सप्ताह के भीतर शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के आदेश

उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं पर अब कार्रवाई की जा रही है. प्रदेश सरकार ने एक सप्ताह के भीतर शिक्षकों के दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के सत्यापन के आदेश दिए हैं. सत्यापन प्रक्रिया में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ 31 जुलाई तक कार्रवाई भी की जानी है.

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यूपी में शिक्षकों के दस्तावेजों के सत्यापन का आदेश.
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Published : Jul 13, 2020, 2:04 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों का सत्यापन एक सप्ताह में पूरा कराने का निर्देश दिया है. सत्यापन प्रक्रिया में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ 31 जुलाई तक कार्रवाई भी की जानी है.

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आराधना शुक्ला अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा .


प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से सभी जिलाधिकारी, शिक्षा निदेशक माध्यमिक, सभी उप शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संदर्भ में एक पत्र भेजा गया है. उन्होंने सभी माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षक और शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है. इस समिति में जिलाधिकारी की ओर से नामित अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य, प्रतिष्ठित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य शामिल होंगे, जबकि मंडलीय उप शिक्षा निदेशक को संबंधित जिलों में गठित होने वाली समिति का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.


पत्र में यह निर्देश भी दिया गया है कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक के स्तर से एक प्रारूप तैयार किया जाएगा. इसके आधार पर सभी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के विवरण का शैक्षिक व प्रशिक्षण अभिलेख का विवरण अनुक्रमांक, उत्तीर्ण वर्ष, प्राप्तांक पूर्णांक और बोर्ड वार, विश्वविद्यालय वार सूचनाएं संग्रह की जाएंगी. यह काम तीन दिन में पूरा कराया जाना है. जांच के लिए प्रस्तुत सभी शैक्षिक अभिलेख, प्रमाण पत्रों को जमा कराकर समिति जांच अवधि तक अपने पास सुरक्षित रखेगी. सभी जांच को पूरा कर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

ऐसी सभी जानकारियों को 15 जुलाई तक जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर से मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराया जाएगा. उनके पैन कार्ड और कोषागार से होने वाले भुगतान का विवरण भी कोषागार के ई-कुबेर प्रणाली से वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा द्वारा पोस्ट कराया जाएगा, ताकि भुगतान में दोहरेपन की स्थिति उत्पन्न न हो. जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध समिति की ओर से सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. ऐसे शिक्षकों का वेतन भी रोका जाएगा और सेवा समाप्त करने की कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी के स्तर से सुनिश्चित की जाएगी.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों का सत्यापन एक सप्ताह में पूरा कराने का निर्देश दिया है. सत्यापन प्रक्रिया में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ 31 जुलाई तक कार्रवाई भी की जानी है.

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आराधना शुक्ला अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा .


प्रदेश सरकार की अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से सभी जिलाधिकारी, शिक्षा निदेशक माध्यमिक, सभी उप शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संदर्भ में एक पत्र भेजा गया है. उन्होंने सभी माध्यमिक विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षक और शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है. इस समिति में जिलाधिकारी की ओर से नामित अपर जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य, प्रतिष्ठित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य शामिल होंगे, जबकि मंडलीय उप शिक्षा निदेशक को संबंधित जिलों में गठित होने वाली समिति का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.


पत्र में यह निर्देश भी दिया गया है कि शिक्षा निदेशक माध्यमिक के स्तर से एक प्रारूप तैयार किया जाएगा. इसके आधार पर सभी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के विवरण का शैक्षिक व प्रशिक्षण अभिलेख का विवरण अनुक्रमांक, उत्तीर्ण वर्ष, प्राप्तांक पूर्णांक और बोर्ड वार, विश्वविद्यालय वार सूचनाएं संग्रह की जाएंगी. यह काम तीन दिन में पूरा कराया जाना है. जांच के लिए प्रस्तुत सभी शैक्षिक अभिलेख, प्रमाण पत्रों को जमा कराकर समिति जांच अवधि तक अपने पास सुरक्षित रखेगी. सभी जांच को पूरा कर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

ऐसी सभी जानकारियों को 15 जुलाई तक जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर से मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड कराया जाएगा. उनके पैन कार्ड और कोषागार से होने वाले भुगतान का विवरण भी कोषागार के ई-कुबेर प्रणाली से वित्त नियंत्रक माध्यमिक शिक्षा द्वारा पोस्ट कराया जाएगा, ताकि भुगतान में दोहरेपन की स्थिति उत्पन्न न हो. जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध समिति की ओर से सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. ऐसे शिक्षकों का वेतन भी रोका जाएगा और सेवा समाप्त करने की कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी के स्तर से सुनिश्चित की जाएगी.

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